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कलेक्ट्रेट में महिला ने किया आत्महत्या का प्रयास: आत्महत्या के लिए क्यों मजबूर हो रहे लोग, अफसर नहीं सुन रहे या केवल ध्यान खींचने का उपक्रम, तीन महीने में दूसरा मामला – Sagar News

मंगलवार को कलेक्ट्रेट में जनसुनवसाई के दौरान एक महिला ने परिसर में लगे पेड़ की शाखा पर रस्सी डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। महिला पेड़ पर रस्सी डालने के बाद गले में भी रस्सी डाल चुकी थी। समय रहते सुरक्षाकर्मियों ने महिला को ऐसा करते हुए देख लिय

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यह पेड़ पीलीकोठी की ओर बने गेट के पास लगा है। महिला का कहना है कि उसकी पट्टे की जमीन दूसरी महिला के नाम हो गई। बीते पांच साल से इसके लिए आवेदन कर रही है। कोर्ट में केस हार गई है। न्याय नहीं मिल रहा है। इस कारण आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुई।

यह मामला दोपहर 12 बजे का है। कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में आत्महत्या करने का प्रयास करने का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 1 अक्टूबर को जरुआखेड़ा की राधाबाई ने डीजल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था।

महिला भूरी बाई पति सुखलाल अहिरवार निवासी बसाहरी तहसील खुरई ने बताया कि उसे शासन से जमीन मिली थी। पटवारी हल्का नंबर 5, खसरा नंबर 961/3 रकवा 0.68 हैक्टेयर है। यह जमीन 2002 में मिली थी। भूरी बाई का कहना है कि जमीन मिलने के बाद दो साल तक फसल बोई।

इसके बाद फसल नहीं बोई। पड़ती पड़ी रही। भूरी बाई का कहना है कि उसके पति सुखलाल को बहला फुसलाकर धनिया बंजारन अपने साथ रखती रही। इसी दौरान वह जमीन अपने नाम करा ली। उसकी रजिस्ट्री करा ली। जानकारी लगने पर पता किया तो सामने आया कि धनिया ने पति से मेलजोल कर जमीन खरीद ली है।

भूरी का कहना है कि बीते 10-12 साल से पति लापता है। धनिया ने बताया कि इस मामले में कोर्ट में केस भी लगाया था, लेकिन धनिया ने वहां वकील खड़े कर दिए और मैं केस हार गई।

भूरी बाई ने कलेक्ट्रेट में आरोप लगाया कि उसके पति को गायब करने में धनिया का हाथ है। साथ ही मरवाने का भी आरोप लगाया। भूरी बाई के मुताबिक बीते कई साल से उसके पति की कोई जानकारी नहीं मिल रही। वह कार्यालयों के चक्कर लगाकर थक चुकी है। इंसाफ नहीं मिल रहा है।

पंचायत ने अगस्त में बनाए गए पंचनामा में कहा- बेच दी जमीन

इस मामले में 15 अगस्त को पंचायत ने पंचनामा भी बनाया है जिसमें बताया है कि जमीन का पट्टा 2002 में भूरी बाई को दिया गया था। जमीन को बेच दिया गया है। इस पंचनामा में सरपंच अमर सींग सहित प्रेमनारायण, राजा, राहुल आदि पंचों के हस्ताक्षर हैं।

कलेक्टर से नियमानुसार अनुमति लेकर बेची जमीन

भूरी बाई के मामले में राजस्व विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पट्टे की जमीन को कलेक्टर की अनुमति से बेचा गया है। जमीन की बिक्री 2012-13 में ही हो गई। नामांतरण भी हो चुका है। यानी जमीन बेचने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। यही कारण है कि महिला भूरी बाई न्यायालय में भी केस हार चुकी है।

राधाबाई अंकसूची में जाति बदलवाने परेशान है, नहीं बदली

इससे पहले कलेक्ट्रेट में आत्मदाह का प्रयास करने वाली जरुआखेड़ा की राधाबाई अंकसूची में जाति बदलवाने के लिए परेशान है। इनके पिता यादव व माता आदिवासी हैं। अंकसूची में जाति सौंर लिखी है। इसे बदलवाकर वह यादव कराना चाहती है। 2017 से परेशान है। हाईकोर्ट से मंडल सचिव को निर्णय लेने के आदेश हुए थे।

1 अक्टूबर को आत्मदाह के प्रयास के बाद इस मामले में मंडल स्तर से फिर से कार्रवाई शुरू हुई। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी मांगी। पूरी प्रक्रिया करने के बाद सचिव ने नियमों की जानकारी देते हुए अंकसूची में जाति बदलने से मना कर दिया है। अंकसूचियों में जाति नहीं बदली गई है।

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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fsagar%2Fnews%2Fa-woman-attempted-suicide-in-the-collectorate-134063718.html
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