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देश में पहली बार बायपास होगी नदी: 30 किमी लंबी टनल बनाकर शिप्रा में मिलने से पहले बदलेंगे कान्ह नदी का रूट – Ujjain News

उज्जैन में शिप्रा को स्वच्छ और नदी का जल प्रवाहमान बनाए रखने के लिए 1650 करोड़ रुपए की दो बड़ी परियोजना चल रही है। शिप्रा के पानी को स्वच्छ रखने कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनाई गई है। इससे कान्ह नदी के गंदे पानी को शिप्रा में मिलने से पहले ही रोक दिया ज

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वहीं, शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाए रखने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का कार्य जारी है। इसके लिए सेवरखेड़ी के पास एक बैराज से पानी को लिफ्ट कर सिलारखेड़ी डैम में डाला जाएगा। 51 एमसीएम पानी स्टोर करने डैम को 25 मीटर तक बढ़ाया जा रहा है। बारिश के बाद इस पानी को शिप्रा में छोड़ा जाएगा जिससे शिप्रा नदी लगातार प्रवाहमान बनी रहेगी। यह परियोजना सितंबर 2027 तक पूर्ण होगी। 15 वर्षों तक कार्य करने वाली एजेंसी संचालन और रखरखाव करेगी। इससे शिप्रा नदी का जल स्वच्छ व निर्मल रहेगा। कान्ह नदी का दूषित पानी शिप्रा नदी में नहीं मिलेगा।

कान्ह डक्ट परियोजना की कुल लंबाई 30.15 किमी होगी। जिसमें 12 किमी टनल है। 18.15 किमी कट एंड कवर भाग होगा। माना जा रहा है कि यह किसी नदी को प्रवाहमान बनाने और दूषित होने से बचाने के लिए देश की पहली योजना है। जिसमें कुंभ 2028 में साधु-संतों के स्नान के लिए स्वच्छ जल तो मिलेगा ही साथ ही शहर वासियों की प्यास बुझाने के साथ-साथ कृषि उपयोग में इस जल का उपयोग लाया जा सकेगा। ​

एक नदी से दूसरी नदी को जोड़ रहे

शिप्रा नदी को शुद्ध करने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य चल रहा है। यह पहला प्रोजेक्ट है जिसमें जमीन के अंदर ही एक नदी को दूसरी नदी से जोड़ा जा रहा है।

जिसमें जमालपुरा गांव के बैराज से शुरू 15 गांवों से होती हुई सिंगावदा के पास गंभीर नदी तक जमीन के अंदर करीब 100 फीट नीचे 12 किमी की इतनी बड़ी टनल और 18.15 किलोमीटर लंबाई में कट एंड कवर (जमीन में नहर बनाकर फिर उसे सीमेंट ब्लॉक से ढंका जाएगा) बनाई जा रही।

ये टनल इतनी विशाल है कि उसमें बड़े डंपर उतरकर साफ-सफाई का काम कर सकेंगे। साथ ही ये दोनों निर्माण जमीन के अंदर होने ऊपर किसान अपनी फसल खड़ी कर सकेंगे।

राेज शिप्रा में मिल रहा 1036 एमएलडी गंदा पानी

शिप्रा नदी में हर रोज करीब 1036 एमएलडी यानी एक अरब 3 करोड़ 60 लाख लीटर गंदा पानी कान्ह के जरिए उज्जैन आ रहा है। कान्ह का पानी शिप्रा नदी को मैला कर रहा है। यह पानी डी कैटेगरी का है। यानी नहाने लायक भी नहीं। जबकि उज्जैन से सिर्फ 92 एमएलडी सीवरेज का पानी निकलता है।

यानी उज्जैन की गंदगी में 11 गुना गंदगी इंदौर से आकर शिप्रा नदी में मिल रही है। तमाम जतन के बाद भी शिप्रा का पानी साफ नहीं हो पा रहा था। अब 919 करोड़ रुपए की कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। इससे पहले 21 सालों में शिप्रा के पानी को साफ करने 650 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं।

हाल ही में टनल में कार्य की गुणवत्ता देखने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव टनल में उतरे थे।

हाल ही में टनल में कार्य की गुणवत्ता देखने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव टनल में उतरे थे।

मोहन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट

यह प्रोजेक्ट मोहन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जमीन से 100 फीट नीचे उतर कार्य का अवलोकन किया था। जहां कठोर चट्टान है वहां टनल निर्माण किया जा रहा है। ठेका हैदराबाद की मेसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड व रीवरवोल्ट हाइड्रो एलएलपी के वेंचर्स को दिया गया है। यह कार्य हाईटेक मशीनों के जरिए किया जा रहा है।

तस्वीरों में देखिए कान्ह नदी का डायवर्शन…

जमालपुरा के पास बैराज के पास से क्लोज डक्ट की शुरुआत होगी

जमालपुरा के पास बैराज के पास से क्लोज डक्ट की शुरुआत होगी

कोकला खेड़ी,छायन, पिपलियाराघो से गंगेड़ी गांव तक कट एंड कवर क्लोज डक्ट करीब 6.90 किमी तक बनेगा।

कोकला खेड़ी,छायन, पिपलियाराघो से गंगेड़ी गांव तक कट एंड कवर क्लोज डक्ट करीब 6.90 किमी तक बनेगा।

