बैतूल की पीएम श्री केंद्रीय स्कूल के विद्यार्थियों ने बैग लेस दिवस के अंतर्गत डोकरा आर्ट की कार्यशाला में अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया। इस कला प्रशिक्षण में भोपाल से एमए फाइन आर्ट (पेंटिंग) के विशेषज्ञ आशीष कुशवाहा विशेष रूप से मौजूद रहे।
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दिनभर चली इस गतिविधि में कक्षा छठवीं, सातवीं और आठवीं के विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ क्ले, पेंट, नारियल के खोल और अन्य सामग्रियों का उपयोग कर विभिन्न कलात्मक वस्तुएं बनाईं।
एमपी,छग की पारंपरिक कला है डोकरा
प्राचार्य आरएन पांडेय ने बताया कि डोकरा आर्ट मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला है। जिसमें मिश्रित धातु का उपयोग कर मूर्तियों और कलाकृतियों का निर्माण किया जाता है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आयोजित बैग लेस डे का उद्देश्य छात्रों को पारंपरिक और रोजगारोन्मुख कौशल के प्रति प्रेरित करना है।
उन्हाेंने बताया कि इस तरह की कार्यशालाएं विद्यार्थियों की रुचि को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जा रही हैं, ताकि वे इनमें निपुण होकर इसे भविष्य में रोजगार का माध्यम बना सकें। इस कार्यशाला को सफल बनाने में कला शिक्षिका सीमा साहू, संजय सोनी, दिलीप डांगे, केसी साहू, सुरजाये, मुकेश यादव और खातरकर का विशेष योगदान रहा।
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