28 मिनट पहलेलेखक: अश्विन सोलंकी
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रोहित शर्मा और महेंद्र सिंह धोनी भारत को ICC ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान हैं। दूसरी ओर विराट कोहली हैं। वे कभी कप्तान के तौर पर ICC टूर्नामेंट नहीं जीत सके। लेकिन जब चर्चा टेस्ट क्रिकेट की होती है तो बतौर लीडर वे धोनी और रोहित दोनों से मीलों आगे नजर आते हैं।
आज विराट 36 साल के हो गए हैं। इस मौके पर जानते हैं कि रेड बॉल क्रिकेट में उन्होंने किन ऊंचाईयों को छुआ और क्यों आज भी उनकी कप्तानी के कारनामें मिसाल बने हुए हैं।
घर में सभी 11 सीरीज जीती धोनी और रोहित दोनों की कप्तानी में भारत को घर में टेस्ट सीरीज में हार झेलनी पड़ी। रोहित की कप्तानी में तो टीम इंडिया को अभी-अभी न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप भी झेलना पड़ा है। कोहली की कप्तानी में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने भारत की जमीन पर 11 टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया की कप्तानी की। भारत ने सभी 11 सीरीज अपने नाम की।
कोहली ने 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहली बार घरेलू मैदान पर कप्तानी की थी। अश्विन और जडेजा के सपोर्ट और कोहली की अटैकिंग फील्ड स्ट्रैटजी से भारत ने 4 टेस्ट की सीरीज 3-0 से जीती। यहां से कोहली की कप्तानी में टीम ने घर सभी टेस्ट सीरीज जीती।
7 साल में महज 2 घरेलू टेस्ट गंवाए कोहली की कप्तानी में विदेशी टीमें भारत में टेस्ट ड्रॉ कराने को भी अचीवमेंट मानती थीं। उनकी कप्तानी में भारत ने 7 साल में महज 2 टेस्ट गंवाए, एक 2017 में ऑस्ट्रेलिया से और दूसरा 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ। कोहली की कप्तानी में भारत में 5 टेस्ट ड्रॉ रहे, जिनमें ज्यादातर बार मौसम ने विदेशी टीमों का साथ दिया।
घरेलू मैदान पर कोहली ने क्लीन स्वीप तो दूर कभी सीरीज हार भी नहीं झेली। इसके उलट, कोहली ने न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश के खिलाफ घर में क्लीन स्वीप किया। न्यूजीलैंड को तो उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 2 टेस्ट सीरीज हराई थी।
विदेश में 16 टेस्ट जीते फुल टाइम कप्तान बनने के बाद कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में चौथा टेस्ट ड्रॉ करा लिया। भारत ने 2-0 से सीरीज गंवाई। यहां के बाद सीधे 2018 में कोहली की कप्तानी में भारत ने SENA देशों यानी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट खेला। जहां भारत ने 7 टेस्ट जीते।
इस बीच भारत ने एशिया और वेस्टइंडीज में बाकी टेस्ट खेले। कोहली ने अपनी कप्तानी में बांग्लादेश, श्रीलंका और वेस्टइंडीज में 13 टेस्ट खेले और 9 में जीत हासिल की। यहां टीम ने महज 1 मैच गंवाया, जबकि 3 टेस्ट ड्रॉ रहे, तीनों में बारिश ने भारत का काम बिगाड़ा। इनमें 2 क्लीन स्वीप भी शामिल हैं।
ऑस्ट्रेलिया को सीरीज हराई, इंग्लैंड में डंका बजाया कोहली ने SENA देशों में भी टीम इंडिया को 2 टेस्ट सीरीज जिताईं। इतना ही नहीं, इंग्लैंड में एक सीरीज 2-2 से ड्रॉ भी खेली। यहां तक कि मजबूत साउथ अफ्रीका में 2 टेस्ट भी जीते। कोहली SENA देशों में सबसे ज्यादा 7 टेस्ट जीतने वाले एशियन कैप्टन हैं।
कोहली ने 2018 में भारत को पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जिताई थी। ऑस्ट्रेलिया में ही 5 साल पहले कोहली ने अपना टेस्ट कप्तानी करियर शुरू किया था। 2021 में कोहली की ही तैयार की गई टीम इंडिया ने रहाणे की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज जीती। कोहली निजी कारणों से सीरीज का 1 ही टेस्ट खेल सके थे।
2021 में कोहली इंग्लैंड को भी टेस्ट सीरीज हराने के करीब पहुंच गए थे। 5 टेस्ट की सीरीज के शुरुआती 4 मैचों में भारत 2-1 से आगे था। पांचवां टेस्ट कोरोना महामारी के कारण 2022 में कराया गया, लेकिन तब कोहली कप्तानी छोड़ चुके थे। जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में भारत ने पांचवां टेस्ट गंवाया और सीरीज 2-2 से ड्रॉ हो गई।
कोहली की टेस्ट कप्तानी इसलिए भी बहुत बड़ी है, क्योंकि उन्होंने भारत को विदेश में टेस्ट और सीरीज जीतना सिखाया। उनसे पहले टीम इंडिया अगर SENA में एक टेस्ट भी जीतती थी तो उसे अचीवमेंट माना जाता था। ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरीज जीतने से पहले भी भारत ने 8 सीरीज गंवाई थीं।
न्यूजीलैंड में झेला इकलौता क्लीन स्वीप विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया का सबसे बुरा हाल भी न्यूजीलैंड ने ही किया था। न्यूजीलैंड ने 2021 में भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हराया। उससे पहले 2020 में टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हीं के घर में 2-0 से भी हार गई थी।
