0

जातीय समीकरणों में उलझा विजयपुर उपचुनाव: रावत समाज का बीजेपी, कुशवाह-आदिवासी का कांग्रेस की तरफ झुकाव; जाटव समाज होगा निर्णायक – Madhya Pradesh News

श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा का चंदेली गांव। गांव में गोल घेरा बनाकर कुछ लोग बैठे हुए हैं। उनके बीच चर्चा चुनाव की चल रही है। उनमें से एक शख्स बोला-’60 हजार आदिवासी वोटर निर्णायक होंगे’। दूसरे ने उसकी बात काटते हुए कहा पिछली बार भी तो आदिवासियों

.

विजयपुर विधानसभा सीट के उप चुनाव में भले ही बीजेपी विकास और कांग्रेस गद्दार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है मगर जातिगत समीकरण चुनाव पर हावी है। यही वजह कि दोनों पार्टियों ने भी अब जातिगत समीकरणों को साधने पर फोकस बढ़ा दिया है।

कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा के समर्थन में आदिवासी और कुशवाह समाज के लोग लामबंद दिखाई दे रहे हैं। बीजेपी ने पिछली बार के उम्मीदवार सीताराम आदिवासी को सहरिया प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर इन्हें साधने की कोशिश की है। बीएसपी की तरफ से कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं है इससे जाटव समुदाय का वोट निर्णायक हो गया है।

विजयपुर में 13 नवंबर को वोटिंग होना है। हवा का रुख जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम विजयपुर विधानसभा पहुंची। यहां लोगों के साथ एक्सपर्ट से समझा कि ये उप चुनाव पिछले चुनाव से किस तरह से अलग है।

चुनाव मैदान में 11 उम्मीदवार, मुकाबला सिर्फ बीजेपी-कांग्रेस के बीच

विजयपुर में कुल 11 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी से मप्र सरकार में वन मंत्री रामनिवास रावत, कांग्रेस से मुकेश मल्होत्रा, भारत आदिवासी पार्टी से नेतराम सहरिया, आजाद समाज पार्टी(कांशीराम) से भारती पचौरी, राष्ट्रीय जन आवाज पार्टी से मंजू आदिवासी और 6 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।

मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। पिछले 14 चुनाव के नतीजों को देखें तो कांग्रेस ने 7 चुनाव जीते हैं और बीजेपी ने केवल 3 चुनाव जीते हैं। यानी परंपरागत रूप से ये सीट कांग्रेस की है।

विजयपुर में चाय की दुकानों पर चुनाव की ही चर्चा है।

विजयपुर में चाय की दुकानों पर चुनाव की ही चर्चा है।

बीजेपी का मुद्दा विकास, 400 करोड़ के कामों का ऐलान

रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने और मंत्री बनने के बाद विजयपुर में 400 करोड़ से ज्यादा के निर्माण कार्यों का भूमि पूजन हो चुका है। चुनाव की घोषणा होने से पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विजयपुर के वीरपुर में चंबल नदी पर मप्र राजस्थान के बीच पोंटून पुल (ड्रमों के ऊपर तैरता पुल), सरकारी कॉलेज और सिविल अस्पताल बनाने की घोषणा कर चुके हैं।

सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला कहते हैं कि रामनिवास रावत ने विकास के मुद्दे पर ही पार्टी छोड़ी है। कांग्रेस पार्टी उन्हें सम्मान भी नहीं दे रही थी। अब वे बीजेपी में हैं तो विजयपुर में विकास की नई इबारत लिखी जाएगी।

कांग्रेस ने दिया बिकाऊ बनाम टिकाऊ का नारा

दूसरी तरफ कांग्रेस ने यहां बिकाऊ वर्सेस टिकाऊ का नारा दिया है। कांग्रेस चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा उम्मीदवार पर सीधे हमलावर है। हर सभा में कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं कि रावत 6 बार विधानसभा का चुनाव कांग्रेस में रहते जीते, लेकिन उन्होंने मंत्री पद के लिए विजयपुर की जनता से धोखा किया।

कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रभारी की भूमिका निभा रहे चंदन यादव कहते हैं कि रामनिवास रावत को कांग्रेस ने इस क्षेत्र से 8 बार चुनाव लड़ाया। दो बार सांसद का भी टिकट दिया। दो बार उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। इसके बाद भी उन्होंने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को धोखा दिया।

अब जानिए तीन बड़ी जातियां कैसे तय करेंगी नतीजे

1.आदिवासी: कांग्रेस की तरफ झुकाव, बीजेपी सेंध लगाने में जुटी

विजयपुर में आदिवासी वोटर्स की संख्या करीब 60 हजार है। ये यहां के निर्णायक मतदाता है। पिछले चुनाव तक आदिवासी वोटर्स का झुकाव कांग्रेस की तरफ रहा है। रामनिवास रावत के बीजेपी जॉइन करने के बाद कांग्रेस ने सहरिया आदिवासी समुदाय से आने वाले मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया। वे सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे हैं।

आदिवासी वोटर्स का झुकाव इस बार किस तरफ है ये जानने भास्कर की टीम विजयपुर से 15 किमी दूर मोहनपुरा गांव पहुंची। यहां आदिवासियों के करीब 700 परिवार हैं। ज्यादातर काम धंधे की तलाश में राजस्थान और यूपी का रुख करते हैं। भास्कर की टीम यहां पहुंची तो गांव के लोग अपने कामकाज में व्यस्त थे।

कुछ युवा पेड़ के नीचे खड़े थे, इनमें से कुछ पहली बार वोट डालने वाले हैं। इन्हीं में से एक आदिवासी युवा शिवकुमार ने कहा कि इस बार कांग्रेस ने हमारी जाति के उम्मीदवार को खड़ा किया है इसलिए वोट कांग्रेस को ही देंगे। शिवकुमार की बात का समर्थन पास ही खड़े अजय ने भी किया। उसने कहा कि ज्यादातर आदिवासी रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं। इस बार वोटिंग के चलते यहीं पर रुक गए हैं।

आदिवासी कांग्रेस का कोर वोटर

विजयपुर के वरिष्ठ पत्रकार गिरिराज शर्मा कहते हैं कि विजयपुर का आदिवासी वोटर कांग्रेस का साथ देता आया है। जब रामनिवास रावत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते थे तब उन्हें आदिवासियों का सपोर्ट मिलता रहा है। जब से बीजेपी ने भी आदिवासी चेहरे को टिकट देना शुरू किया तब से कांग्रेस को टफ फाइट मिलती रही है।

उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि 2008 में बीजेपी ने सीताराम आदिवासी को टिकट दिया था तो रावत की जीत का मार्जिन घट गया था। इससे पहले 2003 के चुनाव में रामनिवास रावत ने बीजेपी के बाबूलाल मेवड़ा को 18 हजार वोटों से हराया था वहीं 2008 का चुनाव रावत महज 3 हजार वोटों से जीते थे।

इसके बाद 2013 में सीताराम आदिवासी ने जीत का मार्जिन घटाकर 2 हजार वोट कर दिया था। दस साल बाद 2018 में सीताराम आदिवासी को रावत को पटखनी देने में कामयाबी मिली, लेकिन उनकी जीत का अंतर भी करीब 2 हजार वोटों का ही रहा था। शर्मा कहते हैं कि बीजेपी ने जो प्रयोग किया अब कांग्रेस ने वो ही प्रयोग मुकेश मल्होत्रा को टिकट देकर किया है। पिछला चुनाव मुकेश मल्होत्रा ने निर्दलीय के तौर पर लड़ा था और उन्हें 44 हजार वोट मिले थे।

2.कुशवाह समाज: रावत समाज के एंटी, कांग्रेस की तरफ झुकाव

आदिवासी के बाद कुशवाह समाज के वोटरों की संख्या करीब 30 हजार है। जानकारों के मुताबिक 2023 के विधानसभा चुनाव में इस समाज के मतदाताओं ने बीजेपी का समर्थन किया था, क्योंकि कांग्रेस ने रामनिवास रावत को टिकट दिया था।

