स्पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, यह जगह इंसानों के रहने लायक नहीं है, क्योंकि यहां की जलवायु शुष्क है। बहुत ज्यादा ऊंचाई की वजह से यहां का वातावरण काफी ठंडा है। हालांकि ऐसी जगहें इन्फ्रारेट टेलीस्कोप जैसे- TAO के लिए बेस्ट होती हैं, क्योंकि नमी कम होने के कारण यहां से कोई भी स्पेस ऑब्जर्वेशन आसानी से किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, टोक्यो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर युजुरु योशी ने साल 1998 से इस टेलीस्कोप को बनाने का काम देखा। योशी ने एक बयान में कहा कि उतनी ऊंचाई पर टेलीस्कोप का निर्माण करना तकनीकी तौर पर बहुत चुनौतीपूर्ण था। चिली की सरकार ने इसमें मदद की। खास यह है कि इतनी ऊंचाई पर वैज्ञानिकों की देखरेख में वहां की गवर्नमेंट भी सपोर्ट करेगी।
टीएओ टेलीस्कोप 6.5 मीटर का है। उसमें दो साइंस इंस्ट्रूमेंट लगे हैं। ये इन्फ्रारेड में ब्रह्मांड को देखने के लिए डिजाइन किए गए हैं। टेलीस्कोप में लगे एक इंस्ट्रूमेंट का नाम SWIMS है। यह शुरुआती ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं की इमेज कैप्चर करेगा ताकि पता लगाया जा सके कि उनमें धूल और गैस कैसे जमा हुई।
दूसरे इंस्ट्रुमेंट का नाम मिमिजुकु (MIMIZUKU) है। वह धूल की प्राइमर्डियल डिस्क करेगा। इसी डिस्क के अंदर तारों और आकाशगंगाओं का निर्माण होता है। TAO को के निर्माण से पहले वैज्ञानिकों ने उसकी जगह पर एक मिनी TAO लगाया था, जिसका व्यास 1 मीटर था। साल 2009 में मिनी TAO के लगने के दो साल बाद उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुआ था। अब यह कामयाबी TAO को मिल सकती है।
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2024-05-01 08:51:42
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