अक्षता ने अपनी उपलब्धि को इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा, कोई भी सपना कभी भी बहुत बड़ा या क्रेजी नहीं होता। खुद पर भरोसा रखें और काम करते रहें! मेरा वादा है कि अगर आप कड़ी मेहनत करेंगे तो वहां जरूर पहुंचेंगे।
अक्षता की शिक्षा की बात करें, तो उन्होंने MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी) से पीएचडी की है। वह उन चुनिंदा भारतीयों में से हैं, जिन्हें फुल-टाइम नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (Nasa JPL) के साथ काम करने का मौका मिला है। लिंक्डइन पर उनकी प्रोफाइल से पता चलता है कि अक्षता, नासा में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर और मिशन साइंस फेज लीड की जिम्मेदारी निभा रही हैं। वह पिछले करीब 5 साल से नासा में काम कर रही हैं।
13 साल पहले पहुंचीं अमेरिका, लक्ष्य पर डटी रहीं
इंस्टाग्राम पर अपनी जर्नी शेयर करते हुए अक्षता ने बताया है कि वह 13 साल पहले अमेरिका गईं। उनका सपना था नासा में काम करना और पृथ्वी व मंगल से जुड़े साइंस व रोबोटिक ऑपरेशंस को लीड करना। क्योंकि वीजा में वह एक विदेशी नागरिक थीं, इसलिए कई लोगों ने उन्हें उनका फील्ड बदलने की सलाह दी। कहा कि कुछ और प्लान करो। अक्षता के मुताबिक वह अपने लक्ष्य पर फोकस्ड रहीं। एमआईटी से पीएचडी ने उनके नासा में पहुंचने का रास्ता खोल दिया।
पर्सवरेंस रोवर ने जुटाए थे मंगल से सैंपल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के पर्सवेरेंस रोवर (Perseverance rover) ने मंगल ग्रह से सैंपल जुटाए थे। नासा ने इसी काम की बात शेयर की है। उनके वीडियो को 7 लाख से ज्यादा व्यूज मिले हैं।
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2023-12-05 10:25:56
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