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गुड न्यूज…कोनेरू हंपी ने वर्ल्ड रेपिड चेज चैंपियनशिप खिताब जीता

Koneru Humpy wins World Rapid Championship title: भारत के शतरंज प्रेमियों ने रविवार को जब सुबह अपनी आंखें खोली तो उन्हें कोनेरू हंपी ने अच्छी खबर दी.हंपी ने वर्ल्ड रेपिड चेज चैंपियनशिप 2024 खिताब जीतकर इतिहास बना डाला. उन्होंने दूसरी बार इस टूर्नामेंट को अपने नाम किया. हंपी ने रविवार को इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर ऐतिहासिक दूसरी बार विश्व रेपिड शतरंज चैंपियनशिप खिताब जीता. हंपी ने 2019 में जॉर्जिया में यह प्रतियोगिता जीती थी और भारत की नंबर एक महिला खिलाड़ी चीन की जू वेनजुन के बाद एक से अधिक बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं.

37 वर्षीय हंपी ने संभावित 11 में से 8.5 अंक के साथ टूर्नामेंट का अंत किया. रूस के 18 वर्षीय वोलोडर मुर्जिन ने पुरुष वर्ग का खिताब जीता. नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद मुर्जिन दूसरे सबसे युवा फिडे विश्व रेपिड चैंपियन हैं. नोदिरबेक ने 17 वर्ष की उम्र में खिताब जीता था. हंपी की उपलब्धि के साथ भारतीय शतरंज के लिए एक शानदार वर्ष का अंत हुआ। इससे पहले डी गुकेश हाल ही में सिंगापुर में क्लासिकल प्रारूप विश्व चैंपियनशिप में चीन के डिंग लिरेन को हराकर चैंपियन बने थे.

हंपी ने विश्व रेपिड चैंपियनशिप में हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उन्होंने इस प्रतियोगिता में मॉस्को में 2012 में कांस्य जबकि पिछले साल उज्बेकिस्तान के समरकंद में रजत पदक जीता था. कोनेरू हंपी को शतरंज विरासत में मिला है. उनके पिता अशोक हंपी भी शतरंज खेलते थे. पिता ने ही कोनेरू हंपी को शतरंज की ट्रेनिंग दी. अशोक प्रोफेसर थे. उन्होंने बिटिया की प्रतिभा की पहचान 5 साल की उम्र में कर लिया था.बिटिया के सपने को पूरा करने के लिए अशोक ने अपनी नौकरी छोड़ दी और खुद ही कोनेरू को ट्रेनिंग देने लगे.हंपी ने सात साल की उम्र में पहला खिताब स्टेट चैंपियनशिप के रूप में जीता था. इसके बाद कोनेरू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ती चली गईं. उन्होंने अंडर 12, अंडर 14 और अंडर 16 वर्ग में नेशनल चैंपियनशिप खिताब जीता.

FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 08:30 IST

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