कोहली के कप्तानी करियर में भारत ने इसके अलावा किसी और टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना नहीं किया। इसके अलावा कोहली की कप्तानी में भारत ने 2 या उससे ज्यादा टेस्ट की सभी सीरीज में कम से कम एक टेस्ट तो जरूर जीता।
विदेश में कोहली के आगे नहीं टिकता धोनी का रिकॉर्ड विराट के बाद भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी रहे। उनकी कप्तानी में भारत ने 60 में से 27 टेस्ट जीते। वह विदेश के 30 टेस्ट में 6 ही बार भारत को जीत दिला सके, लेकिन उन्होंने घर में भारत को टॉप पर पहुंचाए रखा।
धोनी की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को घर में लगातार 8 टेस्ट हराए। धोनी का सबसे बुरा दौरा SENA देशों में ही रहा, जहां वह 3 ही टेस्ट जीत सके। 2011 और 2012 में तो टीम इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार 8 टेस्ट हार गई थी। धोनी ने SENA देशों में कोहली के बराबर 14 टेस्ट जरूर गंवाए, लेकिन उनके जितने टेस्ट जीत नहीं सके।
विराट के रिकॉर्ड से बहुत दूर हैं रोहित रोहित शर्मा ने 2013 में टेस्ट खेलना शुरू किया। उनके डेब्यू के बाद भारत ने 112 टेस्ट खेले, रोहित इनमें 64 मुकाबले ही खेल सके। वजह यह थी कि वह विदेश के टेस्ट में खराब थे। उन्होंने 2021 से विदेश में परफॉर्म करना शुरू किया और टेस्ट टीम में स्थापित हुए।
टेस्ट टीम में जगह पक्की करते ही रोहित के लिए दिक्कत यह हो गई कि जनवरी 2022 में विराट ने कप्तानी छोड़ दी। उन्हें मजबूरन टी-20 और वनडे के साथ टेस्ट कप्तानी भी करनी पड़ी। नतीजा यह हुआ कि भारत 3 साल में 5 घरेलू टेस्ट हार गया। 3-0 की क्लीन स्वीप भारत ने अपने टेस्ट इतिहास में पहली बार झेली है।
सवाल यह भी है कि क्या रोहित सच में बहुत खराब टेस्ट कप्तान हैं? जवाब है नहीं, उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीती है और वह अब तक 21 में से 12 टेस्ट जीत चुके हैं। हालांकि, घरेलू मैदान पर मिल चुकीं 5 हार के कारण वह 21वीं सदी में भारत के सबसे खराब टेस्ट कप्तान जरूर बन चुके हैं।
कप्तानी में कोहली ने 7 दोहरे शतक भी लगाए बैटर विराट कोहली ने वैसे तो हर कप्तान की मौजूदगी में अपना बेस्ट प्रदर्शन दिया, लेकिन जब वह खुद कप्तान बने तो टेस्ट बैटिंग की सारी कमियों को अचीवमेंट्स में बदल दिया। कोहली ने अपनी कप्तानी में रिकॉर्ड 7 दोहरे शतक लगाए।
2014 में इंग्लैंड दौरे पर कोहली बैट से कुछ खास नहीं सके, लेकिन 2018 में उन्होंने इसे पलटा और सीरीज के टॉप रन स्कोरर बन गए। ऑस्ट्रेलिया में तो वह हर बार ही रन बनाते हैं, उन्होंने साउथ अफ्रीका में भी सेंचुरी लगाकर बताया कि ICC ने क्यों 2020 में उन्हें दशक का बेस्ट क्रिकेटर चुना था। कोहली फिलहाल भारत के चौथे टॉप रन स्कोरर हैं।
दशक के बेस्ट वनडे प्लेयर भी हैं कोहली ICC ने विराट कोहली को बेस्ट क्रिकेटर के साथ बेस्ट वनडे प्लेयर का अवॉर्ड भी दिया था। 2008 में डेब्यू के बाद भी विराट अब तक टॉप वनडे प्लेयर बने हुए हैं। 2023 के वर्ल्ड कप में उन्होंने 50वीं सेंचुरी लगाकर सचिन तेंदुलकर के सबसे ज्यादा वनडे शतक के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया था।
विराट 14 हजार रन के करीब हैं और अगले साल इस रिकॉर्ड तक सबसे कम पारियों में पहुंचने वाले खिलाड़ी बन सकते हैं। वह एक वनडे वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 765 रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं। वनडे में वह चेज मास्टर भी कहलाते हैं, टारगेट का पीछा करते हुए उनके नाम सबसे ज्यादा 27 सेंचुरी हैं।
आखिरी टी-20 में खेली अपनी बेस्ट इनिंग विराट कोहली टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन करियर के आखिरी मैच में उन्होंने वह कारनामा कर दिखाया, जिसके सहारे भारत ने ICC ट्रॉफी जीतने का सूखा खत्म कर दिया। विराट ने इसी साल जून में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में 76 रन की पारी खेलकर भारत को 176 रन तक पहुंचाया था।
भारत ने फिर शानदार तेज गेंदबाजी के दम पर 7 रन से यह फाइनल जीता। 76 रन बनाने के लिए विराट को प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड मिला, जिसके बाद उन्होंने इस फॉर्मेट से इंटरनेशनल में रिटायर होने का फैसला कर लिया। 125 टी-20 में उनके नाम रोहित शर्मा के बाद सबसे ज्यादा 4188 रन बनाने का रिकॉर्ड है। वह IPL के भी टॉप रन स्कोरर हैं।
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