बेल्जियम की Vrije Universiteit Brussel के दर्शनशास्त्री क्लेमेंट विडाल ने इस थ्योरी को सामने रखा है। उनकी शोध के अनुसार, एलियन सभ्यताएं अपने स्टार सिस्टम को ही ब्रह्मांडीय दूरी को तय करने में इस्तेमाल करती होंगी। हालांकि विडाल की इस तरह की थ्योरी पूरी तरह से काल्पनिक और अप्रमाणित कही जाएगी। लेकिन विडाल की यह थ्योरी इस बात की संभावना जरूर बढ़ाती है कि हो सकता है ब्रह्मांड में कोई सभ्यता एडवांस्ड इंजीनियरिंग का इस्तेमाल करती आ रही हो जिसके बारे में सोच पाना इंसानों की सोच से भी परे हो!
Journal of the British Interplanetary Society में इस स्टडी को पब्लिश किया गया है। LiveScience की रिपोर्ट के अनुसार, यह थ्योरी एक विचार पर टिकी है। वो यह कि एलियन सभ्यताएं एक तारामंडल से दूसरे तारामंडल में जाने के लिए स्पेसक्राफ्ट बनाने की बजाए पूरे स्टार सिस्टम को ही कंट्रोल करती होंगी। इनके इस काम में न्यूट्रॉन स्टार या फिर उससे छोटे साथी स्टार मदद करते होंगे। न्यूट्रॉन स्टार में अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण होता है। ये किसी स्टार सिस्टम को आगे धकेलने में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
विडाल ने अपनी थ्योरी के बारे में समझाते हुए लिखा है कि किसी तारे की सतह को विषम रूप से उष्मा देना या उसके चुंबकीय क्षेत्र के साथ छेड़छाड़ करने से वह एक ही दिशा में मेटिरियल फेंकना शुरू कर सकता है। इससे एक बल पैदा होता है जिससे बाइनरी सिस्टम विपरीत दिशा में धकेलना शुरू हो जाता है।
खगोल शास्त्री हाइपर वैलोसिटी वाले तारों की पहचान भी कर चुके हैं। इनमें पल्सर तारे जैसे PSR J0610-2100 और PSR J2043+1711 भी शामिल हैं। ये तारे बहुत अधिक स्पीड से चलते हैं। हालांकि इनकी यह गति इनका प्राकृतिक गुण मानी जाती है, लेकिन विडाल की थ्योरी कहती है कि इसके बारे में आगे शोध करने की जरूरत है। हो सकता है कि एलियन सभ्यता ऐसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हो जिससे कि तारों को व्हीकल बनाकर इस्तेमाल किया जा सके।
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2024-12-01 04:34:48
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