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कृष्णा गुरुजी ने बताया होली के रंगों का छिपा संदेश: हर रंग में है जीवन का गहरा अर्थ, जानें क्यों खेलते हैं अलग-अलग रंगों से होली – Indore News

होली 2025 में भारत का सबसे रंगीन त्योहार आने वाला है। यह त्योहार सिर्फ रंगों की मस्ती का नहीं है। यह जीवन के गहरे संदेश को भी दर्शाता है। शहर के आध्यात्मिक विद्वान कृष्णा मिश्रा गुरुजी ने बताया कि प्रकृति की तरह मनुष्य के स्वभाव में भी विविधता होती ह

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गुरुजी कहते हैं- होली हमें एक महत्वपूर्ण सीख देती है। हमें एक-दूसरे की भिन्नताओं को स्वीकार करना चाहिए। सभी को प्रेम और सौहार्द के रंग में रंगकर एक साथ रहना चाहिए। यही होली का असली संदेश है। होली सिखाती है कि जैसे सभी रंग मिलकर एक खूबसूरत तस्वीर बनाते हैं, वैसे ही समाज में सभी लोग मिलकर सुंदर समाज का निर्माण करते हैं। यह त्योहार हमारी एकता और भाईचारे का प्रतीक है।

समान शरीर, लेकिन अलग स्वभाव

कृष्णा गुरुजी कहते हैं- सभी मनुष्यों के शरीर समान होते हैं, लेकिन उनके स्वभाव और व्यवहार उन्हें अलग पहचान देते हैं। होली हमें यह याद दिलाती है कि भले ही हमारे विचार, आदतें और जीवनशैली अलग-अलग हों, लेकिन हम प्रेम और एकता के रंग में एक हो सकते हैं।”बुरा ना मानो, होली है” का वास्तविक अर्थ”बुरा ना मानो, होली है” यह प्रसिद्ध वाक्य केवल एक मजाक नहीं, बल्कि एक गहरा संदेश भी देता है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने पुराने मतभेदों, गलतफहमियों और नकारात्मकता को छोड़ देना चाहिए। जिस प्रकार रंग सभी को एक समान रंग देते हैं, उसी प्रकार हमें भी बिना किसी भेदभाव के सभी को अपनाना चाहिए और प्रेमपूर्वक इस पर्व को मनाना चाहिए।

कलियुग में होली का असली अर्थ

गुरुजी ने कहा आज के समय में होली केवल रंग खेलने का पर्व नहीं है, बल्कि यह आपसी मतभेदों को मिटाने का अवसर भी है। जब हम लोगों के स्वभाव को समझते हैं और फिर भी उन्हें प्रेम से अपनाते हैं, तब हम होली का असली महत्व समझते हैं। होली 2025 हमें रिश्तों को मजबूत करने और प्रेम और सद्भाव पर आधारित समाज बनाने का एक सुनहरा अवसर देती है।

प्रेम के रंगों से होली मनाएं

कृष्णा गुरुजी ने कहा सच्ची होली केवल बाहरी रंगों से खेलने में नहीं, बल्कि अपने हृदय को प्रेम, आनंद और करुणा से भरने में है। होली का उत्सव हमें अपने रिश्तों को और अधिक मजबूत करने और खुशियां बांटने का अवसर देता है।इस होली 2025 पर, आइए हम रंगों से आगे बढ़कर इस पर्व के वास्तविक अर्थ को अपनाएं—स्वीकार्यता, एकता और निश्छल प्रेम। यह पर्व सभी के लिए शांति, खुशी और मेलजोल लेकर आए!

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