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दिल्ली कैपिटल्स से जुड़े इंदौर के क्रिकेटर माधव: IPL फ्रेंचाइजी ने 40 लाख में खरीदा, 9 साल की उम्र में थामा बल्ला,अंडर-18 में लगाया दोहरा शतक – Indore News

9 साल की उम्र में गेंद-बेट थामने वाले माधव तिवारी (आलराउंडर) IPL की दिल्ली कैप्टिल्स टीम में शामिल हुए। हाल में ही हुए ऑक्शन में उन्हें 40 लाख रुपए में खरीदा गया। क्रिकेट के लिए माधव शुरू से ही जुनूनी रहे हैं। जानते हैं माधव के क्रिकेट की शुरुआत कैसे

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रणजी खिलाड़ी कुशल चौरे ने सबसे पहले पहचानी प्रतिभा माधव के पिता अवधेश तिवारी (ट्रांसपोर्ट व्यवसायी) बताते हैं कि वे मूल रूप से मऊगंज के रहने वाले हैं। बीते 35 सालों से इंदौर में जॉइंट फैमिली के साथ काउंटी वॉक में रह रहे हैं। 8-9 साल की उम्र में माधव ने महालक्ष्मी नगर ग्राउंड में क्रिकेट खेलना शुरू किया। उस वक्त वे महालक्ष्मी नगर में ही रहते थे। उनके पड़ोस में रणजी खिलाड़ी कुशल चौरे रहते थे। उन्होंने माध‌व को क्रिकेट खेलते देखा तो पिता से उसे क्रिकेट में आगे बढ़ाने के लिए कहा। पहले तो पिता ने उनकी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। बाद में बेटे का खेल और क्रिकेट के प्रति जुनून देखा। करीब पांच साल सोचने के बाद बेटे को 13 साल की उम्र में अमय खुरासिया की एकेसीए एकेडमी में भर्ती करा दिया। माधव का खेल और अच्छा होता चला गया। माधव की फैमिली ने भी उनका पूरा सपोर्ट किया।

मंत्री प्रहलाद पटेल, माधव तिवारी को पुरस्कृत करते हुए।

अंडर-18 में लगा चुके दोहरा शतक

  • माधव ने अमय खुरासिया के मार्गदर्शन में इंदौर डिवीजन के अंतर्गत अंडर-15, अंडर-18, अंडर-23 में सिलेक्ट होकर शानदार प्रदर्शन किया।
  • अंडर-18 में इंदौर डिवीजन की कप्तानी करते हुए वनडे में दोहरा शतक लगाते हुए इंदौर डिवीजन को विजेता बनाने में खास भूमिका निभाई।
  • माधव तिवारी सीनियर डिवीजन एम के भाया ट्रॉफी के लिए भी सिलेक्ट हुए।
  • 2021-22 में अंडर-19 में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुये माधव हाईएस्ट विकेट लेने वाले खिलाड़ी रहे।
  • 2023 में भोपाल लेपर्ड से एमपीएल खेले। 2024-25 में अंडर-23 कर्नल सी के नायडू ट्राफी में खेल रहे हैं।

रोहित शर्मा और जैक कैलिस हैं आइडियल अवधेश तिवारी बताते हैं कि क्रिकेटर रोहित शर्मा और जैक कैलिस माधव के आइडियल रहे हैं। माधव ने अपने कमरे में एबी डीविलियर्स का पोस्टर भी लगा रखा है। पिता ने बताया कि अमय खुरासिया, अमिताभ विजयवर्गीय, चंद्रकांत पंडित, देवाशीष निलोसे, ईश्वर पांडे सहित सभी कोच के मार्गदर्शन से माधव के खेल में काफी सुधार आया।

रूम में लगा पोस्टर।

रूम में लगा पोस्टर।

क्रिकेट के लिए बदल दिया स्कूल अवधेश तिवारी ने बताया कि माधव पहले लॉरेंस स्कूल में पढ़ाई करता था। खेल निखरता गया तो अलग-अलग जगह खेलने जाने लगा। माधव के खेल को देखते हुए पिता ने 7th क्लास में उसका एडमिशन दिल्ली पब्लिक स्कूल में करा दिया। यहां भी माधव को खेल में काफी सपोर्ट मिला। स्पोर्ट्स मैनेजर सुमित रिचारिया, स्कूल कोच कपिल सेडगे और स्कूल मैनेजमेंट ने उसे आगे बढ़ने में मदद की।

परिवार के साथ माधव तिवारी।

परिवार के साथ माधव तिवारी।

परिवार का सपोर्ट, भाईयों ने दी काम से छुट्टी अवधेश तिवारी बताते हैं कि उनकी जॉइंट फैमिली है। परिवार का ट्रांसपोर्ट का कामकाज है। उनके बड़े भाई देवेंद्र तिवारी और छोटे भाई ब्रजेश तिवारी ने उन्हें ट्रांसपोर्ट के काम से फ्री कर दिया और पूरा फोकस माधव पर करने को कहा। माधव को कहीं भी खेलने जाना होता तो पिता ही उन्हें ले जाते। माधव के दादा स्व.यज्ञ नारायण तिवारी भी उसका बहुत सपोर्ट करते थे। कई बार वे खुद माधव को लेकर ग्राउंड पर आ जाते थे। माधव की माता कोमल तिवारी गृहिणी हैं। बड़ी बहन सौम्या हैदराबाद में एक कंपनी में काम करती है। माधव पूरी तरह से वैजिटेरियन हैं। उन्हें मां के हाथ के पराठे बहुत पसंद है। इसके अलावा उन्हें फॉरेस्ट एरिया में घूमना भी पसंद है। वे रणथंभौर, जिम कॉर्बेट, बांधव गढ़ आदि जगह घूम चुके हैं। ट्रायल्स पर जाने से पहले पिता से की डिमांड माधव के पिता ने बताया कि कुछ समय पहले माधव ट्रायल्स के लिए मुंबई गया था। वहां से लौटते ही एयरपोर्ट पर मुझसे कहा कि ट्रायल्स बहुत अच्छा हुआ है। एक हजार प्रतिशत मैं सिलेक्ट हो जाऊंगा। मगर पिता को कम भरोसा हो रहा था। हालांकि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनका बेटा सिलेक्ट हो जाएगा। ट्रायल्स पर जाने के पहले उन्होंने पिता से कहा था कि अगर सिलेक्ट हो गया तो मुझे क्या देंगे। पिता ने कहा जो तुम कहो। माधव ने पिता से 10 किलो वजन कम करने को कहा, सिलेक्ट होने के बाद अब पिता बेटे के लिए 10 किलो वजन कम करेंगे।

परिवार के साथ माधव तिवारी।

परिवार के साथ माधव तिवारी।

शादी समारोह में डेढ़ घंटा बाहर खड़े रहे रिजल्ट आने और दिल्ली कैपिटल्स में सिलेक्ट होने की खबर परिवार को उस वक्त मिली जब वे इंदौर में एक शादी समारोह में शामिल होने जा रहे थे। शादी समारोह में जाने के पहले लगातार आ रहे बधाई के फोन कॉल्स के कारण डेढ़ घंटे तक हॉल के अंदर नहीं जा सके। पिछले कुछ दिनों से ये सिलसिला जारी है। मऊगंज में भी खुशी मनाई जा रही है। पिता का यही कहना है कि उनका बेटा बेस्ट खिलाड़ी बने और इंडिया के लिए खेले।

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