0

जज ने कहा बच्‍ची को मृत्‍यु तुल्‍य कष्‍ट मिला, दोषी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाए, इंदौर में सात वर्षीय बच्‍ची के दुष्‍कर्मी को तिहरा मृत्युदंड

इंदौर में सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म करने वाले दुष्कर्मी को तिहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने कहा दुष्कर्मी ने बच्ची को मृत्यु तुल्य कष्ट दिया है उसके साथ किसी तरह की रियायत नहीं दिखाई जा सकती। मामला फरवरी 2024 का है। कोर्ट ने पीड़िता बच्ची को पांच लाख रुपये प्रतिकर राशि के रूप में भी दिलवाए जाने की अनुशंसा की।

By Navodit Saktawat

Publish Date: Fri, 07 Feb 2025 06:04:33 PM (IST)

Updated Date: Fri, 07 Feb 2025 08:05:55 PM (IST)

इंदौर में कोर्ट ने दुष्‍कर्मी को सुनाई तिहरे मृत्‍युदंड की सजा।

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सात वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले दुष्कर्मी को सत्र न्यायालय ने तिहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी ने वारदात को इतनी क्रूरता से अंजाम दिया था कि मासूम के अंग क्षत-विक्षत हो गए थे। बच्ची को कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। कई बार ऑपरेशन भी हुए। बड़ी मुश्किल से उसकी जान बच सकी। मृत्युदंड की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्मी की वजह से एक मासूम को मृत्यु तुल्य कष्ट हुआ है। बच्ची को इसकी पीड़ा पूरे जीवन भुगतना पड़ेगी ऐसे में दुष्कर्मी के साथ किसी तरह की रियायत नहीं बरती जा सकती। कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकर राशि के रूप में पांच लाख रुपये दिलवाए जाने की अनुशंसा भी की है।

घटना के दिन यह हुआ था

  • वारदात 27 फरवरी 2024 को हुई थी। थाना हीरा नगर क्षेत्र में रहने वाली सात वर्षीय बच्ची को उसके माता-पिता गंभीर हालत में एमवायएच लेकर पहुंचे थे।
  • बच्ची की मां ने पुलिस को बताया था कि हीरानगर क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर परिवार के साथ रहती है। घटना वाले दिन दोपहर करीब तीन बजे वह झोपड़ी के पीछे खुले में कपड़े धो रही थी।
  • उसकी सात वर्षीय लड़की पास ही खेल रही थी। इस बीच दुष्कर्मी मंगल पंवार पुत्र लालसिंह पंवार निवासी देवास वहां आया और बच्ची का मुंह दबाकर उसे अपने साथ कुछ दूरी पर खाली प्लाट पर ले गया।
  • दोपहर करीब सवा तीन बजे महिला को बेटी के गायब होने की खबर लगी। उसने उसकी तलाश शुरू की तो उसे पीड़िता के रोने-चिल्लाने की आवाज आई।
  • महिला झोपड़ी से कुछ दूर खाली प्लाट पर पहुंची तो वहां उसे दुष्कर्मी बेटी के साथ दुष्कर्म करता हुआ दिखा।
  • यह देख वह चिल्लाने लगी तो आसपास के लोग जमा हो गए। इस बीच दुष्कर्मी वहां से भाग गया, लेकिन रहवासियों ने उसे पकड़ लिया।

naidunia_image

गंभीर हालत में लेकर पहुंचे थे

  • दुष्कर्मी ने क्रूरता के साथ वारदात को अंजाम दिया था। उसने बच्ची के अंग क्षत-विक्षत कर दिए थे।
  • एमवायएच में बच्ची कई दिन तक भर्ती रही। उसके आधा दर्जन से ज्यादा आपरेशन कर किसी तरह उसकी जान बचाई जा सकी।
  • शुक्रवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) सविता जडि़या ने निर्णय दिया।
  • दुष्कर्मी मंगल पंवार पुत्र लालसिंह पंवार निवासी देवास को धारा 376 (एबी) भादवि, धारा 5एम/6 और धारा 5आइ/6 पाक्सो एक्ट में अलग-अलग यानी तिहरे मृत्युदंड की सजा से दंडित किया।
  • प्रकरण में प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी और विशेष लोक अभियोजक संजय मीणा ने पैरवी की।

