संघ का स्वर शतकम कार्यक्रम
इंदौर। इंदौर के दशहरा मैदान पर संघ के स्वर शतकम् कार्यक्रम में सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत शामिलल हुए। उन्होंने आनंद मठ उपन्यास का जिक्र किया। बताया कि डाकुओं का हमला होता है जिस परिवार में सशस्त्र हमला होता है। उनके यहां आया अतिथि लाठी चलाने में निपूर्ण रहता है जो चलाकर उन्हें भगा देता है। उन्होंने समाज से आव्हान किया कि हमारे स्वयंसेवक प्रयास कर रहे है आपका अनुमोदन रहता है। आपके कारण हमारा उत्साह बढ़ता है। देखने को अपने अंदर लाने की आवश्यक है। केवल स्वयंसेवक ऐसे बने हम सबको ऐसा बनना पड़ेगा। पुरे समाज में सदगुण सम्पन्न लानी पड़ेगी इस लिए हम प्रदर्शन करते है।
देश से है प्यार तो…
कार्यक्रम में घोष दल ने कई अद्भुत प्रस्तृतियां दी। राम आएंगे आएंगे राम आएंगे… देश से है प्यार तो हर पल ये कहना चाहिए मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए… सहित अन्य गीत व भजन की धून पर प्रस्तृति दी गई। इसके अलावा घोष दल ने संघ के 100 साल पूरे होने के अवसर पर 100 और शिवलिंग और स्वस्तिक की आकृति भी बनाई गई।
खचाखच भरा मैदान
कार्यक्रम में मैदान स्वयंसेवक मौजूद थे तो तीन तरफ पहले कुर्सी और पीछे गैलरी बनी थी। मैदान में 12 से 15 हजार लोग शामिल हुए। बड़ी संख्या में महिलाओं भी मौजूद थे। संघ के कई वरिष्ठ स्वयंसेवक भी नजर आए।
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