2 जनवरी को इंस्पेक्टर अबसार अहमद एसपी ऑफिस शिकायत करने पहुंचे थे।
ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। 2 जनवरी को इसका खुलासा हुआ। साइबर ठगों ने BSF (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे 71.25 लाख रुपए ठग लिए गए थे। तब से अब तक 1
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इधर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस की साइबर टीम ने जब बैंक डिटेल खंगाली तो पता लगा कि ठगी का 75 फीसदी पैसा कर्नाटक, औरंगाबाद (बिहार) व गुड़गांव (हरियाणा) के चार बैंक के खातों में गया है। शेष राशि 38 अन्य बैंक खातों में भेजी गई है। कुल मिलाकर 42 बैंक खातों में यह रुपया ट्रांजैक्शन किया गया है। जिन चार बैंक खातों में ठगी के रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है, उनमें से दो अकाउंट बंधन बैंक, एक खाता बैंक ऑफ सिंगापुर, बैंक ऑफ बड़ौदा में हैं।
42 बैंक खातों में उलझी ग्वालियर पुलिस
ग्वालियर पुलिस कर्नाटक, बिहार और हरियाणा सहित आधा दर्जन राज्यों के 42 बैंक खातों के मक्कड़ जाल में उलझकर रह गई है। चार बैंक खाते जिनमें दो बंधक बैंक, एक बैंक ऑफ बड़ौदा और एक बैंक ऑफ सिंगापुर का है।
ये चारों खाते क्रमश: औरंगाबाद (बिहार), गुड़गांव (हरियाणा) और कर्नाटक में स्थित हैं। इनमें 75 फीसदी रकम ट्रांसफर हुई है। इसके अलावा 38 बैंक खाते इन्हीं राज्यों के और हैं जहां रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। पुलिस ने एक-एक बैंक अकाउंट की डिटेल निकाली है।
ठगों ने कहा था-नंबर का मिसयूज हुआ
ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में इंस्पेक्टर अबसार अहमद पदस्थ हैं। वे उत्तर प्रदेश के मंडाव मऊ फतेहपुर के निवासी हैं। 2 जनवरी 2025 को ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात की।
बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे वॉट्सऐप कॉल आया था। बात करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। इस दौरान आपके इस नंबर का कई जगह गलत उपयोग हुआ है।
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अबसार अहमद ने पुलिस का बताया- इतना ही नहीं मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। आपको अरेस्ट तत्काल किया जाएगा। उन्हें बताया कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके बाद वीडियो कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने की धमकी दी थी। साथ ही रुपए जमा कराने के लिए कहा गया।
इस दौरान करीब 34 ट्रांजैक्शन किए गए। जिसमें BSF इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को 71.25 लाख रुपए दे दिए। इंस्पेक्टर ने ये रुपए दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदाकर एडवांस लेकर लिए थे। कुछ रुपए दोस्तों से लिए थे। कुछ बैंक सेविंग से निकाली थी। 2 जनवरी को बेटे से बात होने के बाद BSF अधिकारी डिजिटल अरेस्ट से मुक्त हुआ था।
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4 स्लाइड में जानिए डिजिटल अरेस्ट का A टू Z
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अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट
![पीड़ित बीएसएफ इंस्पेक्टर ने साइबर क्राइम ग्वालियर में शिकायत की।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2025/01/12/cyber-crime-gwalior_1736682305.jpg)
पीड़ित बीएसएफ इंस्पेक्टर ने साइबर क्राइम ग्वालियर में शिकायत की।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। बीएसएफ का एक इंस्पेक्टर 32 दिन अपने ही घर में कैद रहा। इस दौरान खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच के अफसर बताने वाले बदमाशों ने उससे 71.25 लाख रुपए वसूले। पूरी खबर यहां पढ़ें…