पैरों की ऐडि़यों को लेकर एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग अधिक वजन वाले थे, उनके जूतों की अंदरूनी तरफ की ऐड़ी ज्यादा घिस रही थी। इसका मतलब है कि उनके पैरों और घुटनों पर अधिक दबाव पड़ रहा है।
By mukesh vishwakarma
Publish Date: Wed, 25 Dec 2024 08:43:18 PM (IST)
Updated Date: Wed, 25 Dec 2024 09:10:05 PM (IST)
HighLights
- ऐड़ी का एक ही साइड ज्यादा घिसता है तो सावधान हो जाइए।
- क्योंकि यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
- घिसने का तरीका स्वास्थ्य के बारे में कई बातें बता सकता है।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके जूते की ऐड़ी किस तरफ से ज्यादा घिसती है? अगर आपकी ऐड़ी का एक ही साइड ज्यादा घिसता है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
स्पोर्ट्स एक्सपर्ट फिजियोथैरेपिस्ट ललित मिश्रा के एक अध्ययन के अनुसार, जूतों की ऐड़ी के घिसने का तरीका आपके स्वास्थ्य के बारे में कई बातें बता सकता है।
उन्होंने लगभग 200 लोगों पर छह महीने तक अध्ययन किया। इस अध्ययन में 18 से 45 वर्ष के लोग शामिल थे, जो ज्यादातर मार्निंग वाक पर जाते थे।
क्या हैं इस समस्या के परिणाम
- फुट प्रोनेशन: जब पैर की अंदरूनी तरफ का हिस्सा ज्यादा दबाव झेलता है तो इसे फुट प्रोनेशन कहते हैं।
- वेलगस डिफार्मिटी: फुट प्रोनेशन के कारण घुटनों में वेलगस डिफार्मिटी नामक विकृति हो सकती है।
- आस्टियोआर्थराइटिस: यह विकृति आगे चलकर घुटनों में आस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है।
क्यों होती है यह समस्या
- अधिक वजन: अधिक वजन होने पर पैरों पर ज्यादा दबाव पड़ता है।
- गलत तरह के जूते: गलत तरह के जूते भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं।
- पैरों की मांसपेशियों की कमजोरी: पैरों की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
कैसे करें इस समस्या से बचाव
- अपना वजन कम करें: अगर आप अधिक वजन वाले हैं तो अपना वजन कम करने की कोशिश करें।
- सही तरह के जूते पहनें: ऐसे जूते पहनें जो आपके पैरों को सहारा दें और आरामदायक हों।
- पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाएं: नियमित रूप से व्यायाम करें और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए खास व्यायाम करें।
ठंडी हवा और जोड़ों का दर्द का गहरा संबंध
- ठंड का मौसम आते ही हमारे शरीर पर इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। हवा में नमी कम होने से त्वचा रूखी हो जाती है, नाक बहती है और सर्दी-जुकाम का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ठंडी हवा हमारे जोड़ों को भी प्रभावित करती है?
- ठंडी हवा से मांसपेशियां और जोड़ों में खिंचाव बढ़ जाता है, जिससे अकड़न महसूस होती है। इस मौसम में रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे हाथ-पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। इससे जोड़ों को जरूरी पोषक तत्व और आक्सीजन नहीं मिल पाती और दर्द या अकड़न हो सकती है।
- धूप की कमी के कारण विटामिन डी-तीन का स्तर कम हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और जोड़ों में दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें। गर्म पानी से नहाने से मांसपेशियों को आराम मिलता है। गर्म चाय, काफी या दूध पीने से शरीर को गर्माहट मिलती है।
- नियमित रूप से हल्का व्यायाम करने से रक्त संचार बेहतर होता है और जोड़ों की अकड़न कम होती है। योग आसन करने से मांसपेशियों को लचीला बनाया जा सकता है और जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है। तैराकी एक बेहतरीन व्यायाम है जो जोड़ों पर दबाव नहीं डालता है।
- पालती उठकर बैठने से घुटनों, टखनों और कमर में दर्द हो सकता है। सीढ़ियां चढ़ने-उतरने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है। अधिक वजन होने से जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है। ह्यूमिडिफायर हवा में नमी बढ़ाता है, जिससे त्वचा और श्वास तंत्र को राहत मिलती है।
- जोड़ों पर गर्म पानी से सिकाई करने से दर्द कम होता है। कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार लें। अगर आपको जोड़ों का दर्द बहुत ज्यादा हो रहा है तो डाक्टर से सलाह लें।
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