पिछले कुछ सालों में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं कि रावत और कुशवाहा दोनों एक दूसरे के विरोधी हो गए है। अब रावत बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं तो कुशवाह समाज का झुकाव कांग्रेस की तरफ नजर आ रहा है। कुशवाह समाज के प्रतिनिधि लालपत कुशवाह कहते हैं कि रावत समाज के लोगों ने कुशवाहों पर जो अत्याचार किए हैं। उससे कुशवाह समाज पूरी तरह से कांग्रेस के साथ है।

रामनिवास रावत हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं।

रामनिवास रावत हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रहे हैं।

3.जाटव समाज : 35 हजार वोटर निर्णायक होंगे

जातिगत समीकरणों में तीसरे नंबर पर जाटव समाज है। जानकारों के मुताबिक ये समाज बहुजन समाज पार्टी का कोर वोटर रहा है। 2023 के चुनाव में बीएसपी ने धारा सिंह कुशवाह को टिकट दिया था और उन्हें 34 हजार वोट मिले थे।

वरिष्ठ पत्रकार गिरिराज शर्मा कहते हैं कि बीएसपी उपचुनाव नहीं लड़ती ऐसे में इस बार इस समाज का वोट बंटेगा। कांग्रेस ने इस समाज के वोट को साधने के लिए राजस्थान के भरतपुर से सांसद संजना जाटव से संपर्क किया है। बीजेपी की तरफ से अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य सक्रिय हैं।

विजयपुर में पार्टियों के झंडे, बैनर पोस्टर कम ही नजर आ रहे हैं। प्रत्याशियों का ज्यादा जोर घर-घर जाकर प्रचार करने पर है।

विजयपुर में पार्टियों के झंडे, बैनर पोस्टर कम ही नजर आ रहे हैं। प्रत्याशियों का ज्यादा जोर घर-घर जाकर प्रचार करने पर है।

बीजेपी की तरफ से सीएम-तोमर सक्रिय

बीजेपी की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने विजयपुर में मोर्चा संभाला है। दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान रामनिवास रावत को बीजेपी में लाने के लिए नरेंद्र सिंह तोमर की अहम भूमिका रही है। विजयपुर, मुरैना लोकसभा सीट में आती है। रावत के बीजेपी में शामिल होने से बीजेपी को लोकसभा चुनाव में फायदा मिला था।

अब तोमर पूरी ताकत से रावत के लिए रणनीति बनाने से लेकर प्रचार तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी प्रचार की बागडोर संभाली हुई है। जुलाई में रावत को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के बाद सीएम का सितंबर को छोड़कर हर महीने दौरा हुआ है।इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी समाजों की बैठकें ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रामनिवास रावत के समर्थन में अब तक कई सभाएं ले चुके हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रामनिवास रावत के समर्थन में अब तक कई सभाएं ले चुके हैं।

कांग्रेस के 12 विधायकों का डेरा

कांग्रेस के लिए यह चुनाव चुनौती से कम नहीं है। यही वजह है कि पार्टी के 12 विधायकों ने यहां डेरा डाल दिया है। कांग्रेस की तरफ से मुरैना लोकसभा सीट का चुनाव लड़े नीटू सिकरवार ने पूरी कमान संभाली हुई है। उनकी टीम ने पिछले एक महीने से विजयपुर में डेरा डाला है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान रावत के बीजेपी में जाने से सिकरवार को नुकसान हुआ था। सिकरवार प्रचार के दौरान रावत पर आरोप लगा रहे हैं कि मंत्रीपद पाने और अपनी संपत्ति को बचाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की है।

कांग्रेस के नीटू सिकरवार और उनकी टीम ने एक महीने से विजयपुर में डेरा जमाया हुआ है। नीटू सिकरवार कार्यकर्ताओं के लिए खाना बनाते हुए।

कांग्रेस के नीटू सिकरवार और उनकी टीम ने एक महीने से विजयपुर में डेरा जमाया हुआ है। नीटू सिकरवार कार्यकर्ताओं के लिए खाना बनाते हुए।

Source link
https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Flocal%2Fmp%2Fnews%2Fvijaypur-by-election-entangled-in-caste-equations-133930414.html
#जतय #समकरण #म #उलझ #वजयपर #उपचनव #रवत #समज #क #बजप #कशवहआदवस #क #कगरस #क #तरफ #झकव #जटव #समज #हग #नरणयक #Madhya #Pradesh #News