एसटीएफ ने जबलपुर में एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी लोन स्कैम चला रहा था। दलालों के इस समूह ने जरूरतमंदों को लोन दिलाने का झांसा देकर उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग किया और फाइनेंस कंपनियों से दोपहिया वाहन फाइनेंस कराए। इन वाहनों को गांवों में बेचा जाता था।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Mon, 30 Dec 2024 08:16:50 PM (IST)
Updated Date: Mon, 30 Dec 2024 08:28:43 PM (IST)
HighLights
- STF ने फर्जी लोन स्कैम गिरोह का किया पर्दाफाश
- दूसरों के दस्तावेजों से फर्जी लोन कर बेंची बाइक
- गांवों में बेचे गए 21 दोपहिया वाहन किए गए जब्त
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। शातिर दलाल जरुतमंदों को लोन दिलाने का लालच देकर उनके पहचान पत्र एवं आवश्यक डॉक्यूमेंट रख लेते थे। उन्हें अनभिज्ञ रखते हुए संबंधित डॉक्यूमेंट्स से दोपहिया वाहन फाइनेंस कराते थे। मामूली डाउन पेमेंट का भुगतान कर लिए गए इन वाहनों को दूर गांवों में बेच देते थे। रिकॉर्ड का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा करने वाले फाइनेंस कंपनी और बैंक के दलालों के गठजोड़ और गिरोह का एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है।
21 दोपहिया वाहन जब्त
सोमवार को एसटीएफ ने बताया कि गिरोह के सरगना रांझी निवासी प्रशांत कुशवाहा, उसके साथी रांझी निवासी इंद्रजीत कुशवाहा और सिवनी धनौरा निवासी प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। फाइनेंस में लेकर बेचे गए 21 दोपहिया वाहन जब्त किए है। गिराेह में कुछ महिलाओं के सम्मिलित होने का पता चला है। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
महिला मोबाइल लेने गई तब चला लोन का पता
रांझी निवासी गीता कुशवाहा ने बताया कि प्रशांत एवं उसके परिचित ने कुछ समय पूर्व उसे ऋण दिलाने का झांसा देकर कुछ डॉक्यूमेंट्स लिए। कुछ समय बाद ऋण स्वीकृति नहीं मिलने की बात कहकर डॉक्यूमेंट्स वापस कर दिए। एक दिन वह मोबाइल फोन खरीदने गई।
बाइक की किश्त जमा करने के लिए नोटिस
दुकान में फोन फाइनेंस के लिए डॉक्यूमेंट्स लिए गए तो दोपहिया का ऋण पेंडिंग मिला। उसने कोई दोपहिया नहीं लिया था। कुछ दिन बाद गीता को किस्त जमा करने के लिए नोटिस आया। पुलिस में शिकायत की।
डॉक्यूमेंट्स से फायनेंस कराई बाइक
जांच में पता चला कि महिला के डाक्यूमेंट्स गिरोह के इंद्रजीत तक पहुंचे। उसने असली डाक्यूमेंट्स और नकली गीता को दिखाकर दोपहिया वाहन फाइनेंस कराया। इस दोपहिया को दूसरे जिले में बेच कर दलालों ने राशि आपस में बांट लिया। जालसाजों के गिरोह तक एसटीएफ पहुंच गई।
उत्तर प्रदेश से आ रहा था तब पकड़ा गया-
जालसाजों के गिराेह का सरगना प्रशांत कुशवाहा कुछ समय से उत्तर प्रदेश में था। उसके जबलपुर आने की सूचना मिली तो एसटीएफ ने ट्रेन से उतरते ही पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपित ने इंद्रजीत, विवेक सिंह राजपूत, प्रवीण सोनी की सहायता से जालसाजी को अंजाम दिए जाने की जानकारी दी।
फर्जीवाड़े में कुछ अन्य पुरुष और महिलाओं की साझेदारी का खुलासा किया। गिरोह के प्रत्येक सदस्य की भूमिका और उनका कमीशन निर्धारित होने की जानकारी दी। फाइनेंस और बैंक प्रतिनिधियों की संलिप्तता बताया।
नामी कंपनी के एजेंट भी संलिप्त
आरोपितों ने कई नामी फाइनेंस एवं बैंक कंपनियों में जालसाजी से दोपहिया के लिए ऋण स्वीकृत कराया है। कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियों के एजेंट की संलिप्तता उजागर हुई है। संदिग्धों को एसटीएफ तलाश रही है। उन लोगों की जानकारी भी जुटाई जा रही है कि जिन्हें छदृम रुप से कंपनियों के सामने प्रस्तुत कर ऋण स्वीकृति प्राप्त की गई।
वाहनों को आभूषण कारोबारी बेचता था
गिरोह से सिवनी जिले के धनौरा का आभूषण व्यापारी प्रवीण सोनी भी जुड़ा था। वह वाहन फाइनेंस के लिए डाउन पेमेंट करता था। प्रशांत एवं इंद्रजीत को निर्धारित कमीशन का भुगतान करता था। उसके बाद फाइनेंस वाहन को गांव के किसी व्यक्ति को लगभग नए वाहन के मूल्य पर बेच देता था। प्रत्येक वाहन फाइनेंस करने पर बैंक और फाइनेंस कम्पनी के एजेंट को भी वे रुपए देते थे।
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