मालवा क्षेत्र में मटर की फसल इस बार बंपर पैदावार दे रही है, जो किसानों के लिए खुशखबरी है। पंजाब, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में मटर की फसल में देरी और खराब गुणवत्ता के कारण मालवा के मटर का दबदबा बढ़ा है। हालांकि, सोयाबीन के उत्पादन में गिरावट ने किसानों की उम्मीदें तोड़ी थीं, अब मटर की फसल ने उन्हें राहत दी है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Wed, 11 Dec 2024 08:27:44 PM (IST)
Updated Date: Wed, 11 Dec 2024 08:46:50 PM (IST)
HighLights
- मालवा में मटर की फसल की हो रही बंपर पैदावार
- पंजाब और अन्य राज्यों में मटर की फसल खराब
- सोयाबीन की पैदावार घटने से मटर पर फोकस
नईदुनिया प्रतिनिधि, धार : स्ट्राबेरी, अनार, वीएनआर अमरूद, रेड डायमंड अमरूद, सोयाबीन, गेहूं आदि के लिए मालवा प्रसिद्ध है। यहां के मटर देश के हर कोने में सबको भा रही है। मौसम की अनुकूलता के कारण इस बार मटर की क्वालिटी बेहद खास है। यही कारण है कि पहली बार एक माह से मटर के भाव एक समान मिल रहे हैं, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं।
दरअसल, पंजाब के अमृतसर में इस साल मटर की फसल कोहरे के कारण खराब हो गई है। राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में मटर जनवरी के अंतिम सप्ताह तक आने की उम्मीद है। माना जा रहा है अगले दो महीनों तक मालवा के मटर का दबदबा चहुंओर रहेगा।
सोना ने दिया दगा
80 के दशक से दबदबा रखने वाला पीला सोना यानी सोयाबीन पिछले कुछ वर्षों से किसानों को दगा दे रहा है। इस साल भी इसके कम दाम और कम उत्पादन ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरा है, इसलिए किसानों की सारी उम्मीद मटर की फसल पर टिकी थी।
कृषकों ने सोयाबीन के तुरंत बाद मटर की बोवनी कर दी थी, लेकिन मानसून की आखिरी वर्षा ने मटर की फसल को बर्बाद कर दिया। जब दोबारा बोवनी की नौबत आई, तो मंहगे बीज और पहली बोवनी वर्षा में धुलने के कारण कई किसानों ने इससे तौबा कर ली।
रकबा घटा, डिमांड बढ़ी
साल 2023-24 में मटर का रकबा 16 हजार 500 हेक्टेयर था, जो इस वर्ष घटकर करीब साढ़े आठ से नौ हजार हेक्टेयर के करीब ही रह गया। इससे इसकी डिमांड चहुंओर से निकलकर सामने आ रही है। बाद में बोई गई मटर की फसल को मौसम का अच्छा साथ मिला। इस बार पैदावार भी बंपर हो रही है तथा गुणवत्ता भी काफी सुधार दिखाई दिया है।
कई राज्यों में मालवा के मटर की खपत
महाराष्ट्र से केंद्र शासित प्रदेश तक खपत मालवा के मटर की खपत महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली समेत केंद्र शासित प्रदेश दमन तक में हो रही है। यहां की महाराष्ट्र में मुंबई व पुणे तथा गुजरात में पोरबंदर, राजकोट, अहमदाबाद, भावनगर, जामनगर, सूरत, वापी तथा राजस्थान में जयपुर आदि शहरों के साथ केंद्र शासित प्रदेश दमन तक भेजी जा रही है।
दिल्ली से भी मटर की डिमांड आ रही है, किंतु वहां की दूरी अधिक होने पर 24 घंटे का समय लग रहा है, जिससे मटर की क्वालिटी प्रभावित होने से दाम नहीं मिल रहे हैं। यदि दिल्ली-मुबंई एट लेन पूरा हो जाता है, तब दिल्ली की राह आसान हो जाएगी।
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