बता दें कि यहां दर्शन के लिए रखी गई भगवान विष्णु की प्रतिमा मध्य प्रदेश में तैयार की गई हैं। लंबा सफर तय करते हुए ये प्रतिमा महाराष्ट्र के शहादा पहुंचाई जाएंगी। शहादा में तैयार हो रहे दुनिया के सबसे बड़े मंदिर में इसे स्थापित किया जाएगा। यात्रा से पहले प्रतिमा को राजवाड़ा में दर्शन के लिए रखा गया। इस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी विष्णु भगवान के दर्शन करते नजर आए।
इंदौर महापौर बोले दुनिया के सबसे बड़े मंदिर में विराजेंगे भगवान
राजवाड़ा में दर्शन के लिए रखी गई भगवान विष्णु की प्रतिमा के दर्शन करने महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि ये इंदौर के लिए गौरव की बात है कि ये प्रतिमा इंदौर में बनी और अब महाराष्ट्र के शहादा जाएगी। वहीं उसकी प्राण प्रतिष्ठा भी की जाएगी। महापौर ने यह भी कहा कि यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा और पूरा इंदौर इस यात्रा के लिए खुश है।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी किए दर्शन
भगवान विष्णु की प्रतिमा के दर्शन करने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी राजवाड़ा पहुंचे। दर्शन के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने इस तरह पहली बार दर्शन किए हैं। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ‘शास्त्रों में मान्यता है कि कलयुग के बाद कलकी भगवान का अवतार होगा और वे भगवान विष्णु के दर्शन करेंगे।’
21 टन वजनी भगवान की प्रतिमा की ये है खासियत
- भगवान विष्णु की ये प्रतिमा 11 फीट लंबी है।
- इस प्रतिमा को पंचधातु से तैयार किया गया है।
- इसका वजन 21 टन है।
- पंच धातु की यह प्रतिमा मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान में भी तैयार हुई है।
- प्रतिमा में ब्रह्मा-विष्णु-महेश तीनों हैं।
- नारायण एक पुष्प से भगवान महादेव का पूजन करते नजर आ रहे हैं।
- ब्रह्मा जी उनकी नाभी में हैं।
- भगवान लक्ष्मीकांत के शीश की तरफ शेषनाग है।
- उनके चरणों में माता लक्ष्मी की प्रतिमा विराजी है।
- भगवान की प्रतिमा के समक्ष गरुड़ जी की प्रतिमा है।
- गुरुड़ जी भगवान के नित्य सेवक हैं। उनकी दृष्टि भगवान की तरफ है।
- गरुड़ जी की प्रतिमा में अष्ट नाग है। इनमें से एक ही नाग, गरुड़ जी की आंखों में देख रहा है।
- वह उनके भावों और विचारों को पढ़ता है कि गरुड़ जी कहां जाने वाले हैं।
- ये सातों नागों को दिशा-निर्देश देते हैं।
पंचधातु की प्रतिमा की पूजा करना अनंत गुना फलदायी
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मिट्टी की प्रतिमा का पूजा का एक गुना फल मिलता है। कांस्य की प्रतिमा की पूजा का दस गुना फल प्राप्त होता है। पाषाण की प्रतिमा का सौ गुना फल मिलता है, लेकिन धातु की जो प्रतिमा होती है उसकी पूजा का अनंत गुना फल मिलता है। कलयुग में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह अनंत गुना फल के लिए अनंत गुना प्रयास करे। इसीलिए भगवान का ये स्वरूप पंचधातु से बनाकर तैयार किया गया है। ऐसी दिव्य प्रतिमा के दर्शन करके भक्तों को जल्द ही दर्शन का लाभ मिलेगा।
साढ़े चार साल लगे तैयार होने में
श्री नारायण भक्ति पंथ के प्रमुख लोकेशानंद महाराज का कहना है कि इस प्रतिमा को बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी का एक मॉडल बनाया गया था। यहा पुरुषोत्तम नारायण के स्वरूप में है। एक साल तक मिट्टी में रहकर ही इसे तैयार किया। इसके बाद फायबर का मॉडल बनाया। जयपुर में इसकी कास्टिंग करवाई गई है। कास्टिंग के बाद प्रतिमा यहां आई है। यहां ढाई साल तक प्रतिमा की फीनिशिंग की गई। तब जाकर साढ़े चार साल में यह प्रतिमा तैयार हुई है। 24 करोड़ रुपए की लागत से तैयार ये प्रतिमा जन सहयोग से तैयार की गई है।
एक तुलसी दल साथ लेकर पहुंचे भक्त
बता दें कि भगवान विष्णु के दर्शन करने पहुंचे भक्त अपने साथ एक तुलसी दल भी लेकर पहुंचे। माना जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी दल बेहद प्रिय है, इससे वे जल्दी खुश हो जाते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इंदौर से 235 किमी की यात्रा कर महाराष्ट्र पहुंचेगी प्रतिमा
बताया जा रहा है कि राजवाड़ा पर दर्शन के बाद प्रतिमा राजवाड़ा से गांधी हॉल जाएगी। यहां से शहादा के लिए रवाना होगी। इंदौर से शहादा की दूरी 235 किलोमीटर है। इस शोभायात्रा में कई सामाजिक संगठन शामिल होंगे। इनमें अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज, श्री पारीक ब्राह्मण समाज, श्रीपालीवाल ब्राह्मण समाज 44 श्रेणी, वैश्य समाज, क्षत्रीय समाज, सिंधी समाज, सिक्ख समाज, मराठी समाज, जैन समाज, पालीवाल समाज, बजरंग मंडल, सीए एसोसिएशन, डॉक्टर्स ग्रुप आदि शामिल हैं। भगवान विष्णु की ये रथ यात्रा होगी, जो इंदौर से महाराष्ट्र जाएगी।
इन रास्तों से गुजरेगी यात्रा
भगवान विष्णु की ये प्रतिमा शोभायात्रा के रूप में शहादा के लिए रवाना होगी। यह शोभायात्रा राऊ, महू, मानपुर, ठीकरी, बरुफाटक, जुलवानिया, गुजरी, सेंधवा, निवाली, पानसेमल, खेतिया आदि जगह का भ्रमण करते हुए 11 जनवरी को महाराष्ट्र के शहादा नगर जाएगी।
11 जनवरी को शहादा में विशाल भक्ति महोत्सव
11 जनवरी को शहादा में विशाल भक्ति महोत्सव मनाया जाएगा। इसमें सत्संग, भजन, कीर्तन और महापूजा के साथ ही भगवान की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। वहीं मकर संक्रांति महापर्व पर 14 जनवरी दोपहर 12 बजे भगवान विष्णु की शेषशायी प्रतिमा को भविष्य में दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर बनने जा रहे मंदिर के गर्भगृह में विराजित कर स्थापना की जाएगी। 15 जनवरी को महाप्रसादी का आयोजन भी किया गया है।
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