स्पोर्ट्स डेस्क3 घंटे पहले
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टीम इंडिया 36 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट की सीरीज खेलने के लिए पहुंच चुकी है। भारत ऑस्ट्रेलिया के पांचों प्रमुख टेस्ट वेन्यू पर 1-1 मैच खेलेगा। 2018 से इन मैदानों पर भारत ने कम से कम एक मैच जरूर खेला है। पर्थ और सिडनी को छोड़कर भारत ने सभी में जीत भी हासिल की है।
पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में भारत को पहली जीत की तलाश है। वहीं सिडनी में टीम ने पिछले तीनों टेस्ट ड्रॉ ही खेले। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले 10 साल से कोई टेस्ट सीरीज भी नहीं हारी। इस बीच टीम ने 4 सीरीज 2-1 के अंतर से जीतीं। 2 अपने घर पर और 2 ऑस्ट्रेलिया में।
स्टोरी में पांचों वेन्यू की रिपोर्ट
1. ऑप्टस स्टेडियम, पर्थ: ऑस्ट्रेलिया का नया किला? पर्थ में 2 स्टेडियम हैं, एक WACA ग्राउंड और दूसरा ऑप्टस स्टेडियम। वाका में 2017 तक टेस्ट मैच खेले जाते रहे, 2018 से ऑस्ट्रेलिया ने ऑप्टस स्टेडियम को नया टेस्ट वेन्यू बना लिया। यहां पहला मैच भारत ने ही खेला था, तब विराट कोहली के बेहतरीन शतक के बावजूद ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली थी। यहां 22 नवंबर को सीरीज का पहला मैच होगा।
पर्थ में ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 4 टेस्ट खेले और चारों जीते। हर बार टीम ने पहले बैटिंग कर बड़ा स्कोर बनाया और जीत दर्ज की। यहां पेस बॉलर्स को ज्यादा मदद मिलती है, भारत ने पिछले टेस्ट में एक भी फुल टाइम स्पिनर नहीं खिलाया था। इसके बावजूद ऑफ स्पिनर नाथन लायन 27 विकेट के यहां के पर टॉप विकेट टेकर हैं।
पर्थ में पहली पारी का औसत स्कोर 456 रन है, इसलिए टीमें यहां टॉस जीतकर पहले बैटिंग करना ही पसंद करती हैं। मैच के दिन बढ़ने के साथ स्टेडियम में बैटिंग करना मुश्किल हो जाती है। मार्नस लाबुशेन 519 रन के साथ ग्राउंड के टॉप रन स्कोरर हैं। कोहली यहां 70 की औसत से रन बनाते हैं, वहीं मोहम्मद शमी 6 विकेट ले चुके हैं।
2. एडिलेड ओवल: आखिरी टेस्ट में 36 पर सिमटा था भारत एडिलेड स्टेडियम का नाम विराट के कप्तानी डेब्यू के साथ जोड़ा जाता है। जहां 2014 में उन्होंने दोनों पारियों में सेंचुरी लगाई थी, लेकिन 2020 में टीम इंडिया कोहली की कप्तानी में ही 36 रन पर ऑलआउट हो गई। जो टेस्ट में भारत का सबसे छोटा स्कोर है, यह एक डे-नाइट टेस्ट था। टीम अब फिर इस मैदान पर 6 दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट ही खेलेगी।
एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया ने एक भी डे-नाइट टेस्ट नहीं गंवाया। 2018 से टीम ने यहां कुल 6 टेस्ट खेले, टीम को 5 में जीत मिली। जबकि इकलौती हार भारत के खिलाफ 2018 में ही आई। यहां पहले बैटिंग करने वाली टीमों ने 4 और पहले बॉलिंग करने वाली टीमों ने 2 टेस्ट जीते। पहली पारी का औसत स्कोर 375 रन है। भारत ने यहां 2018 से 2 टेस्ट खेले, 1 जीता और 1 गंवाया।
विदेश के डे-नाइट टेस्ट में तीसरा सेशन अहम हो जाता है, क्योंकि लाइट्स चालू होने के बाद पिंक बॉल की स्विंग बढ़ जाती हैं। ऐसे में दोनों ही टीमें तीसरे सेशन में ज्यादातर बार गेंदबाजी करना ही पसंद करेंगी। एडिलेड में मिचेल स्टार्क 30 विकेट लेकर टॉप बॉलर हैं। कोहली यहां 63 की औसत से 509 रन बना चुके हैं। उनके नाम यहां 3 सेंचुरी हैं।
