टोक्यो पैरालंपिक विजेता ने दिए दुनिया जीतने के टिप्स, ये कर लिया तो सब आपका
नोएडा. यूपी के नोएडा स्टेडियम में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) गाजियाबाद की ओर से आयोजित वार्षिक स्पोर्ट्स डे का प्रोग्राम खत्म हो गया है. इसमें पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सुमित अंतिल मुख्य अतिथि रहे. इस दौरान चार हजार से अधिक छात्रों की उपस्थिति में सुमित ने अपने जीवन और खेल यात्रा की कहानी साझा की. उन्होंने बताया कि एक सामान्य बच्चे से पैरालंपिक चैंपियन बनने तक का उनका सफर कैसा रहा.
सुमित ने बताया कि उनका सपना बचपन से भारतीय सेना में जाने का था, लेकिन 2015 में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने उनकी जिंदगी बदल दी. इस हादसे में उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया. इस घटना ने उनके जीवन की दशा और दिशा दोनों बदल दी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
सुमित कहते हैं कि दिव्यांगता केवल शरीर में होती है. जो लोग इसे अपने दिल और दिमाग पर हावी नहीं होने देते, वे दुनिया के लिए मिसाल बनते हैं.
हादसे के बाद नई शुरुआत
सुमित अंतिल ने अपनी यात्रा के बारे में लोकल 18 से खास बातचीत की. सुमित कहते हैं कि वे सोनीपत (हरियाणा) के मूल निवासी हैं और उनका जन्म 7 जून 1998 को हुआ. पिता के निधन के बाद उनकी मां ने चार बच्चों को गरीबी और संघर्ष के बीच पाला. इस बीच 2015 में सुमित के साथ हादसा हो गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. रिश्तेदारों और दोस्तों ने उन्हें खेलों के प्रति प्रेरित किया. सुमित ने साईं सेंटर में कोच वीरेंद्र धनखड़ के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग शुरू की. बाद में द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुर सीखे.
चढ़ते गए सीढ़ियां
सुमित ने 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लेकर पांचवां स्थान प्राप्त किया. 2019 में उन्होंने दुबई में वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता. इसके अलावा नेशनल गेम्स और पेरिस में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि टोक्यो पैरालंपिक 2021 में आई, जब उन्होंने जैवलिन थ्रो की एफ-64 कैटेगरी में 68.55 मीटर के वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता.
स्पोर्ट्स डे का संदेश
नोएडा स्टेडियम में आयोजित स्पोर्ट्स डे कार्यक्रम में सुमित ने छात्रों से कहा कि कोई भी मंजिल दिल और दिमाग की ताकत से हासिल की जा सकती है. शरीर का कोई अंग गंवाने से हौसले नहीं मरते. सुमित ने सरकार की ओर से खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर किए काम की सराहना की और स्कूल स्तर पर स्पोर्ट्स को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा किसी भी फील्ड में बेहतर करने का स्कोप हमेशा रहता है. पहले के मुकाबले स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है, लेकिन कई जगह काम करने का स्कोप अभी भी है. हमारी सरकारों को इस पर ध्यान देना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 14:46 IST
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