NASA अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने स्ट्रेटोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी फॉर इनफ्रारेड एस्ट्रॉनॉमी (SOFIA) के इकट्ठा किए गए डेटा के आधार पर चार सिलिका से भरपूर एस्टरॉयड्स को स्टडी (via) किया है। SOFIA हालांकि अब रिटायर हो चुका है, लेकिन इसके फेंट ऑब्जेक्ट इंफ्रारेड कैमरा (FORCAST) ने दिखाया है कि दो एस्टरॉयड्स- आइरिस (Iris) और मसालिया (Massalia) एक खास तरह की वेवलेंथ दिखा रहे हैं, जो बताता है कि इनकी सतह पर पानी के कण हो सकते हैं।
सैन एंटोनियो में साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट से, स्टडी की प्रमुख लेखिका अनीसिया एर्रेडॉनाडो का कहना है कि एस्टरॉयड सौरमंडल के बनने के समय हुई प्रक्रिया में शेष रह गए चट्टानी टुकड़े हैं। इसलिए सोलर नेबुला में ये किस जगह पर बने, इसके आधार पर इनकी संरचना अलग-अलग हो सकती है। इसमें सबसे जरूरी बात एस्टरॉयड पर पानी का पाया जाना है, क्योंकि यहीं से पता लग सकता है कि पृथ्वी पर पानी कैसे आया होगा।
इससे पहले भी पानी के कण एस्टरॉयड सैम्पलों में पाए गए हैं। लेकिन वे सैम्पल पृथ्वी पर लाने के बाद जांचे गए थे। लेकिन, ऐसा पहली बार हो रहा है जब अंतरिक्ष में मौजूद किसी एस्टरॉयड पर पानी के कणों की मौजूदगी का पता लगा हो। SOFIA को इससे पहले चंद्रमा की सतह पर भी पानी के कणों का पता लगा था। ये चांद दक्षिणी गोलार्ध में इसके सबसे बड़े क्रेटर्स में से एक में पाए गए थे। अब इन दोनों एस्टरॉयड्स पर पानी के कणों की मौजूदगी को वैज्ञानिक चांद पर पाए गए पानी की खोज से जोड़कर देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह पानी खनिज लवणों के साथ मौजूद हो सकता है। या फिर सिलिका में सोखा हुआ मौजूद हो सकता है। बहरहाल, एस्टरॉयड पर पानी की खोज होने के बाद वैज्ञानिक इस दिशा में आगे स्टडी करने में जुटे हैं।
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2024-02-15 13:55:11
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