17 और 18 अक्टूबर को भोपाल में हुई माइनिंग कॉन्क्लेव के बाद गुरुवार को खनिज ब्लॉकों से जुडे़ मामलों के निपटारे के लिए पहली बार वर्चुअल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में 14 जिलों के कलेक्टर, DFO और खनिज ब्लॉकों के संचालन करने वाली औद्योगिक संस्थाओं के संचालक औ
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पहली बार खनिज ब्लॉक को लेकर ऐसे स्टेकहोल्डर्स की मीटिंग हुई। जो खनिज ब्लॉक और माइनिंग इंडस्ट्री के संचालन में सीधे तौर पर जुडे़ होते हैं। कई बार उद्यमियों को कई प्रकार की एनओसी लेने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं। लेकिन, गुरुवार को हुई बैठक में एक-एक जिले के खनिज ब्लॉक से जुडे़ मामलों पर चर्चा हुई और कलेक्टर, फॉरेस्ट, रेवेन्यु डिपार्टमेंट्स के अफसरों से चर्चा के बाद तुरंत समाधान का रास्ता निकाला गया।
इन जिलों के अधिकारी जुडे़ सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, सतना, रीवा, छतरपुर, बालाघाट, ग्वालियर, सीधी, बैतूल, सिवनी, झाबुआ, खरगोन, श्योपुर, कटनी, डिंडौरी, धार, निवाड़ी
मुख्य रूप से ऐसे मामलों पर हुई चर्चा
अल्ट्राटेक सीमेंट के अधिकारियों ने खनिज संसाधन विभाग द्वारा हर स्तर पर काम में की जा रही मदद का जिक्र करते पिछले 15 दिनों में महत्वपूर्ण प्रगति की बात कही। अल्ट्राटेक के यह मामले सुलझाए गए.. गढ़ी उपचा चूना पत्थर खंड (श्योपुर): पहले चरण की फॉरेस्ट की मंजूरी मिली। सतना ज़िले के रामास्थान चूना पत्थर खंड के संचालन के लिए जरूरी मुद्दों का समाधान किया गया। बाजना लौह अयस्क खंड (छतरपुर): भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सक्रिय रूप से सुलझाया जा रहा है।
सिंगरौली और उमरिया के कुल 35 कोल ब्लॉक (कोयला खंडों) के भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट संबंधी मुद्दों का समाधान किया गया। धिरौली कोयला खंड (सिंगरौली): मार्च 2025 तक संचालन शुरू होने की उम्मीद। बंधा ओपन कास्ट कोयला खदान (सिंगरौली) और शहापुर ईस्ट कोयला खदान (उमरिया): जून 2025 तक संचालन शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है।।
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