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कारोबारी सुसाइड मामला-बेटा बोला-खून में कांग्रेस: राहुल गांधी ने फोन पर कहा- हम साथ हैं, बेटी बोली- मौत से पहले ‘दो पल खुशी’ गाया – Madhya Pradesh News

सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला। 8 दिन पहले 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने परमार के इंदौर और सीहोर स्थित चार ठिकानों पर छापा मारा था। परिवार का आरोप है कि प्रताड़ना से

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दूसरी ओर बेटी जिया मौत से ठीक पहले वाली रात को याद करते हुए बोली कि सुसाइड से पहले पापा ने दो पल की खुशी का गाना गाया था। हमें उम्मीद नहीं थी कि ऐसा हो जाएगा।

मनोज के बच्चों के कई कांग्रेसी नेताओं के साथ तस्वीरें हैं जो उनके घर में लगी हैं।

क्या हुआ था मनोज और उनकी पत्नी की जिंदगी में सुसाइड से पहले, भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को गुल्लक सौंपने वाले मनोज के बच्चे राजनीति के बारे में अब क्या सोचते हैं…

पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट-

शुक्रवार सुबह साढ़े 8 बजे आष्टा के कारोबारी मनोज परमार और पत्नी नेहा परमार का शव उनके ऑफिस की बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर पर लटकता मिला था। मौत के बाद उनका पोस्टमार्टम कराया गया। दोपहर करीब 12.30 बजे आष्टा से करीब 25 किमी दूर पुश्तैनी हसरपुर गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

माता-पिता के अंतिम संस्कार के कुछ देर बाद दैनिक भास्कर की टीम ने मनोज परमार के तीनों बच्चों से बात की। सभी की आंखों के आंसू सूख चुके थे, लेकिन वो अंदर से बिल्कुल टूटे हुए नजर आ रहे थे।

मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव घर में फंदे से लटके मिले थे।

मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा के शव घर में फंदे से लटके मिले थे।

बेटी जिया ने कहा – ईडी की रेड से परेशान थे पापा

18 साल की बेटी जिया ने सुसाइड से पहले क्या हुआ ये बताते हुए कहा कि मेरे पिता धार्मिक थे वो हर साल मां बगलामुखी के दर्शन करने परिवार के साथ जाते थे। वो ईडी की रेड के बाद से परेशान थे। इसीलिए 12 तारीख को माता के दर्शन करने गए। हम सब ने वहां हवन किया। देर शाम वापस आए।

खाना होटल से ही पैक करा लिया था। रात में हम साथ में टीवी देख रहे थे और बातें कर रहे थे। उस समय उन्होंने जो बातें की तब तो समझ नहीं आई लेकिन अब वो सब समझ आ रहा है कि मम्मी पापा वो सब क्यों कह रहे थे।

जिया ने कहा कि उस समय थोड़ा अजीब लगा था, लेकिन ये नहीं सोचा था कि वो इतना बड़ा कदम उठा लेंगे। पापा पिछले 7 साल से परेशान चल रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो रहा था। ईडी की रेड और उनके द्वारा की गई बदतमीजी के चलते वो शायद ज्यादा सदमे में आ गए थे।

मम्मी ने उनके साथ ये कदम क्यों उठाया इसके पीछे की शायद यही वजह रही होगी कि उन्होंने सोचा होगा पापा के बिना वो इस दुनिया में क्या करेंगी। वो उनसे बहुत प्यार करती थीं। पापा के साथ वो भी उनको लेकर परेशान थीं।

बेटा जतिन बोला- ईडी रेड में वीडी शर्मा का हाथ

बड़े बेटे जतिन ने आरोप लगाते हुए कहा कि पापा ने ईडी रेड के बारे में पता कराया था। उन्हें पता चला था कि इसके पीछे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का हाथ है।

जतिन ने कहा कि हम कांग्रेसी हैं। हमारे खून में दादा से समय से कांग्रेस है। हमारे घर में जितनी कांग्रेसी नेताओं की तस्वीरें हैं, वो सब हमारे साथ हैं। पिता के साथ एक भी नेता की तस्वीर नहीं। प्रवर्तन निदेशालय की जो टीम आई थी, वो पिताजी से बार-बार यही कह रही थी कि अपने बच्चों को भाजपा ज्वाइन करा दे तो बच जाएगा। आठ दिन बाद ही हमारे पिता की मौत हो गई और हम अनाथ हो गए।

‘राहुल को गुल्लक गिफ्ट करने का आइडिया छोटे भाई का’

बेटी जिया ने कहा- राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुल्लक गिफ्ट करने का आइडिया मेरे छोटे भाई यश राज परमार का था। जब भारत जोड़ो यात्रा हमारे यहां से निकली थी तब मेरे छोटे भाई ने उन्हें अपना गुल्लक भेंट करने की बात कही थी।

वो पिछले एक साल से गुल्लक में पैसे जोड़ रहा था। तब हमारे पिता भी यहां नहीं थे, वो दिल्ली गए हुए थे। हम खंडवा-बुरहानपुर के पास से गुजर रही यात्रा में गए तो राहुलजी ने गुल्लक ली और हमसे मुलाकात की। इसके बाद हम लगातार कांग्रेस के नेताओं से मिलते रहे।