3. द गाबा, ब्रिसबेन: 2 टेस्ट हार चुकी होम टीम ब्रिसबेन का द गाबा स्टेडियम 2020 तक ऑस्ट्रेलिया का किला था। होम टीम को यहां 1988 से किसी भी टेस्ट में हार नहीं मिली थी। 2021 में फिर भारत ने यहां 3 विकेट से टेस्ट जीतकर सीरीज अपने नाम की थी। भारत के बाद इसी साल कंगारू टीम को वेस्टइंडीज ने भी हरा दिया।
ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया ने 2018 से 6 टेस्ट खेले, 4 जीते और 2 गंवाए। यहां पहले बैटिंग करने वाली टीम को एक ही बार जीत मिली, यह जीत वेस्टइंडीज ने इसी साल डे-नाइट टेस्ट में हासिल की थी। यहां बाकी मैच दिन में ही खेले गए, सभी में पहले गेंदबाजी करने वाली टीम को जीत मिली। पहली पारी का औसत स्कोर भी महज 227 रन है, इसलिए यहां टॉस जीतने वाली टीमें बॉलिंग ही चुनेगी।
भारत ने पिछले 10 साल में ब्रिसबेन में 2 टेस्ट खेले, एक जीता और एक ही गंवाया। पैट कमिंस ने पिछले 6 साल में यहां 36 विकेट लिए हैं, वहीं मार्नस लाबुशेन 497 रन बनाकर टॉप स्कोरर हैं। भारत के लिए यहां मौजूदा स्क्वॉड के ऋषभ पंत, शुभमन गिल और वॉशिंगटन सुंदर फिफ्टी लगा चुके हैं।
4. मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड: भारत यहां 12 साल से नहीं हारा मेलबर्न स्टेडियम टेस्ट क्रिकेट में अब भारत का किला बनता जा रहा है। यहां टीम इंडिया 2012 के बाद से कोई टेस्ट नहीं हारी। टीम ने इस दौरान यहां 3 टेस्ट खेले, 2 जीते और 1 ड्रॉ कराया। दोनों जीत पिछले 2 दौरों पर आईं। ऑस्ट्रेलिया ने यहां 2018 से 6 टेस्ट खेले, 4 जीते और 2 गंवाए। पहले बैटिंग करने वाली टीमों को भी 3 बार और पहले बॉलिंग करने वाली टीमों को भी 3 बार ही जीत मिली।
मेलबर्न में पहली पारी का औसत स्कोर 299 रन है। भारत ने यहां पिछला मैच पहले बॉलिंग करते हुए जीता था, तब अंजिक्य रहाणे ने सेंचुरी लगाई थी, वहीं जसप्रीत बुमराह ने 6 विकेट लिए थे। यहां पैट कमिंस 31 विकेट लेकर पिछले 6 साल में टॉप विकेट टेकर हैं। मेलबर्न में पेस को ज्यादा मदद मिलती है। तीसरी पारी में यहां तेज गेंदबाजी बहुत ज्यादा इफेक्टिव नजर आई है।
मेलबर्न में बुमराह के नाम 2 टेस्ट में 15 विकेट हैं। वहीं कोहली यहां 52.66 की औसत से 316 रन बना चुके हैं। उनके नाम यहां एक शतक भी है। ऑस्ट्रेलिया से स्टीव स्मिथ स्मिथ यहां 11 टेस्ट में 1093 रन बना चुके हैं।
5. सिडनी क्रिकेट ग्राउंड: 2 स्पिनर खिला सकता है भारत सिडनी की पिच ऑस्ट्रेलिया की बाकी पिचों से अलग है, यहां पेस के मुकाबले स्पिन को ज्यादा मदद मिलती है। भारत यहां 3 जनवरी से सीरीज का आखिरी मैच खेलेगा, इस दौरान सिडनी में बारिश की भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं। 2018 में लगातार 2 दिन बारिश होने के कारण टीम इंडिया को लगभग जीते हुए मैच में ड्रॉ से संतोष करना पड़ा था।
भारत ने यहां पिछले तीनों टेस्ट ड्रॉ ही खेले हैं। 2014 में बैटिंग पिच के कारण, 2018 में बारिश के कारण और 2021 में अपने विकेट ज्यादा गिर जाने के कारण टीम को मैच ड्रॉ कराना पड़ा था। सिडनी में पहली पारी का औसत स्कोर 436 रन है, यहां पिछले 6 साल में नाथन लायन ने सबसे ज्यादा 26 विकेट लिए हैं।
सिडनी में भारत के विकेटकीपर ऋषभ पंत एक सेंचुरी और एक फिफ्टी लगाकर 2 टेस्ट में 292 रन बना चुके हैं। विराट के नाम यहां 49.60 की औसत से 248 रन हैं, वह भी सिडनी में एक सेंचुरी लगा चुके हैं। गेंदबाजों में मोहम्मद शमी के नाम 2 टेस्ट में 8 विकेट हैं, हालांकि रणजी ट्रॉफी में वापसी के बावजूद उनका ऑस्ट्रेलिया जाना अब तक कन्फर्म नहीं हो सका है।
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