एक डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया जाएगा, जो मरीजों से उनके स्वास्थ्य और समस्याओं के बारे में सवाल पूछेगा, जैसे – क्या आपको दर्द हो रहा है? खाने-पीने में दिक्कत तो नहीं? आपको सबसे ज्यादा तकलीफ किस चीज से हो रही है? मरीजों से मिले इन जवाबों का विश्लेषण करके डॉक्टर उनके लिए बेहतर उपचार योजना बना सकेंगे।
By mukesh vishwakarma
Publish Date: Fri, 14 Mar 2025 11:07:44 PM (IST)
Updated Date: Fri, 14 Mar 2025 11:14:17 PM (IST)
HighLights
- कैंसर मरीजों की जिंदगी बेहतर बनाएगा डिजिटल प्रोजेक्ट।
- एम्स भोपाल को मिला 20 लाख रुपये का अनुसंधान अनुदान।
- शोध आईआईटी इंदौर के नवाचार केंद्र के सहयोग से करेंगे।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। एम्स भोपाल को कैंसर मरीजों की जीवन गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बड़ी उपलब्धि मिली है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने डिजिटल आन्कोलाजी (कैंसर देखभाल) के लिए एम्स भोपाल को 20 लाख रुपये का अनुसंधान अनुदान प्रदान किया है। यह शोध आईआईटी इंदौर के नवाचार केंद्र के सहयोग से किया जाएगा।
ऐसे होगा मरीजों की जिंदगी पर असर
- इस परियोजना के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कैंसर मरीजों के इलाज के बाद उनकी जीवन गुणवत्ता (क्वालिटी आफ लाइफ) पर शोध किया जाएगा।
- इसके लिए एक डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किया जाएगा, जो मरीजों से उनके स्वास्थ्य और समस्याओं के बारे में सवाल पूछेगा, जैसे – क्या आपको दर्द हो रहा है? खाने-पीने में दिक्कत तो नहीं?
- आपको सबसे ज्यादा तकलीफ किस चीज से हो रही है? मरीजों से मिले इन जवाबों का विश्लेषण करके डॉक्टर उनके लिए बेहतर उपचार योजना बना सकेंगे।
एम्स भोपाल में कैंसर मरीजों की स्थिति
- एम्स भोपाल कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर (सीटीसी) में हर साल 6000 से अधिक नए मरीज इलाज के लिए आते हैं।
- इनमें से 40-50 प्रतिशत मरीज सिर और गर्दन के कैंसर से पीड़ित होते हैं।
- जबकि स्तन और स्त्रीरोग संबंधी कैंसर भी बड़ी संख्या में देखे जाते हैं।
- कैंसर का इलाज केवल बीमारी को ठीक करना नहीं, बल्कि मरीजों की जीवनशैली को बेहतर बनाना भी है।
अनुसंधान अनुदान मिलने के बाद एम्स भोपाल के निदेशक व अन्य डाॅक्टर। सौ एम्स भोपाल।
डिजिटल हेल्थ में बड़ी पहल
इस परियोजना से कैंसर मरीजों की शारीरिक और मानसिक सेहत, सामाजिक जुड़ाव और इलाज के प्रभावों का मूल्यांकन किया जाएगा। भारत में अभी तक ऐसा कोई डिजिटल टूल नहीं था जो कैंसर मरीजों की जीवन गुणवत्ता को माप सके। यह शोध इस कमी को पूरा करेगा और कैंसर मरीजों को बेहतर देखभाल और व्यक्तिगत उपचार समाधान देगा।
भारत में कैंसर मरीजों की मृत्यु दर पश्चिमी देशों की तुलना में अधिक है। इस शोध से हम एक ऐसा डिजिटल उपकरण विकसित करेंगे, जो भारतीय मरीजों की जरूरतों के अनुसार उनकी जीवन गुणवत्ता को माप सके। इससे कैंसर मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा और उनका जीवन आसान बनेगा।
प्रो. अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक, एम्स भोपाल।
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