इस तरह से डक्ट को क्लोज( बंद) किया जाएगा।

इस तरह से डक्ट को क्लोज( बंद) किया जाएगा।

गंगेड़ी, पालखेड़ी, चिंतामन, जवासिया, बामोरा, देवरा खेड़ी तक करीब 12 किमी तक टनल का निर्माण होगा

गंगेड़ी, पालखेड़ी, चिंतामन, जवासिया, बामोरा, देवरा खेड़ी तक करीब 12 किमी तक टनल का निर्माण होगा

ग्रीन लाइन क्लोज डक्ट और पिंक लाइन टनल को दर्शा रही है

ग्रीन लाइन क्लोज डक्ट और पिंक लाइन टनल को दर्शा रही है

इन गांवों से टनल और क्लोज डक्ट का होगा निर्माण

  • उज्जैन के जमालपुरा से कान्ह डायवर्शन की शुरुआत होगी। जिसमें कोकला खेड़ी, छायन, पिपलिया राघो से गंगेड़ी तक कट एंड कवर क्लोज डक्ट करीब 6.90 किमी तक बनेगा।
  • गंगेड़ी, पालखेड़ी, चिंतामन, जवासिया, बामोरा, देवरा खेड़ी तक करीब 12 किमी तक टनल का निर्माण होगा।
  • इसके बाद फिर से क्लोज डक्ट बनेगा जो देवरा खेड़ी, नलवा,खरेंट, अमीरपुर, बड़वाई, अमीरपुर से सिंगावदा करीब 11.25 किमी का रहेगा।

ऐसे होगी शिप्रा नदी प्रवाहमान

2004 और 2016 में हुए सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान शिप्रा नदी में पानी नहीं होने के चलते शिप्रा नदी में नर्मदा का पानी डालकर संत और करोड़ों लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई थी। हाल ही में सीएम मोहन यादव ने कहा था…

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हमसे पाप हुआ जो हमने भक्तों को शिप्रा की जगह नर्मदा के पानी में डुबकी लगवा दी। लेकिन, अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा।

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सीएम मोहन यादव ने शिप्रा नदी को प्रवाहमान बनाने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना के लिए 614.53 करोड़ स्वीकृत किए। जल संसाधन विभाग इस कार्य को कर रहा है। इस परियोजना में ग्राम सेवरखेड़ी में 1.45 एमसीएम क्षमता का बैराज निर्माण किया जाएगा। बारिश के पानी को यहां से लिफ्ट कर सिलारखेड़ी जलाशय में भेजा जाएगा।

बारिश के दौरान सेवरखेड़ी बैराज से 30 मीटर व्यास के 6.50 किमी पाइप लाइन द्वारा शिप्रा नदी का जल पंपिग स्टेशन बनाकर सिलारखेड़ी जलाशय में भेजा जाएगा। सिलारखेड़ी जलाशय की क्षमता 51 एमासीएम तक बढ़ाया जाएगा।

सिलारखेड़ी जलाशय से 1.80 मीटर व्यास की 7.00 किमी लंबी पाइप लाइन डालकर पानी को शिप्रा नदी में ग्राम कुंवारिया के समीप आवश्यकता अनुसार प्रवाहित किया जाएगा। जिससे शिप्रा नदी वर्ष भर प्रवाह मान बनी रहेगी।

रेड पाइंट में सेवरखेड़ी दिखाई दे रहा है। यहां 1.45 MCM क्षमता का बैराज निर्माण होगा।

रेड पाइंट में सेवरखेड़ी दिखाई दे रहा है। यहां 1.45 MCM क्षमता का बैराज निर्माण होगा।

बैराज के पास पंपिग स्टेशन बनेगा।

बैराज के पास पंपिग स्टेशन बनेगा।

6.50 किमी पाइप लाइन से शिप्रा नदी का जल सिलारखेड़ी जलाशय भेजा जाएगा।

6.50 किमी पाइप लाइन से शिप्रा नदी का जल सिलारखेड़ी जलाशय भेजा जाएगा।

सिलारखेड़ी जलाशय से 1.80 मीटर व्यास की 7 किमी लंबी पाइप लाइन डालकर पानी को शिप्रा नदी में ग्राम कुंवारिया के समीप प्रवाहित किया जाएगा।

सिलारखेड़ी जलाशय से 1.80 मीटर व्यास की 7 किमी लंबी पाइप लाइन डालकर पानी को शिप्रा नदी में ग्राम कुंवारिया के समीप प्रवाहित किया जाएगा।

उज्जैन कुंभ से पहले पूरे होंगे कार्य

उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने कहा कि जमालपुरा के पास खान नदी को डायवर्ट करते हुए लगभग 30 किमी का डायवर्शन बनाया जा रहा है। जिसमें 18 किमी कट एंड कवर और 12 किमी टनल बनेगी।

जिससे कान्ह नदी के गंदा पानी को गंभीर नदी के डाउन स्ट्रीम में छोड़ दिया जाएगा। इसी तरह शिप्रा नदी को वर्ष भर प्रवाहमान बनाने के लिए सेवरखेड़ी के पास एक बैराज बनाकर पानी को लिफ्ट करके सिलारखेड़ी डैम में डाला जाएगा। इस डैम को 25 मीटर तक उठाया जा रहा है।

इसमें 51 एमसीएम पानी स्टोर हो सकेगा। बारिश के बाद इस पानी को शिप्रा नदी में छोड़ा जाएगा। जिससे शिप्रा नदी लगातार प्रवाहमान बनी रहेगी। सितंबर 2027 तक इस कार्य को पूरे करने की डेडलाइन रखी गई है।

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