naidunia_image

कोर्ट ने कहा पीडि़ता की जिंदगी कष्‍टदायक हो जाती है

  • कोर्ट ने यह कहा फैसले में कोर्ट ने फैसले में कहा है कि दुष्कर्म पीडिता की जिंदगी मृत्यु से भी ज्यादा कष्टदायक हो जाती है। उसे जीवनभर यह पीडा भोगना पड़ती है।
  • अभियुक्त ने सात वर्षीय बच्ची के साथ क्रूरतापूर्वक दुष्कर्म किया है। उसने पीड़िता की जननेंद्रियों को गंभीर क्षति पहुंचाई गई।
  • दुष्कर्मी की मानसिकता को देखते हुए इस बात की संभावना है कि वह भविष्य में भी इस तरह के अपराध कर सकता है।
  • ऐसी स्थिति में दुष्कर्मी को पाक्सो अधिनियम की मंशानुरूप मृत्युदंड से ही दंडित किया जाना उचित होगा ताकि ऐसे अपराधों को पर रोकथाम लग सके।
  • कोर्ट ने फैसले में पीड़िता को पांच लाख रुपये प्रतिकर राशि के रूप में दिलवाए जाने की अनुशंसा की है। प्रभारी डीपीओ मीणा ने बताया कि यह राशि जिला विधिक प्राधिकरण के माध्यम से दिलवाई जाएगी।

naidunia_image

अधिनियम में संशोधन के बाद प्रदेश में पहली फांसी

पाक्सो एक्ट वर्ष 2012 में अस्तित्व में आया था। अधिनियम को लेकर हुए सर्वे में यह बात सामने आई थी कि छोटी बच्चियों के साथ होने वाले गंभीर अपराधों को रोकने के लिए कठोरतम सजा का प्रविधान होना चाहिए। इसके बाद वर्ष 2019 में अधिनियम में संशोधन करते हुए धारा 5एम/6 और धारा 5आइ/6 में मृत्यु दंड का प्रविधान किया गया। प्रभारी डीपीओ मीणा ने बताया कि पाक्सो एक्ट में संशोधन के बाद संभवत: यह प्रदेश का पहला मामला है जिसमें दुष्कर्मी को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस प्रकरण में बच्ची जीवित है, बावजूद इसके कोर्ट ने दुष्कर्मी द्वारा किए कृत्य को मृत्यु तुल्य माना है।

naidunia_image

बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में पहले भी हो चुकी है फांसी

जिला न्यायालय इसके पहले भी बच्चियों से दुष्कर्म करने वालों को फांसी की सजा सुना चुका है। वर्ष 2019 में जिला न्यायालय ने राजवाडा क्षेत्र के एक बेसमेंट में चार माह की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद वर्ष 2022 में भी जिला न्यायालय ने कृष्णपुरा पुल के नीचे चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले को फांसी की सजा सुनाई थी। उक्त दोनों मामलों में पैरवी प्रभारी डीपीओ संजय मीणा ने की थी।

https%3A%2F%2Fwww.naidunia.com%2Fmadhya-pradesh%2Findore-triple-death-sentence-to-rapist-who-raped-a-seven-year-old-innocent-in-indore-8379417
#जज #न #कह #बचच #क #मतय #तलय #कषट #मल #दष #क #सथ #कई #रययत #नह #बरत #जए #इदर #म #सत #वरषय #बचच #क #दषकरम #क #तहर #मतयदड
https://www.naidunia.com/madhya-pradesh/indore-triple-death-sentence-to-rapist-who-raped-a-seven-year-old-innocent-in-indore-8379417