भारत जोड़ो यात्रा में मनोज के बच्चों ने राहुल को गुल्लक दिया था।

भारत जोड़ो यात्रा में मनोज के बच्चों ने राहुल को गुल्लक दिया था।

बीजेपी नेता ने कहा-गुल्लक गैंग कांग्रेस को काला धन दे रही

हम अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मध्य प्रदेश में कई तरह के मुद्दों पर वीडियो बनाते हैं। नेताओं से मिलते हैं। ये बात भाजपा को हजम नहीं हुई। जिस दिन हमारे घर ईडी की रेड पड़ी थी उसके अगले ही दिन बीजेपी के नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा था कि हमारे पिताजी गुल्लक गैंग बनाकर कांग्रेस को काला धन दे रहे हैं।

पहले तो मैं ये कहना चाहूंगी कि ये कोई गैंग नहीं है। हम भाई-बहनों की टीम है। जब भी हम भाई बहनों में से किसी का भी गुल्लक भर जाता है, हम देशहित की लड़ाई लड़ रहे लीडर्स को गुल्लक भेंट करते हैं।

दूसरी बात बीजेपी नेता को रेड की जानकारी कैसे लगी कि हमारे घर पर ही रेड पड़ी है। ये सब उन्हीं की साजिश है।

राहुल को अपनी गुल्लक गिफ्ट करने वाले मनोज परमार के छोटे बेटे यश (13) ने कहा, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा चल रही थी। हमने भी सोचा हम भी ज्वाइन करेंगे। पैसों की भी जरूरत पड़ेगी तो मैं अपना गुल्लक लेकर उनके पास गया था। इसके बाद हमने लगातार कई कांग्रेस लीडर्स को गुल्लक भेंट किया। भाजपा के नेता मेरे भाई बहनों को गैंग कह रहे हैं झूठ बोलना उनका काम है। वो हमसे चिढ़ते थे, हमारे काम से चिढ़ते थे। इसीलिए पापा पर दबाव बनाया। बड़े बेटे ने कहा, ईडी लोग पापा से कह रहे थे बच्चों को भाजपा ज्वाइन करा दो।

प्रॉपर्टी डीलर थे और IOWF नाम का NGO चलाते थे मनोज

छोटे बेटे यश ने बताया हमारे पापा प्रॉपर्टी डीलर थे। इसके साथ ही वो IOWF नाम का NGO चलते थे। ये NGO बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देने का काम करता था। उनका फर्नीचर का भी काम था। वो अलग-अलग बैंकों में फर्नीचर का काम करने का ठेका लेते थे।

मनोज के मामा नरेश परमार ने बताया कि मनोज गांव से आष्टा 2010 में गया था। पहले उसने लोहे की अलमारी वगैरह की दुकान खोली थी। इसके बाद बस स्टैंड पर ऑटोपार्ट्स की दुकान खोली। वो प्रॉपर्टी डीलर भी था। उसके ऑफिस वाली बिल्डिंग में सहकारी बैंक भी किराए पर है।

एक ही मामले में तीन बार केस कैसे लग सकता है

मनोज के बड़े भाई राजेश परमार ने कहा, एक ही मामले में तीन बार केस कैसे लग सकता है जबकि एक बार वो हाईकोर्ट से बरी हो गया था। पहले बैंक से लोन के मामले में उस पर लोकल पुलिस ने केस किया फिर सीबीआई ने मामला दर्ज कर उसे जेल भेजा अब ईडी ने छापेमारी की। वो इससे परेशान था। उसने हमसे और कई जानने वालों से भी अपनी परेशानी बताई थी।

मामा के साथ उनका काम संभालने वाले भांजे रोहित ने बताया कि एडी की रेड के बाद मामा कहते ऐसे ही कहते थे कि अब मारना पड़ेगा लेकिन तब मुझे उनका कहना इतना सीरियस नहीं लगा कि वो ऐसा कदम उठा लेंगे।

इसी जगह मनोज और उनकी पत्नी नेहा ने खुदकुशी की।

इसी जगह मनोज और उनकी पत्नी नेहा ने खुदकुशी की।

एसडीओपी ने कहा-राजनीतिक दबाव नहीं है

मामले की जांच कर रहे एसडीओपी ने कहा, पहले दिन प्राथमिक कार्रवाई कर ली है। 14 तारीख को परिजनों के बयान दर्ज करेंगे। बयान दर्ज होने के बाद हम प्रत्येक बिंदु को परीक्षण में लेंगे। न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी। जांच जारी है। हमारे ऊपर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है।

हम फेयर इनवेस्टिगेशन करेंगे। मनोज के खिलाफ एक ही मामले में 2 प्रकरण दर्ज थे। अभी उसी मामले में तीसरी एफआईआर ईडी दर्ज करने वाली थी। ये 420 का मामला था।

इन मामलों से पहले उन पर 376 का मामला 28 मार्च 2017 में दर्ज हुआ था। उसमें वो तीन महीने में ही बरी हो गए थे। अक्टूबर 2017 में आष्टा पुलिस ने उनपर 420 का मामला दर्ज किया था। इसके 15 दिन बाद सीबीआई ने जांच शुरू कर दिसंबर 2018 में उनपर एफआईआर दर्ज की थी। साल 2020 तक वो 3 बार कुल ढाई साल जेल में रहे। अभी जमानत पर बाहर थे।

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