महू में 19 जनवरी को एक महिला ने चार साल के बेटे और ढाई महीने की बेटी के साथ फांसी लगा ली। फंदा खिसकने से बेटी की जान बच गई, लेकिन मां-बेटे की मौत हो गई। अब दुधमुंही बच्ची को दादी पाल रही है।
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घटना के एक हफ्ते बाद भी मौत का कारण पता नहीं चल पाया है। एक तरफ महिला के पिता का आरोप है कि दामाद नशे में धुत होकर मारपीट करता था। वहीं, युवक के पड़ोसी और परिवार का कहना है कि वह शराब नहीं पीता था। पुलिस भी दोनों से पूछताछ कर हर एंगल पर जांच कर रही है।
फंदे में स्वेटर अटकने से बची मासूम मांबडगोंदा थाने के एसआई जगदीश डावर ने बताया कि 19 जनवरी को नांदेड़ गांव में डिंपल गिरवाल (28) पत्नी रोहित गिरवाल, बेटा काव्यांश (4) का शव फंदे पर मिला था। डिंपल ने एक फंदा बच्चों के झूले पर बांधा। इस पर बेटे को लटकाया। वहीं, दूसरा फंदा बनाकर बेटी सौम्या के गले पर डाला। हालांकि बच्ची फंदे में स्वेटर के अटकने से बच गई। घटना के बाद दैनिक भास्कर की टीम नांदेड़ गांव पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट…
महिला ने अपने बेटे और बेटी के साथ फांसी लगाई थी। मां-बेटे की मौत हो गई।
महू से 15 किलोमीटर दूर नांदेड़ गांव है। गांव में अंदर घुसते ही डिंपल के घर के बारे में पूछा। ग्रामीण ने पानी के टंकी पास पहुंचाया। इसी से लगा घर रामूबाई का है। उनके दो बेटे हैं रोहित गिरवाल और छोटा विकास। रोहित मजदूरी करता है। घर के अंदर घुसते ही बरामदा है।
आधा हिस्सा कच्चा, तो कुछ पक्का है। अंदर 10 बाय 10 का छोटा सा कमरा है। इसी में 19 जनवरी को रामूबाई की बहू डिंपल ने चार साल के बेटे के साथ फांसी लगाई थी। पुलिस ने बाहर से कमरे पर ताला लगा दिया है। पास ही रामूबाई के जेठ का घर है। घटना के बाद परिवार वाले यहीं रह रहे हैं। यहां पहुंचे तो रामूबाई झूले में ढाई महीने की पोती को झुला रही थीं। उसे बोतल से दूध पिला रही थी।
बच्ची की दादी रामू बाई उसे संभाल रही हैं। जब घर पहुंचे तो वह पोती को झूला झुला रही थीं।
बच्ची का दर्द– मां को याद कर रोती है मासूम
रामू बाई कहती हैं, दुधमुंही बच्ची के गले पर फंदे के निशान हैं। कोमल त्वचा पर घाव जैसा बन गया है। हाथ लगाते ही वह कराह उठती है। उसका दर्द देखा नहीं जाता। रह-रहकर अपनी मां को याद कर करके रोती रहती है। उसके लिए गाय का दूध मंगवाते हैं फिर भी पेट नहीं भरता है, तो रोती है।
पूरा दिन झूला और गोदी में हो जाता है। कभी उसे बाहर घुमाने ले जाना पड़ता है। तब बड़ी मुश्किल से शांत होती है। ठीक से सो भी नहीं पा रही। नन्ही सी जान को कैसे बताएं कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही। जब तक जिंदा हूं, तब तक बच्ची का ख्याल रख रही हूं। यही चिंता खाए जा रही है कि मेरे बाद बच्ची का क्या होगा।
ऐसा कोई करता है क्या? हमे तो कुछ बताया होता। गांव में लोग तरह–तरह की बातें कर रहे हैं। पति-पत्नी के बीच कोई झगड़ा भी नहीं हुआ था। आज तक हमने बहू को कुछ नहीं बोला। उसे कोई परेशानी नहीं थी। उसने ऐसा कदम क्यों उठाया? यह समझ नहीं आ रहा।
ढाई महीने की सौम्या के गले के पिछले हिस्से पर फंदे का निशान है। इसे हाथ लगाते ही वह कराह उठती है।
