उज्जैन पुलिस के एक कॉन्स्टेबल वीडियो रील को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। वीडियो में वे पुष्पा-2 के किरदार एसपी शेखावत के लुक में नजर आ रहे हैं। कॉन्स्टेबल ने थाने की टेबल पर पैर रखकर वीडियो बनाया है।
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कॉन्स्टेबल रणवीर सिंह उज्जैन शहर से करीब 50 किमी दूर महिदपुर रोड थाने में पदस्थ हैं। वीडियो पर उनका कहना है कि इसे उन्होंने ही बनाया है, लेकिन किसी ने इसे पुष्पा-2 फिल्म की क्लिप के साथ एडिट कर वायरल कर दिया। थाना प्रभारी मदन पंवार का कहना है कि कॉन्स्टेबल से गलती हो गई है। समझाईश दी है।
क्या होती है ट्रोलिंग
ट्रोलिंग का मतलब है चिढ़ाना या खिंचाई करना। सोशल मीडिया की घुसपैठ बढ़ी, तो इसे ट्रोलिंग का नाम दिया गया। सोशल मीडिया ट्रोलिंग की शुरुआत 1980 से हुई। इस समय इंटरनेट धीरे-धीरे अपना दायरा बढ़ाने में लगा था और दुनिया इसमें सिमटनी शुरू हो गई थी।
ट्रोलिंग साइबर बुली भी है, जो बेवजह की बहस, गालियों का इस्तेमाल या अभद्र और अश्लील मैसेज भेजकर हो सकती है। ट्रोलर्स की खासियत होती है कि वे ग्रुप में ट्रोल करते हैं, फेक अकाउंट बनाकर सोशल नेटवर्क पर नफरत फैलाते हैं और सबसे खास बात है कि वे जिन लोगों को ट्रोल कर रहे होते हैं, उन्हें जानते तक नहीं हैं।
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