चौराहे पर सिग्नल ही नहीं, इसलिए होती है गफलत
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हमीदिया रोड का काम पिछले ढाई महीने से चल रहा है। इस रोड को एक महीने में बन जाना था, लेकिन अब तक इसका काम पूरा नहीं हो सका है। भोपाल टॉकीज चौराहे से नादरा बस स्टैंड रोड पर पानी और सीवेज की लाइन इस सड़क के लिए अड़चन बन गई है। इसके कारण करीब 50 मीटर की रोड नहीं बन पा रही है।
हमीदिया रोड सीमेंटेड बनी है। यह एक फीट तक ऊंची हो गई है। जबकि, नादरा से घोड़ा नक्काश रोड डामर की है। दोनों सड़कें तो बन गई हैं, पीडब्ल्यूडी अभी यह नहीं तय कर पाया है कि चौराहे की ऊंचाई कितनी रखी जाए। इसे डामर, पेवर ब्लॉक या सीमेंट का बनाएं। दोनों सड़क के बीच यह चौराहे पर सिग्नल भी नहीं हैं। इससे ट्रैफिक बुरी तरह फंसता है।
किनारे की लेन बनी नहीं, बीच में खड़ी हो रहीं गाड़ियां
नादरा बस स्टैंड के पास की सड़क फोर लेन है। तीन लेन बन गई हैं, लेकिन किनारे की एक लेन नहीं बनी है। ऐसे में व्यापारी और जनता, सभी गाड़ियां सड़क पर ही पार्क करते हैं।
हमीदिया रोड पर प्रतिघंटे 15 हजार वाहन, मैन्युअल चल रहा टैफिक ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक हमीदिया रोड पर प्रति घंटे 15000 से ज्यादा यात्री वाहन निकलते हैं। शाम के समय लोड बढ़ता है। चौराहों पर सिग्नल नहीं होने से मैन्युअली ट्रैफिक चलाया जातजा है। इस वजह से जाम की समस्या और बढ़ रही है।
तीन एजेंसियां कर रही काम यहां सड़क का काम पीडब्ल्यूडी कर रहा है। सिग्नल निगम काे लगाने हैं। ट्रैफिक पुलिस इसमें समन्वय करेगी। इसमें देरी की वजह से टॉकीज तिराहे से भोपाल टॉकीज चौराहा, बैरसिया रोड, छोला रोड, सेफिया कॉलेज रोड, शाहजहांनाबाद पर रोजाना पांच लाख की आबादी जाम से जूझ रही है।
निगम, पीडब्ल्यूडी से बात की है हमने इस संबंध में नगर निगम और पीडब्ल्यूडी से बात की है। भोपाल टॉकीज के पास सीवेज और पानी की लाइन है, इस कारण सड़क का कुछ हिस्सा बचा है। चौराहे का डिजाइन भी फाइनल नहीं हुआ है। मैन्युअली ट्रैफिक चला रहे हैं। -विजय दुबे, एसीपी ट्रैफिक जोन–3
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