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कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर पूर्व महापौर ने रखा पक्ष: कहा- जिस जल कर का कांग्रेस विरोध करा रही वह सबसे ज्यादा उन्हीं के कार्यकाल में बढ़ा – Burhanpur (MP) News

बुरहानपुर में एक दिन पहले कांग्रेस पार्षदों ने परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम पहुंचकर परिसर में बैठक की। बैठक में नगर निगम अध्यक्ष और विपक्षी पार्षदों ने पिछले दिनों निगम सम्मेलन में लिए गए प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग रखी। इसे लेकर आज प्रेस कॉन

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उन्होंने कहा- सदन के पटल पर बजट आ चुका था और बैठक लगातार जारी थी, ऐसे में उनके द्वारा गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। झूठ प्रचारित किया जा रहा है। नगर निगम बुरहानपुर में 1996 तक जल दर प्रतिमाह प्रति नल कनेक्शन साढ़े सात रूपए थी। तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इन दरों में लगभग 7 गुना वृद्धि कर न्यूनतम दर साढ़े सात रूपए से 50 रूपए कर दी गई। वर्तमान में भी नगर निगम बुरहानपुर में जल कर की दर 1997-98 से आरोपित दर 50 रूपए ही है।

अब समझे पूरा मामला

दरअसल मंगलवार सुबह 11 बजे कांग्रेस से नगर निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव और करीब 18 कांग्रेसी पार्षद ऑडिटोरियम पहुंचे, लेकिन यहां ताला लगा नजर आया। ऐसे में उन्होंने बाहर ही बैठक की थी और जल कर से प्रस्ताव को खारिज करने की मांग की। वहीं महापौर माधुरी अतुल पटेल, पूर्व महापौर अतुल पटेल ने कहा-उन्होंने शहर हित की बात नहीं की। पटल पर खुद अध्यक्ष ने प्रस्ताव रखा था। आज कांग्रेस क्यों डर रही है। इससे पहले उन्होंने उनके जिलाध्यक्ष को नहीं बुलाया था। जो गलत करता है वहीं घबराता है। महापौर ने आज तक कोई गलत नाम नहीं किया।

कांग्रेस जिस कर का विरोध कर रही वह न्यायोचित

महापौर माधुरी पटेल, पूर्व महापौर अतुल पटेल ने कहा-नई योजना में 10 रूपए प्रति हजार लीटर लागत के आधार पर एक परिवार की महीने की आवश्यकता 20 हजार लीटर पानी का बिल 200 रूपए प्रतिमाह होगा। यह पूरी तरह न्यायोचित और ऐसी दर है जिसे प्रत्येक परिवार वहन कर सकता है, क्योंकि पर्याप्त मात्रा में सही समय पर मीठे पानी की आपूर्ति उचित प्रेशर के साथ की जाएगी। जिससे पानी भरने में लगने वाला समय और मोटर चलाने में लगने वाली बिजली की बचत होगी।

जल उपभोक्ता प्रभार की नई दरें नवीन जलावर्धन योजना पूर्ण होने पर ही लागू होगी। जल उपभोक्ता प्रभार की नई दरें अन्य नगरीय निकायों के समान है। आज कर बढ़ाने की बात की जा रही है, लेकिन कांग्रेस ने सात बार कर बढ़ाए। हमने चर्चा भी बुलाई कि चर्चा करें। हमारा भाजपा का चौथा कार्यकाल है। कभी संपत्तिकर और दूसरे कर नहीं बढ़ाए। कांग्रेस के लोगों निर्यात कर रोका। हारून सेठ के समय कर बढ़ा। जनता में झूठ फैला रहे हैं।

कांग्रेस का जलकर का विरोध

दरअसल कांग्रेस जल कर का विरोध कर रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि 21 अक्टूबर को जो सम्मेलन आयोजित हुआ था उसे निगम अध्यक्ष अनीता यादव ने स्थगित कर दिया था और 5 नवंबर की तारीख तय की थी, लेकिन इसी बीच सत्तापक्ष ने सम्मेलन जारी रखा और बजट सहित अन्य प्रस्ताव पारित कर लिए जिसमें करारोपण भी शामिल रहा। कांग्रेस ने इसे लेकर लगातार विरोध दर्ज कराया था। वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि सम्मेलन नियमानुसार चला था। नगर निगम आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने कहा सम्मेलन पहले ही हो चुका था इसलिए 5 नवंबर को सम्मेलन नहीं रखा।

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