दीवाली की खरीदारी के बाद शहर के प्रमुख बाजारों से करीब 13 टन पैकेजिंग मटेरियल निकला है। इसमें सबसे ज्यादा 8 टन से भी ज्यादा ग्रे बोर्ड है। इसके अलावा कपड़ा, रस्सी,थर्माकोल और 3 तरह का प्लास्टिक शामिल है। नगर निगम के सफाई मित्रों ने कचरा ट्रांसफर स्टे
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इसके लिए ग्रे बोर्ड इंदौर की पेपर फैक्ट्री के लिए भेजा जा रहा है। बाकी मटेरियल को भी अलग-अलग तरह से दोबारा उपयोग में लिया जाएगा। कचरे का उपयोग होने से इसे निष्पादित करने के लिए अलग से प्रयास करने की जरूरत नहीं होगी। नगर निगम के स्वास्थ्य अमले ने पैकेजिंग मटेरियल को एकत्रित करने और उठाने के लिए रात में ही बाजारों में अपनी टीमें लगा दी थी। ताकि दुकानदार उक्त कचरे को जलाएं नहीं। सामान्य तौर पर देखने में यह आता है कि दुकानों से निकले इस कचरे को दुकान बंद करने के बाद इधर-उधर जलाया जाता है। इससे वायु प्रदूषण भी फैलता है।
नगर निगम को दोहरा लाभ
उक्त कचरे का रीयूज होने से नगर निगम को दोहरा लाभ हो रहा है। पहला तो यह कि उक्त कचरे को ट्रांसफर स्टेशन से आमदपुर कचरा खंती तक ले जाने पर होने वाला खर्च बच रह है तो वहीं दूसरा उक्त कचरे को आदमपुर कचरा खंती पर निष्पादित करने पर होने वाला खर्च भी बच रहा है।
बाजारों से निकले पैकेजिंग मटेरियल की सफाई मित्रों से एमआरएफ सेंटर पर खरीदी की गई। ग्रे बोर्ड के अलावा अन्य तरह का मेटेरियल भी लिया गया है। इसका रीयूज किया जाएगा।’ -इम्तियाज अली, संस्थापक, सार्थक संस्था
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