बीजिंग6 मिनट पहले
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चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को एक दूसरे से मिलने के मौके का फायदा उठाना चाहिए।
26 जनवरी को दो दिवसीय चीन यात्रा पर पहुंचे भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने आज यानी सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीनी विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग बढ़ाने के लिए ठोस उपाय करने की बात कही।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों को आपसी संदेह, मनमुटाव और थकावट से बचना चाहिए।
वहीं, भारतीय सचिव ने कहा कि दोनों देशों ने लगातार डायलॉग के जरिए अपने विवादित मुद्दों को बेहतर तरीके से मैनेज किया। जल्द ही भारत और चीन के बीच डिप्लोमेटिक संबंधों की स्थापना को 75 साल पूरे होने वाले हैं। इस पर विक्रम मिस्री ने कहा कि हम इन संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ को संयुक्त रूप से मनाने के लिए चीन के साथ काम करने को तैयार है।
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि हमें आपसी संदेह और अलगाव की जगह आपसी समझ और समर्थन पर ज्यादा जोर देना चाहिए।
कम्युनिस्ट पार्टी के इंटरनेशनल डिपार्टमेंट हेड से भी मुलाकात
इससे पहले रविवार को भारतीय विदेश सचिव ने बीजिंग में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के इंटरनेशनल डिपार्टमेंट हेड लियू जियानचाओ से मुलाकात की। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने लद्दाख बॉर्डर एग्रीमेंट को लागू करने, आपसी डायलॉग मजबूत करने और कई लोकल और इंटरनेशनल मुद्दों पर बात की।
6 हफ्ते में भारत से दूसरी हाई-प्रोफाइल विजिट
छह हफ्ते से भी कम समय में यह भारत की तरफ से चीन के लिए दूसरी हाई-प्रोफाइल यात्रा है। इससे पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल पिछले महीने भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।
विदेश सचिव की इस यात्रा में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर तनाव कम करने के तरीके और कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करना शामिल है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर शुरू करने और चीनी नागरिकों को आसानी से वीजा जारी करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। साथ ही राजनीतिक, आर्थिक और पीपुल टू पीपुल कनेक्शन के मुद्दे पर भी बात होगी।
पिछले महीने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बैठक हुई।
2020 की गलवान झड़प से रिश्तों में बढ़ा तनाव
15 जून 2020 को चीन ने ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद कई जगहों पर घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। भारत सरकार ने भी इस इलाके में चीन के बराबर संख्या में सैनिक तैनात कर दिए थे। हालात इतने खराब हो गए कि LAC पर गोलियां चलीं।
इसी दौरान 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। बाद में भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसमें करीब 60 चीनी जवान मारे गए थे। इसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे।
तस्वीर लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प की है। इसी के बाद दोनों देशों के बीच विवाद गहराया।
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