मध्य प्रदेश का उमरिया प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही स्थानीय स्तर पर बनाए जाने वाले महुआ के लड्डू के कारण भी चर्चा में है, जो इन दिनों काफी प्रसिद्धि पा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने भी स्थानीय स्तर पर स्थान उपलब्ध कराया है।महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा महुए के लड्डू बनाए जा रहे हैं, जिन्हें स्टाल लगाकर आम लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
By SanjayKumar Sharma
Publish Date: Wed, 30 Oct 2024 02:42:06 PM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Oct 2024 01:29:12 AM (IST)
HighLights
- पौष्टिक होने के साथ-साथ ठंड के मौसम में सेहत के लिए फायदेमंद।
- गुड़ की मात्रा भी कम होने से शुगर वाले निर्धारित मात्रा में खा सकते हैं।
- शहरभर में स्टाल लगाकर आम लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
संजय कुमार शर्मा, नईदुनिया, उमरिया (Umaria News)। इस बार दीपावली में खोवे और छेने की मिठाई के साथ महुआ का लड्डू भी शामिल हो गया है। उमरिया शहर में कई स्थानों पर महुआ से बना हुआ लड्डू लोगों को सहज ही उपलब्ध हो रहा है।
कोई नुकसान नहीं
महुआ से बने यह लड्डू पूरी तरह से पौष्टिक है और सेहत के लिए फायदेमंद भी। इसे बनाने के लिए गुड़ का उपयोग किया गया है साथ ही इसमें मेवे भी डाले गए हैं। इस बारे में चर्चा करते हुए जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर के सोनी ने बताया कि महुआ से बनने वाले लड्डू पूरी तरह से पौष्टिक होते हैं और सेहत को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाते।
शुगर वाले भी निर्धारित मात्रा में खा सकते हैं
गुड़ की मात्रा भी कम होने के कारण शुगर वाले भी इस लड्डू को निर्धारित मात्रा में खा सकते हैं। महुए के लड्डू में पर्याप्त मात्रा में वे सभी गुण उपलब्ध होते हैं जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है, इसलिए प्रशासन ने भी महुए के लड्डू को उपलब्ध कराने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में व्यवस्था कर दी है। इसके अलावा शहर में भी कई स्थानों पर स्टाल लगाए गए हैं।
वोकल फार लोकल
इन दोनों मध्य प्रदेश में स्वर का लोकल अभियान भी चलाया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को उनके उत्पाद में अच्छा फायदा पहुंचाया जा सकता है। उमरिया शहर के अलग-अलग स्थान पर महिलाओं द्वारा तैयार किए जाने वाले महुए के लड्डू का स्टाल लगाकर वोकल फार लोकल की भावना को भी महत्व दिया गया है।
महिलाओं को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है
कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन का कहना है कि जिले की आदिवासी महिलाएं महुआ के पौष्टिक लड्डू तैयार कर रही हैं जिसका फायदा सभी को मिलना चाहिए। जिला पंचायत के सीईओ अभय सिंह अहोरिया का कहना है कि महिलाओं को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि वह अपने उत्पाद को प्रस्तुत कर सके।
महुआ का स्थानीय स्तर पर बेहतर उपयोग
महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिलाया गया था और उन्हें आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस तरह उमरिया जिले में एक जिला एक उत्पाद के तौर पर चयनित महुआ का स्थानीय स्तर पर बेहतर उपयोग हो रहा है।
50 से ज्यादा महिलाओं को काम
महुए के लड्डू बनाने के इस काम में 50 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी हुई है, जिन्हें अच्छी आए भी हासिल हो रही है। इतना ही नहीं बाजार में खरीदी करने के लिए आने वाले लोग भी महुए के लड्डू की तरफ आकर्षित हो रहे हैं, जिसका लाभ महिलाओं को मिल पा रहा है। पार्वती सिंह का कहना है कि उन्होंने जब महुए के लड्डू बनाने की शुरुआत की थी तब उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इतनी सफलता उन्हें मिल पाएगी।
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