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ऐसी है इंदौर पुलिस… 76 वर्षीय बुजुर्ग 85 बार दे चुके आवेदन, नहीं लिखी रिपोर्ट

76 वर्षीय राजेंद्र महाजन एक स्कूल चलाते हैं, एक साल पहले उनके यहां काम करने वाला व्यक्ति कमलेश गुर्जर स्कूल में घुसकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों से भरा बैग चुराकर ले गया था। महाजन ने इसकी शिकायत थाने में की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। एक के बाद एक वे 85 बार आवेदन दे चुके लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ।

By Prashant Pandey

Publish Date: Wed, 11 Dec 2024 09:50:27 AM (IST)

Updated Date: Wed, 11 Dec 2024 10:05:20 AM (IST)

पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह को व्यथा सुनाते हुए राजेंद्र महाजन।

HighLights

  1. चोरी की रिपोर्ट लिखवाने बुजुर्ग काटते रहे थाने के चक्कर।
  2. इस दौरान दो टीआई और दो पुलिस कमिश्नर बदल गए।
  3. पुलिस कमिश्नर ने एसीपी से सात दिन में मांगी है रिपोर्ट।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर(Indore News)। एक ओर तो सरकारें स्मार्ट पुलिसिंग और लोगों को त्वरित सहायता देने के दावे करती हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस का गैरजिम्मेदाराना रवैया लोगों को बार-बार थाने के चक्कर लगवाने पर मजबूर करता है। ऐसा ही एक मामला इंदौर के 76 वर्षीय बुजुर्ग का है।

चोरी की रिपोर्ट लिखवाने थाने गए एक बुजुर्ग से पुलिस ने चप्पलें घिसवा दीं। एक साल बाद भी उनकी सुनवाई नहीं की। बुजुर्ग थाने और अफसरों के कार्यालयों में 85 बार आवेदन दे चुके हैं। इस दौरान दो टीआई और दो पुलिस कमिश्नर बदल गए।

एसीपी को तलब कर लिया

मंगलवार को बुजुर्ग पुन: जनसुनवाई में पहुंचे तो कमिश्नर ने हाल में बैठे एसीपी को तलब कर लिया। एसीपी ने विवादित मामला बताया तो कमिश्नर ने सात दिन में जांच रिपोर्ट मांग ली। वाकया तिलकनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत तिलकनगर एक्सटेंशन का है।

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दस्तावेजों से भरा बैग चुरा ले गया था कर्मचारी

फरियादी 76 वर्षीय राजेंद्र महाजन इंडो किड्स स्कूल का संचालन करते हैं। आरोप है कि पिछले साल 20 दिसंबर को पूर्व कर्मचारी कमलेश गुर्जर स्कूल में घुसकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों से भरा बैग चुराकर ले गया। राजेंद्र ने इसकी लिखित शिकायत तिलक नगर थाने में की, लेकिन तत्कालीन टीआई अजय नायर ने कार्रवाई नहीं की।

मुआयना तक नहीं किया

पीड़ित ने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी सौंप दिए। राजेंद्र ने बताया कि घटना के वक्त कमलेश के साथी परीक्षित और विजय बाहर खड़े थे। थाना प्रभारी ने आवेदन तो लिया लेकिन कायमी करना तो दूर घटना स्थल का मुआयना तक नहीं किया।

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आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की

गवाह और फुटेज का परीक्षण करना भी उचित नहीं समझा। करीब दो माह पूर्व नायर लाइन अटैच हुए और उनके स्थान पर निरीक्षक मनीष लोधा को थाना प्रभारी बनाया गया। लोधा ने भी राजेंद्र के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की।

जनसुनवाई में पहुंचे बुजुर्ग

मंगलवार को पीड़ित पुलिस कंट्रोल रूम स्थित जनसुनवाई में पहुंचे और पुलिस आयुक्त संतोषकुमार सिंह से गुहार लगाई। राजेंद्र ने कहा कि मैं एक साल से चक्कर लगा रहा हूं। दो थाना प्रभारी और दो पुलिस कमिश्नर बदल चुके हैं।

तत्कालीन पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर और राकेश गुप्ता भी आश्वासन देकर चले गए। मैं हार्ट पेशेंट हूं। पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। आयुक्त ने आवेदकों को सुन रहे एसीपी (खजराना) कुंदन मंडलोई को तलब कर लिया। सख्त लहजे में कहा कि मुझे सात दिन में प्रतिवेदन चाहिए।

37 लाख की एफडी पेश कर कहा- जुर्माना लगा देना

राजेंद्र के मुताबिक आरोपित दस्तावेजों के साथ चेकबुक भी लेकर गए हैं। फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक में चेक लगा रहे हैं। मैंने अफसरों के समक्ष 37 लाख रुपये की एफडी प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रकरण की निष्पक्ष जांच कीजिए।

मेरी गलती हो तो मुझ पर जुर्माना लगा दीजिए। एसीपी कुंदन मंडलोई के मुताबिक यह प्रकरण आपसी लेनदेन से संबंधित है। स्कूल संचालक ने कर्मचारियों के नाम से गड़बड़ी की है।

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