ग्वालियर में सभी नर्सिंग होम एवं पैथोलॉजी संचालक डेंगू की जांच एलाइजा टेस्ट पद्धति से ही कराएं। अगर किट से जॉच पायी गई तो लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव ने बैठक लेकर नर्सि
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उन्होंने कहा जो मरीज डेंगू पॉजिटिव पाए जाते हैं, उनकी रिपोर्ट चिकित्सक के हस्ताक्षर से ही प्रेषित की जाए। डिजिटल या अन्य किसी और के हस्ताक्षर से रिपोर्ट मान्य योग्य नहीं होगी। साथ ही जो लैब अन्य किसी लैब से जांच कराते है तो उसी लैब से चिकित्सक के हस्ताक्षर युक्त रिपोर्ट प्रेषित की जाए।
सभागीय कमिश्नर मनोज खत्री एवं जिला कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा नर्सिंग होम, लैब व अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में डेंगू की रोकथाम से संबंधित प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए दिए गए निर्देशों के पालन में रविवार को यह बैठक बुलाई गई थी। बैठक में निर्देश दिए गए कि गंभीर मरीज की रिपोर्ट तत्काल भिजवाई जाए। साथ ही गंभीर मरीज को हायर स्वास्थ्य संस्था के लिए रैफर करने की जानकारी तत्काल भेजी जाए। सभी को यह भी चेतावनी दी गयी है कि डेंगू नियंत्रण टीम भ्रमण कर रही है। जिस किसी भी अस्पताल/लैब या अन्य स्वास्थ्य संस्था में लार्वा पाया जाता है तो संबंधित स्वास्थ्य संस्था का लाइसेंस निरस्त करने व जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पृथक से नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थाएं डेंगू से बाचव के निर्देशों का पालन करें और संस्था के कम से कम चार स्थानों पर बैनर लगा कर आमजन को डेंगू से बचाव की जानकारी दी जाए।
बैठक में यह रहे शामिल समीक्षा बैठक में समस्त नर्सिंगहोम/पैथोलोजी संचालकों को आदेशित किया गया है कि अस्पताल एवं लैब में कही भी पानी जमा न हो और यह भी ध्यान रखा जाए कि लार्वा कही भी न पनपे। बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.विनोद दौनेरिया एवं डॉ.महेन्द्र पिपरौलिया जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट उपस्थित थे।
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