फूलबाग मैदान पर राणव, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतले जलते हुए।
ग्वालियर में शनिवार विजयादशर्मी के मौके पर रात 10.30 बजे बुराई व अहंकार के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया है। इन तीन पुतलों को बनाने में छह कारीगर 15 दिन तक दिन रात लगे रहे, लेकिन सिर्फ 40 सेकंड में यह पुतले जलकर खाक हो गए।
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शहर में शताब्दीपुरम, डीडी नगर, थाटीपुर, जीवाजी क्लब, लोको में पुतलों का दहन किया गया है। रावण दहन से पहले भगवान राम का चल समारोह फूलबाग से निकला, जो बाड़ा, साराफा, राम मंदिर फालका बाजार होते हुए फूलबाग मैदान पर पहुंचा। यहां भगवान राम ने रावण में तीर मारकर वध कर पुतला दहन किया।
रावण दहन देखने के लिए हजारों लोग फूलबाग पहुंचे
ग्वालियर में विजयादशमीं के अवसर पर शहर में छह स्पॉट पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया है। ग्वालियर में सबसे पुराना रावण दहन फूलबाग पर हुआ है। यहां 78 वर्ष से रावण दहन होता चला आ रहा है। यह आयोजन पहले छत्री मैदान पर होता था। फूलबाग पर 65 फीट का राव और मेघनाथ-कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया, जबकि ग्वालियर का दूसरा सबसे ऊंचा रावण शताब्दीपुरम में दहन किया गया है। इस दौरान सभी आयोजनों में काफी संख्या में शहर के लोग पहुंचे हैं। भीड़ को देखते हुए पुलिस ने अपने स्तर पर ट्रैफिक डायवर्ट से लेकर पार्किंग तक के इंतजाम किए हुए थे। छह कारीगरों की 15 दिन की मेहनत के बाद बने रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण फूलबाग और दशहरा मैदान थाटीपुर के रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले बनाने वाले कारीगरों ने बताया कि वह 15 दिन से रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले बनाने में लगे थे। छह कारीगर दिन रात मेहनत कर रहे थे तब जाकर यह पुतले मूर्त रूप में आए हैं। तीन पुतलों को बनाने में 200 बांस, 50 किलो धागा (सूतली), 100 किलो मैदा (कागज चिपकाने के लिए), 200 किलो कागज, 2 किलो हारतोता रंग लगा है। इसके अलावा एक-एक पुतले में 30-30 हजार रुपए की आतिशबाजी लगाई गई थी। यहां हुए रावण दहन के बड़े आयोजन – श्रीरामलीला समारोह समिति द्वारा फूलबाग मैदान पर रात 10.20 बजे 65 फीट का रावण और 60-60 फीट के मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। उससे पहले चल समारोह निकाला गया। करीब 11 किलोमीटर लंबे चल समारोह को फूलबाग मैदान तक पहुंचने में 4 घंटे लगे। -शताब्दीपुरम स्थित नवीन दशहरा मैदान में रात 10 बजे 65 फीट के रावण और 45-45 फीट के मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। – शहर के सेक्टर-सी डीडी नगर में रावण, मेघनाद, कुंभकर्ण के पुतलों का दहन रात 10 बजे हुआ है। – जीवाजी में रात 9:30 बजे 50 फीट के रावण मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया गया। इस दौरान काफी संख्या में वहां शहर के लोग मौजूद रहे हैं यह हुआ ट्रैफिक में बदलाव – थाटीपुर में होने वाले रावण दहन को लेकर बारादरी मुरार से आने वाला ट्रैफिक सुरेश नगर चौराहा होते हुए निकाला निकाला गया। – थाटीपुर पर रावण दहन के दौरान आकाशवाणी से आना वाला ट्रैफिक थाटीपुर विवेकानंद चौराहा से डायवर्ड किया निकाला गया। – फूलबाग मैदान में होने वाले रावण दहन के दौरान यहां आने वाले लोगों के लिए पार्किंग लक्ष्मीबाई समाधि के सामने मैदान पर लगाई जाएगी। इसके अलावा मोती मस्जिद वाली गली, अम्बेड़कर पार्क के दोनों तरफ पार्किंग की गई थी। – फूलबाग ग्राउंड में होने वाले रावण दहन के दौरान रेलवे क्रॉसिंग फूलबाग, मोती महल तिराहा, गुरुद्वारा तिराहा, मोती तबेला तिराहा, नौगजा रोड से डायवर्सन रहा।
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