रीवा में डेढ़ महीने में दूसरी बार डिजिटल अरेस्ट करने का मामला सामने आया है। इस बार एक व्यापारी से डरा धमका कर 10.73 लाख रुपए ऐंठ लिए गए। शिकायत पर आज (शनिवार) समान थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
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CSP शिवाली तिवारी ने बताया कि शहर के नेहरू नगर के व्यापारी नितिन वर्मा को ठगों ने पहले ऑनलाइन वर्क और फिर फर्जी एफआईआर के नाम पर डरा-धमकाकर वीडियो कॉल कर 6 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रुपए ऐंठ लिए। बदमाशों ने दो बार में 10.73 लाख रुपए की ठगी व्यापारी से की। पुलिस जांच में जुटी हुई है।
कहा– आपके खिलाफ दिल्ली में FIR दर्ज हुई है… CSP ने बताया कि नितिन वर्मा के मोबाइल पर 10 नवम्बर को सुबह 8 बजे कॉल आया। कहा गया कि दो घंटे में आपकी मोबाइल सेवा बंद हो जाएगी। अधिक जानकारी के लिए कस्टमर केयर में नम्बर कनेक्ट कर रहा हूं। कॉल ट्रांसफर करने पर दूसरी तरफ बैठे व्यक्ति ने बताया कि आपके खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज हुई है। आपके आधार कार्ड से बैंक खाता खोला गया था। जिससे 180 करोड़ की नशीली सामग्री खरीदी गई है। उसके लिए आपके सभी बैंक खातों की जांच करनी है।
आपके पास जितने भी खाते हैं। उनके पैसे हमारे सेफ कस्टडी में जमा कर दें। उनकी बातों में आकर व्यापारी ने 99 हजार 38 हजार और फिर 12 हजार यानी कुल 1.49 लाख रुपए बैंक आफ महाराष्ट्र के खाते में ट्रांसफर कर दिए। फिर वीडियो कॉल करने वाले ने कहा कि आप किसी से बात नहीं कर सकते। एक स्थान पर बैठे रहें। वर्मा सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक 6 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहे।
व्यापारी से पहले भी हो चुकी ठगी CSP के अनुसार, बदमाशों ने नितिन से पहले भी ठगी की थी। 19 अक्टूबर को कॉल कर ऑनलाइन वर्क का प्रलोभन वॉट्सऐप पर लिंक भेजी थी, जिसमें रेटिंग के बदले उनके खाते में 150 रुपए आए। इसके बाद ऑनलाइन टास्क पूरा करने व्यापारी से 5 हजार 32 हजार 50 हजार और फिर 49,800 रुपए जमा करवाए गए।
पीड़ित ने जब रुपए वापस मांगे तो टास्क पूरा करने को बोला गया। फिर पुरानी रकम वापस करने के नाम पर 38,800 और 4 लाख रुपए जमा करवाए। पीड़ित ने दूसरे दिन परिजनों को जिसकी जानकारी दी। पीड़ित ने पैसे वापस करने के लिए कई बार फोन लगाया। लेकिन बदमाश टालमटोल करते रहे। बदमाशों ने व्यापारी से कुल 10.73 लाख रुपए की ठगी की है। शिकायत पर समान थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
रीवा में पहले भी हो चुके ऐसे घटनाक्रम रीवा में डिजिटल अरेस्ट का मामला इससे पूर्व भी सामने आ चुका है। एक महिला को बदमाशों ने फोन कर डिजिटल अरेस्ट बताया और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर बैंक खाते खुलवाने की जानकारी दी थी। महिला मोबाइल फोन लेकर साइबर सेल पहुंच गई थी जिस पर साइबर पुलिस की मदद से वह ठगी का शिकार होने से बच गई थी।
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