वॉशिंगटन4 घंटे पहले
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ट्रम्प ने सोमवार को राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद नागरिकता से जुड़े आदेश पर साइन किए थे।
डोनाल्ड ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता खत्म करने के आदेश का अमेरिका में विरोध शुरू हो गया है। मंगलवार को 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने दो फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में इसके खिलाफ मुकदमा दायर कर आदेश को रद्द करने के लिए कहा।
ट्रम्प के इस आदेश के बाद अवैध प्रवासियों या वीजा पर रहने वाले लोगों के उन बच्चों को नागरिकता नहीं मिल पाएगी जिनका जन्म अमेरिका में हुआ है। ट्रम्प ने इस आदेश को लागू करने के लिए 30 दिन का समय दिया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक ट्रम्प का ये आदेश अमेरिकी बच्चों को मिलने वाले जन्मजात नागरिकता के अधिकार को चुनौती देता है। इससे हर साल 1.5 लाख नवजातों को नागरिकता पर संकट आ गया है।
अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन बच्चों को जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। अमेरिका में यह कानून 150 साल से लागू है।
दावा- ट्रम्प के पास संवैधानिक अधिकार नहीं
अठारह राज्यों और दो शहरों (सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन, डीसी) ने मैसाचुसेट्स और चार अन्य राज्यों ने वाशिंगटन के पश्चिमी जिले की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रम्प के आदेश के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
इसमें तर्क दिया गया कि 14वें संशोधन के तहत मिलने वाली जन्मजात नागरिकता पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रपति और कांग्रेस के पास संवैधानिक अधिकार नहीं हैं।
न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जे. प्लैटकिन ने अपने बयान में कहा कि, “राष्ट्रपति शक्तिशाली होते हैं, लेकिन वे राजा नहीं हैं। वे कलम के एक झटके से संविधान को फिर से नहीं लिख सकते।”
वाशिंगटन के अटॉर्नी जनरल निक ब्राउन के मुताबिक ट्रम्प के फैसले से हर साल 150,000 नवजात बच्चों को नागरिकता से वंचित किया जाएगा।
जन्मजात के नागरिकता मामले लगातार बढ़े हैं
गरीब और युद्धग्रस्त देशों से आए लोग अमेरिका आकर और बच्चों को जन्म देते हैं। ये लोग पढ़ाई, रिसर्च, नौकरी के आधार पर अमेरिका में रुकते हैं। बच्चे का जन्म होते ही उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है। नागरिकता के बहाने माता-पिता को अमेरिका में रहने की कानूनी वजह भी मिल जाती है।
अमेरिका में यह ट्रेंड काफी लंबे समय से जोरों पर है। आलोचक इसे बर्थ टूरिज्म कहते हैं। प्यू रिसर्च सेंटर की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक 16 लाख भारतीय बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने की वजह से नागरिकता मिली है।
हालांकि ट्रम्प के आदेश में कहा गया है कि यह केवल उन लोगों पर लागू होगा जो इस आदेश की तारीख से 30 दिनों के बाद अमेरिका में जन्मे हैं। इसका मतलब है कि अमेरिका में भारतीयों की आने वाली पीढ़ी इसके दायरे में होगी।
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डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने भारतीय समयानुसार सोमवार रात 10:30 बजे अमेरिकी संसद कैपिटल हिल में पद की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के जज जॉन रॉबर्ट्स ने उन्हें शपथ दिलाई। यह उनका दूसरा टर्म है। वे 2017 से 2021 तक अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रह चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…
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https%3A%2F%2Fwww.bhaskar.com%2Finternational%2Fnews%2Fprotest-against-trumps-order-to-end-birthright-citizenship-134337303.html
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