तीनों को फंदे पर देख पैरों तले जमीन खिसक गई
रामू बाई ने बताया, गांव में शाम 6:30 पानी आता है। रविवार को भी रोजाना की तरह हम पानी भर रहे थे। बहू डिंपल और दोनों बच्चे अंदर कमरे में थे। अचानक अंदर से बच्ची के रोने की तेज आवाज आई। पहले सोचा कि ऐसे ही रो रही होगी। इससे पहले कभी इतनी जोर से बच्ची नहीं रोई थी। जब कुछ देर तक रोना बंद नहीं हुआ तो जाकर देखा। दरवाजा अंदर से बंद था। गेट खटखटाया। आवाज भी लगाई, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। कमरे में करीब एक ईंट बराबर छेद है। फिर इसमें से झांककर देखा।
अंदर का दृश्य देखकर रोंगटे खड़े हो गए। मैं घबरा गई। कमरे में डिंपल समेत पोता–पोती फंदे पर लटके दिखे। तुरंत छोटे बेटे विकास को बुलाया। उसने पैरों से धक्का मारकर गेट को तोड़ा। अंदर जाकर देखा तो पोती के स्वेटर में फंदा लटका हुआ था। तीनों को उतारा। 108 एम्बुलेंस से अस्पताल ले गए, जहां बहू डिंपल और पोते काव्यांश का मृत घोषित कर दिया। शुक्र है पोती जिंदा है।
पड़ोसी कमल गिरवाल ने बताया कि इसी कमरे के छेद से को फंदे पर लटकते हुए देखा था।
महिला के पिता बोले- पति पीटता था, पैसे मांगता था
डिंपल के पिता हीरालाल बारिया ने बताया कि 5 साल पहले बेटी की शादी रोहित गिरवाल से शादी हुई थी। दहेज में टीवी, फ्रीज समेत अन्य सामान दिया था। रोहित पीथमपुर की निजी कंपनी में काम करता है। शादी के बाद से ही पैसों के लिए बेटी को प्रताड़ित करता था। शराब पीने के बाद पति मारपीट करता था। कई बार बेटी ने इसकी शिकायत की थी। वह मकर संक्रांति पर मायके इंदौर फूटी कोठी आई थी।
भाई बोला- रोहित शराब नहीं पीता था
वहीं, रोहित के चचेरे भाई महेश ने बताया कि रोहित शराब नहीं पीता था। मायके वालों का आरोप गलत है। दोनों हंसी–खुशी रहते थे। लड़ाई भी नहीं हुई। महेश ने बताया कि मौत की सूचना मिलने पर रात में डिंपल के परिवार वाले गांव आकर गाली–गलौज की थी। वे मध्यभारत अस्पताल भी पहुंचे। यहां शव रखे गए थे। मारपीट की आशंका के कारण हम वापस आ गए। इसके बाद वे लोग पोस्टमार्टम रूम पहुंचे। यहां पीएम रूम का गेट भी तोड़ दिया था।
अंतिम संस्कार के लिए रोहित के साढ़ू भाई को फोन लगाया था कि अंतिम संस्कार यहीं करें, लेकिन वे नहीं माने। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार ससुराल में ही होना था। पड़ोसी कमल गिरवाल ने बताया कि रोहित शराब नहीं पीता। पति-पत्नी के बीच विवाद भी नहीं था।
घटना के बाद रोहित के छोटे भाई विकास ने पैर से धक्का मारकर दरवाजा तोड़ा था। जूते का निशान अभी भी है। पुलिस ने कमरे को सील कर दिया है।
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मां ने बेटे और बेटी के साथ लगाई फांसी
महू में एक महिला ने अपने 4 साल के बेटे और ढाई माह की बेटी के साथ फांसी लगा ली। ढाई माह की बेटी फंदे से गिर गई, जिससे उसकी जान बच गई। लेकिन, मां-बेटे की मौत हो गई। बच्ची काफी देर तक बिलखती रही। उसकी रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे तब मामले का खुलासा हुआ। पूरी खबर पढ़ें
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