What is Gaganyan Mission
मिशन गगनयान को साल 2018 में मंजूरी दी गई थी। इसका मकसद कम से कम 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लो-अर्थ ऑर्बिट यानी पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना है। अंतरिक्ष यात्री तीन दिनों तक स्पेस में रहेंगे और फिर समुद्र में एक तय लोकेशन पर लैंडिंग करेंगे। इसरो ने कुल 3 मिशन प्लान किए हैं। पहले 2 मिशनों में एक रोबोट ‘व्योममित्र’ को भेजने की तैयारी है। तीसरे मिशन में एस्ट्रोनॉट्स को शामिल किया जाएगा।
इसरो इस मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट को सफलता के साथ लॉन्च कर चुका है। जिन अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा, उनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप एवं अजीत कृष्णन और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। इनमें से शुभांशु शुक्ला अमेरिका में ट्रेनिंग ले रहे हैं और बहुत जल्द एक अमेरिकी मिशन का हिस्सा बनकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे।
भारत मिशन गगनयान में कामयाब हुआ, तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद अपने एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के पास खाने के तमाम ऑप्शन होंगे। छह अलग-अलग मेनू तैयार किए गए हैं। नाश्ते के लिए उपमा, पोहा, इडली जैसे हल्के आइटम शामिल होने की उम्मीद है। दोपहर के भोजन के लिए मीट और वेज बिरयानी का ऑप्शन होगा, जबकि रात के खाने में चपातियों, सब्जियों और मीट के साथ ग्रेवी वाले आइटम्स शामिल हो सकते हैं।
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