वॉशिंगटन1 घंटे पहले
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ट्रम्प ने शपथ ग्रहण के बाद कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किए हैं, जिनमें टैरिफ लगाने से लेकर जन्मजात नागरिकता समाप्त करने तक के आदेश शामिल हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को भेदभाव के खिलाफ चलाए जाने वॉले विविधता, समानता और समावेशी प्रोग्राम’ (DEI) को खत्म करने का आदेश दिया है। इसके सभी कर्मचारियों को सैलरी देकर छुट्टी पर भेज दिया गया है। इतना ही नहीं इन लोगों को नौकरी से निकालने की तैयारी भी कर ली गई है।
रॉयटर्स के मुताबिक इस प्रोग्राम का उद्देश्य महिलाओं, ब्लैक, अल्पसंख्यकों, LGBTQ+ और अन्य कम प्रतिनिधित्व वाले ग्रुप्स के लिए अवसरों को बढ़ावा देना है। ट्रम्प के इस फैसले से इन समुदायों के खिलाफ पूर्वाग्रह और भेदभाव खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहीम मुश्किल में पड़ सकती है।
अमेरिका में ब्लैक लोगों के साथ भेदभाव लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। हालांकि कुछ लोगों का आरोप है कि इस मुद्दे की आड़ में गोरे लोगों के अधिकारों की अनदेखी की जाती है।
ट्रम्प का प्राइवेट कंपनियों पर भी दबाव
DEI के तहत अमेरिका का जस्टिस डिपार्टमेंट प्राइवेट कंपनियों की भी जांच कर सकता है। इसमें यह देखा जाता है कि कंपनियों ने लोगों को नौकरी पर रखने के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया है और इसमें कहीं भेदभाव तो नहीं किया जा रहा है।
हालांकि कई लोगों का मानना है कि DEI के तहत गोरों लोगों से भेदभाव किया जाता है। ट्रम्प ने अपने इलेक्शन कैंपेन के दौरान DIE को बंद करने का वादा किया था। ट्रम्प प्राइवेट सेक्टर भी दबाव बना रहे है कि वो अलग अलग समूहों लोगों को ध्यान में रखकर की गई जॉइनिंग की समीक्षा करें।
लेबर डिपार्टमेंट के मुताबिक ट्रम्प ने 1965 में लिंडन जॉनसन की तरफ से जारी किए गए उस आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि फेडरल कॉन्ट्रैक्ट में नस्ल, रंग, धर्म, जेंडर और राष्ट्रीयता के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
अमेरिका के 36वें राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने 1965 में फेडरल नौकरियों में भेदभाव रोकने के लिए आदेश जारी किए थे।
ट्र्म्प चीन पर 10% लगा सकते हैं
इस फैसले के अलावा ट्रम्प चीन पर 10% टैरिफ लगाने पर भी विचार कर रहे हैं। साथ ही ट्रम्प ने BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। अमेरिकी में बिकने वाले ज्यादातर प्रोडक्ट्स दूसरे देशों से आते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स को डर है कि ट्रम्प के इन फैसलों से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है।
PWC के सर्वे के मुताबिक 45% अमेरिकी चीन पर 10 फीसदी टैरिफ का समर्थन करते हैं। करीब एक 33% अमेरिकी चीन पर 20% टैरिफ के लिए तैयार हैं। लगभग इतने ही अमेरिकी चीनी प्रोडक्ट्स के आयात पर 60% टैरिफ लगाने के पक्ष में हैं। इसका मतलब है कि अमेरिकियों के बीच चीन को लेकर खास तल्खी है। ट्रम्प इस पब्लिक सेंटीमेंट का फायदा उठा सकते हैं।
ट्रम्प का मानना है कि टैरिफ से अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार बढ़ेंगे। लेकिन इससे रिटेल कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसे वे ग्राहकों पर डाल सकते हैं। ‘नेशनल रिटेल फेडरेशन एंड कंज्यूमर टेक्नोलॉजी एसोसिएशन’ ने चेताया है कि टैरिफ आखिरकार अमेरिकी बिजनेस और ग्राहकों का ही खर्च बढ़ाएगी।
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