विदिशा में ताइक्वांडो प्रतियोगिता मे शामिल होने आए कई राज्यों के खिलाड़ियों की अच्छा भोजन नहीं मिल पा रहा और न ही सही सुविधाएं मिल रही हैं। ऐसे में यहां पहुंचे खिलाड़ियों और उनके परिजनों ने खाने में कीड़े मिलने और उसके खराब होने के बारे में जब जिम्मेदार
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दरअसल विदिशा में 68वीं राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता हो रही है, जो 8 से 12 नबंवर तक चलेगी। इस प्रतियोगिता में 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 1474 खिलाड़ी शामिल हुए हैं। यह आयोजन जिला शिक्षा विभाग के दौरा आयोजित कराया जा रहा है। जिसमें विभिन्न विभागों की अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंप गई है। प्रतियोगिता में शामिल खिलाड़ियों के लिए रुकने और खाने की व्यवस्था भी की गई है।
खिलाड़ियों ने खाने की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए
प्रतियोगिता में आए खिलाड़ियों को खराब भोजन दिया जा रहा है, जबकि खिलाड़ियों को प्रोटीन युक्त भोजन मिलना चाहिए। ऐसे में खिलाड़ियों को शनिवार(9 नवंबर) को जब फिर खराब खाना मिला तो उन्होंने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों से की और खाने की थाली कर्मचारियों को दिखा। तब उन्होंने इसकी जांच की और बाद में थाली डस्टबिन में डालने का इशारा कर दिया।
उत्तरप्रदेश से आए खिलाड़ी लोकेंद्र का कहना है कि खाना अच्छा नहीं मिल रहा। खाने में स्मेल आ रही है। जिसको खाकर हमारे कुछा साथी बीमार हो गए। हमने शिकायत कि तो उन्होंने हमे बाहर से खाना लाकर खाने को कहा। दिल्ली से आए नौशाद ने बताया कि वह 35 लोग आए हुए हैं और प्रतियोगिता में जो खाना मिल रहा है वो किसी को पसंद नहीं आ रहा। खाना खाने से शनिवार को उनकी टीम के एक लड़के की तबीयत खराब हो गई थी जिसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था।
खाने से स्मेल आने और अधिकारियों के कहने पर खिलाड़ियों ने इसे डस्टबिन में फेंक दिया।
बच्चों को बाहर से खिला रहे खाना
वहीं गोवा से आए खिलाड़ी के परिजन लाजमी ने बताया कि यहां पर खाने की अच्छी व्यवस्थाएं नहीं है। एक दिन पहले कच्चा खाना मिला था, फिर दूसरे दिन खाने में कीड़ा मिला। इतना ही नहीं यहां की टॉयलेट में गंदगी है। बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है। समझ में नहीं आ रहा है कैसे चार दिन रुके। उत्तराखंड से टीम लेकर आए मैनेजर का कहना है कि हम बच्चों की सेहत और उनके खेल के प्रति हमेशा सचेत रहते हैं। यहां खाना ठीक नहीं है तो अभी भी पूरी टीम को बाहर से खाना खिलवा रहे हैं।
खिलाड़ियों ने खराब खाने की शिकायत अधिकारी से की तो इसकी जांच की गई।
इधर जब मामल में खाने का सुपरविजन कर रहे फूड एंड सेफ्टी विभाग ऑफिसर एडलिना ई.पन्ना से बात की तो उनका कहना था कि प्रतियोगिता में जो खाना बन रहा है, उसके रॉ मटेरियल का सैंपल लिया है। खाने की क्वालिटी की शिकायत मिलने पर ठेकेदार को क्वालिटी में सुधार करने को बोला है। मोटा चावल बंद करके बासमती राइस बनाने को कहा है।
वहीं राष्ट्रीय प्रतियोगिता का निरीक्षण करने के लिए भोपाल से जॉइंट डायरेक्टर संजय शर्मा पहुंचे थे उन्होंने खिलाड़ियों को दिए जाने वाले खाने की जांच की तो उनको भी भोजन में कमी मिली। उन्होंने मोटे चावल की जगह अच्छी क्वालिटी का चावल देने के निर्देश दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी आरके ठाकुर का कहना था कि खाने की गुणवत्ता की जांच के लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम लगी हुई है। विभाग ने भी टीम बनाई गई है जो खिलाड़ियों के खाने की जांच कर रही है और कोई मामला संज्ञान में आता है तो उसका निराकरण किया जाता है। हमारी कोशिश है कि खिलाड़ियों को अच्छा खाना मिले।
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