पार्षद कल्याण लोधा। फाइल फोटो।
गुना नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष और पार्षद का निधन हो गया। वह डेंगू से पीड़ित थे। उन्हें गुना में एक अस्पताल में भर्ती कराया था। रविवार को उन्हें भोपाल रेफर कर दिया गया था। यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड दिया।
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मिली जानकारी के अनुसार गुना नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष और पार्षद डॉ कल्याण लोधा कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां जांच के दौरान उन्हें डेंगू पाया गया। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। गंभीर स्थिति के चलते उन्हें भोपाल रेफर कर दिया गया था। रविवार को ही परिवार वाले उन्हें भोपाल लेकर पहुंचे और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड दिया।
तीन हफ्ते में तीन मौतें
बता दें कि जिले में डेंगू का प्रकोप जारी है। जिले में लगभग 200 मरीज डेंगू से पीड़ित हैं, हालांकि स्वास्थ्य विभाग इसकी पुष्टि नहीं कर रहा। तीन हफ्तों में जिले में डेंगू से तीन मौतें हो चुकी हैं। राघौगढ़ के डोंगर गांव में रहने वाले डोंगर सिंह पुत्र विशन सिंह यादव की 21 सितंबर को भोपाल में उपचार के दौरान मौत हुई। 35 साल के डोंगर सिंह को एक हफ्ते से बुखार आ रहा था। उन्हें पहले गुना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब उनकी हालत में सुधार नहीं आया तो परिजन उन्हें भोपाल ले गए। वहा बताया गया कि उन्हें डैंगू हुआ है। करीब तीन दिन उन्हें भर्ती रखा गया। इस दौरान उनके 2 लाख रूपए खर्च हो गए। फिर भी उनकी जान नहीं बचई जा सकी।
इसी तरह आरोन के 28 साल के नीरज साहू की पिछले हफ्ते भोपाल में उपचार के दौरान मौत हो गई। नीरज को लगातार बुखार आ रहा था। पहले उसे आरोन के सरकारी अस्पताल में दिखाया। यहां उसकी जांच की गई। उसमें बताया गया कि उसे टाइफाइड है। जब उसे आराम नहीं मिला तो परिजन नीरज को गुना ले आए। यहां जिला अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ गौरव तिवारी से उसका इलाज कराया गय। डॉ तिवारी ने डेंगू की जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई और प्लेटलेट्स की संख्या भी कम बताई गई। गंभीर हालत के चलते डॉक्टर ने उसे भोपाल ले जाने की सलाह दी। वहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
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