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जैन संस्कृति के संरक्षण के लिए बनाए जाएंगे 4000 वीडियो | Patrika News

ज्ञान के माध्यम से बच्चों को धर्म से जोड़ने और संस्कारवान बनाने का लक्ष्य

इंदौर।

ग्रेटर बाबा नवग्रह जिनालय में आयोजित पिच्छी परिवर्तन समारोह के दौरान अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर ने घोषणा की कि उनका अगला चातुर्मास भी इंदौर में ही होगा। इस चातुर्मास में ‘चातुर्मास कलश’ की परंपरा को ‘अक्षर कलश’ में परिवर्तित किया जाएगा, जिसका अर्थ है ज्ञान का संकल्प। उन्होंने कहा, ‘बच्चों को जैन धर्म से जोड़ने के लिए जरूरी है कि उन्हें संस्कृति और संस्कार वीडियो के माध्यम से समझाए जाएं। इसी उद्देश्य से श्रीफल न्यूज ने पांच-पांच मिनट के चार हजार वीडियो तैयार करने का निर्णय लिया है। यह संकलन ‘अक्षर कलश’ कहलाएगा।’

रविवार को आयोजित इस विशेष समारोह में 24 तीर्थंकर भगवान की प्रतिमाओं का 21वां महामस्तकाभिषेक, शांतिधारा, जिनालय के 9 शिखरों पर ध्वजा परिवर्तन और अभिनंदन कार्यक्रम भी संपन्न हुआ। मुनि पूज्य सागर को नई पिच्छी नरेंद्र-शंकुतला वेद परिवार ने भेंट की, जबकि पुरानी पिच्छी संजय-रेखा जैन परिवार को सौंपी गई। भगवान पार्श्वनाथ का पहला महामस्तकाभिषेक वेद परिवार ने और भगवान मल्लीनाथ का ललित बड़जात्या परिवार ने किया। इस अवसर पर साधना मादावत ग्रुप और रंगशाला प्रोडक्शन ने नृत्य प्रस्तुति दी।

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