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केले के तने से चटाइयां बनाकर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं: “एक जिला-एक उत्पाद” योजना के तहत जिला प्रशासन कर रहा प्रशिक्षित – Burhanpur (MP) News

बुरहानपुर अपने केले की खेती के लिए पूरे देश में जाना जाता है। केला यहां की प्रमुख फसल है। यहां करीब 25 हजार 239 हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी खेती होती है। जिले के 18 हजार 625 किसान ये फसल लगाते हैं।

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“एक जिला-एक उत्पाद” योजना के तहत जिला प्रशासन ने केले के तने के रेशे का उपयोग कर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया है। स्व सहायता समूह की महिलाओं को इस काम के लिए तकनीकी मार्गदर्शन के साथ साथ प्रशिक्षित किया जाता है। केले के तने से तैयार किए जाने वाले उत्पादों में चटाइयां, पर्स, टोकरियां, झूमर, तोरण, फाइल फोल्डर, पेन स्टैंड, टोपियां और की-रिंग शामिल हैं।

एक मीटर की चटाई 2 घंटे में करती हैं तैयार अब सामुदायिक भवन दर्यापुर में महिलाएं केले के तने के रेशे से चटाई बना रही हैं। एक मीटर चटाई बनाने में 2 घंटे का समय लगता है और प्रत्येक चटाई से 200 रुपए की आमदनी होती है। महिलाओं के अनुसार विविंग मशीन की मदद से चटाई बनाना समय की बचत करता है और चटाई की फिनिशिंग भी अच्छी आती है। इस मशीन को तमिलनाडु से मंगवाया गया है।

इसके अलावा फाइबर एक्सट्रेक्टर मशीनों की सहायता से तने से रेशा आसानी से निकाला जाता है। इस पहल से महिलाओं को न केवल रोजगार मिल रहा है।

उत्पादों में पर्स, टोकरियां, झाड़ू, फाइल फोल्डर, पेन स्टैंड, झूमर, तोरण, टोपियां और की-रिंग शामिल है।

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