स्नेहालय आश्रम में रेप, गर्भपात व भ्रूण नष्ट कर गटर में फेंकने की जांच करते पुलिसकर्मी (छह साल पहले का दृश्य)
ग्वालियर-झांसी रोड सिकरौदा में ‘स्नेहालय’ आश्रम में मूकबधिर महिला से रेप, अबॉर्शन व भ्रूण को जलाकर गटर में फेंकने की घटना में छह साल बाद प्रथम अपर सत्र न्यायालय डबरा ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ‘स्नेहालय’ आश्रम में मूक-बधिर महिलाओं से रेप करने व
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यह ‘स्नेहालय’ आश्रम कांड के खुलासे के बाद आश्रम में कई कारनामे सामने आए थे। विदेशी फंड से यह आश्रम चल रहा था। यहां भर्ती महिलाओं को रात के खाने में नींद की गोलियां दिए जाने की बात भी सामने आई थी।
स्नेहालय जहां इस घटना के बाद कई मामलों का खुलासा हुआ था।
डबरा में प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने साहब सिंह गुर्जर को उम्रकैद और 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं, संचालक डॉ. बीके शर्मा, उसकी पत्नी डॉ. भावना शर्मा, प्रभा यादव, रवि बाल्मीक को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक अंगराज सिंह कुशवाह ने बताया
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20 सितंबर 2018 को जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को सूचना मिली थी कि स्नेहालय संस्था में निवासरत मूक बधिर महिला के साथ दुष्कर्म कर गर्भपात किया गया है। भ्रूण को नष्ट किया गया। पीड़िता अपने कमरे में अर्ध विक्षिप्त अवस्था में पाई गई थी। इसी कमरे में ‘स्नेहालय’ आश्रम के प्रमुख डॉ. बीके शर्मा एवं उनकी पत्नी भावना द्वारा मूक बधिर महिला का गर्भपात किया था।
एक अन्य महिला ने किया था रेप का खुलासा
सिकरौदा तिराहा झांसी रोड स्थित ‘स्नेहालय’ आश्रम में रहने वाली एक अन्य बालिका ने 19 सितंबर 2018 को पुलिस को बताया था कि चार-पांच माह पूर्व एक कुटीर के बाहर रात्रि में मूक-बधिर पीड़िता के साथ चौकीदार साहब सिंह को आपत्तिजनक अवस्था में देखा था।
इस पर संस्था प्रमुख बीके शर्मा ने चौकीदार साहब सिंह के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। न ही उसको हटाया था। कुटीर के वार्डन से घटना की पुष्टि की गई। संस्था में कार्यरत सुपरवाइजर रवि बाल्मीकी ने संस्था प्रमुख के कहने पर भ्रूण को कुटीर के पीछे जलाया था। इसके सभी निशान मिटा दिए गए थे।
घटना के आधार पर आरोपीगण के विरूद्ध थाना बिलौआ में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
मध्यस्थ के जरिए कराए थे पीड़िता के बयान ‘स्नेहालय’ आश्रम में मूक-बधिर पीड़िता का न्यायालय के समक्ष भाषा अनुवादक के माध्यम से कथन दर्ज कराए गए थे। प्रकरण में पीड़िता के साथ निवासरत महिला साक्षी के भी न्यायालयीन कथन एवं अन्य सुसंगत प्रस्तुत साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने 24 दिसंबर 2024 को ‘स्नेहालय’ आश्रम का चौकीदार और मुख्य आरोपी साहब सिंह गुर्जर को बलात्कार पर आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
इसके अलावा स्नेहालय के संचालक डॉ. बीके शर्मा, डॉक्टर की पत्नी भावना शर्मा, सुपरवाइजर रवि बाल्मीकी व केयर टेकर प्रभा यादव को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5-5 हजार रुपए का अर्थदंड और धारा 201 में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 2-2 हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है।
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