बसों के संचालन से शहर में यातायात का दबाव कम होगा
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कुमेड़ी में बना इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से मार्च से शुरू हो जाएगा। पहले फेज में यहां से 200 बसें यूपी, राजस्थान, गुजरात, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, भोपाल सहित अन्य रूट पर चलेंगी। इनमें प्रतिदिन हजारों यात्री सफर कर सकेंगे। यह निर्णय बुधवार को संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में हुई जिला प्रशासन, निगम, आईडीए, वन विभाग की समन्वय बैठक में हुआ।
बैठक में संभागायुक्त ने अलग-अलग योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट देखी और समीक्षा की। कहा कि सभी विभाग समन्वय के साथ पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ काम करें। साइट पर जाएं, मॉनिटरिंग करें। संभागायुक्त ने बताया कि आईएसबीटी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। इस बस स्टैंड का संचालन मार्च के मध्य तक शुरू हो जाएगा। बसों के संचालन से शहर में यातायात का दबाव कम हो जाएगा।
- 15 एकड़ में बना है आईएसबीटी
- 14 टिकट काउंटर, 16 रेस्त्रा रहेंगे यहां
- 500 यात्रियों के बैठने की क्षमता परिसर में
सभी बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी सिंह ने निर्देश दिए कि इस बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध रहें। बताया गया कि बस स्टैंड में यात्रियों और बसों के लिए अनेक सुविधाएं मौजूद हैं। आईएसबीटी के पास वाहन संचालकों को बस पार्क करने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा जगह उपलब्ध कराई जाएगी।
आईएसबीटी तक यात्रियों की सुविधा के लिए सिटी बस, ऑटो, ई-रिक्शा आदि लोक परिवहन के साधनों की कनेक्टिविटी की जाएगी। संभागायुक्त ने कहा कि इंदौर विकास प्राधिकरण और नगर निगम की योजनाओं में बाधक आने वाले अतिक्रमणों को हटाया जाएगा। इस दौरान जिन गरीबों के आवास हटेंगे, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के आवास दिए जाएंगे।
बड़ा गणपति फ्लायओवर पर भी चर्चा बड़ा गणपति पर प्रस्तावित फ्लायओवर पर भी चर्चा हुई। अगले एक पखवाड़े में इसकी डीपीआर बनाकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इस काम में इंदौर विकास प्राधिकरण, नगर निगम के सहयोग से यह काम करेगा। एमआर-11, एमआर-12 पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा, आईडीए सीईओ आर.पी. अहिरवार, वनमंडल अधिकारी बीरेंद्र के. पटेल आदि उपस्थित थे।
निगम की डिजिटल छलांग
मई-जून तक हो सकता है निगम का नया पोर्टल लांच
पोर्टल की धीमी गति और बार-बार आने वाली तकनीकी समस्या से लोगों को निजात मिलने वाली है, क्योंकि नगर निगम जल्द ही राजस्व वसूली और अन्य सेवाओं के लिए नया पोर्टल शुरू करने जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया जारी है। मार्च तक एजेंसी का चयन कर काम भी शुरू किया जा सकता है। संभावना है कि मई-जून तक नया पोर्टल लांच हो जाए। प्रशासन की कोशिश है कि अगले दो महीनों में नए पोर्टल के माध्यम से कम से कम संपत्ति कर जमा करने की सुविधा शुरू हो जाए। लोग नए पोर्टल के जरिए ऑनलाइन भी टैक्स जमा कर सकेंगे।
दरअसल, पिछले साल जून में राज्य सरकार ने इंदौर को खुद का पोर्टल शुरू करने की अनुमति दे दी थी। नगर निगम लंबे समय से ई-नगर पालिका पोर्टल से अलग होकर खुद का पोर्टल विकसित करने की मांग कर रहा था, क्योंकि पुराने पोर्टल की धीमी गति और तकनीकी समस्याओं के कारण कर वसूली में बाधा आ रही थी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के अनुसार टेंडर जारी हो चुका है और जल्द ही एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा। दो माह में संपत्ति कर जमा करने की सेवा नए पोर्टल से शुरू हो सकती है।
80-90 लाख दस्तावेज डिजिटल होंगे नए पोर्टल के तहत दस्तावेजों का डिजिटलीकरण भी किया जा रहा है, जिसमें लगभग 80 से 90 लाख दस्तावेजों को डिजिटल रूप में संग्रहित किया जाएगा। इससे नागरिकों को ऑनलाइन टैक्स जमा करने सहित निगम की विभिन्न सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। गौरतलब है कि भोपाल नगर निगम पहले ही ई-नगर पालिका पोर्टल से अलग हो चुका है और अब इंदौर भी अपनी स्वतंत्र ऑनलाइन सेवाएं शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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