वॉशिंगटन1 घंटे पहले
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6 जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद की बिल्डिंग यूएस कैपिटल हिल पर जुटे ट्रम्प समर्थक। इन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को रद्द करने की मांग की। बाद में सुरक्षाबलों ने इन्हें खदेड़ दिया।
अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर 6 जनवरी 2021 को हमले के दो आरोपियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का क्षमादान स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। द गार्जियन के मुताबिक आरोपी जेसन रिडल और पामेला हेम्पहिल का कहना है कि कैपिटल हिल पर जो भी किया गया था, वह माफी के काबिल नहीं है।
71 साल की हेम्पहिल ने कहा अगर वो क्षमादान स्वीकार कर लेंगी तो इससे यह मैसेज जाएगा कि 6 जनवरी का हमला एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन था। हेम्पहिल को 2022 में कैपिटल हिल में अवैध रूप से प्रदर्शन और धरना देने लिए दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद उन्हें 60 दिन की जेल और तीन साल पुलिस निगरानी में रहने की सजा मिली थी।
वहीं, दूसरी तरफ जेसन रिडल जिन्हें 90 दिन की जेल और 750 डॉलर का जुर्माने की सजा सुनाई गई थी, उन्होंने भी क्षमादान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। रिडल ने न्यू हैम्पशायर पब्लिक रेडियो (NHPR) से कहा- जब भी नौकरी देने वाली कोई कंपनी मेरा बैकग्राउंड देखेगी तो उसे मेरे ऊपर लगे आरोप नजर आएंगे। राष्ट्रपति का क्षमादान स्वीकार करने से ये और ज्यादा हाईलाइट होंगे।
6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल हिल में हिंसा के दौरान शामिल जेसन रिडल की तस्वीर। तस्वीर- US जस्टिस डिपार्टमेंट
ट्रम्प ने दी कैपिटल हिंसा के दोषियों को माफी
ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनते ही 6 जनवरी 2021 को हुई कैपिटल हिल हिंसा के आरोप में गिरफ्तार हुए अपने करीब 1600 समर्थकों की सजा माफ कर दी है। जिन लोगों की सजा माफ हुई है उनमें कई देशद्रोह की साजिश जैसे मामलों के दोषी करार दिए जा चुके हैं।
ये सभी लोग ट्रम्प के समर्थक थे। ट्रम्प का मानना है कि ये सभी देशभक्त हैं। जस्टिस डिपार्टमेंट ने उनके साथ गलत बर्ताव किया।
ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ लेने के सिर्फ 6 घंटे के अंदर ही बाइडेन के 78 फैसलों को पलट दिया था।
4 पॉइंट्स में जानिए कैपिटल हिंसा क्या है?
1. अमेरिका में 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में ट्रम्प के समर्थकों ने हिंसा की थी। 3 नवंबर 2020 को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग में बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 इलेक्टोरल वोट मिले। नतीजे सामने आते ही ट्रम्प और उनके समर्थकों ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए।
2. वोटिंग के 64 दिन बाद जब अमेरिकी संसद बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने में जुटी तो ट्रम्प के समर्थक संसद में घुस गए। वहां तोड़फोड़ और हिंसा की। इसमें एक पुलिस अफसर समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा के बाद ट्रम्प पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगा था।
3. 18 महीने तक मामले की जांच चली। जांच कमेटी ने एक 845 पेज की रिपोर्ट तैयार की। इसमें ट्रम्प को दोषी ठहराया गया। उनके खिलाफ क्रिमिनल केस चलाने की सिफारिश की गई। इसके लिए 1000 चश्मदीदों के बयान दर्ज किए गए थे।
4. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जांच कमेटी ने ट्रम्प पर राष्ट्रपति चुनाव में हार के फैसले को पलटने, विद्रोह भड़काने, आधिकारिक कार्रवाई में बाधा डालने, साजिश रचने, झूठे बयान देने और देश को धोखा देने के आरोप लगाए थे।
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