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दो लाख रुपए में मकान: जिनके पास जमीन नहीं, उन्हें मिलेगा पट्टा; इसी महीने एमपी में लॉन्च होगी पीएम आवास 2.0 स्कीम – Madhya Pradesh News

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 का फायदा मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों को भी मिलने जा रहा है। दरअसल, मप्र सरकार ने लाड़ली आवास योजना को इस स्कीम में शामिल करने के लिए सहमति दे दी है। बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में भी इसे शामिल किया था।

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इसके साथ ही ये भी तय हो गया है कि 31 मार्च 2025 तक ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के 70 हजार मकान बनाए जाएंगे। इसका फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिनके पास जमीन है। इसके बाद नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक सभी कैटेगरी के 2 लाख 77 हजार मकान बनाने का टारगेट है।

बता दें कि पीएम आवास योजना 2.0 पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर लॉन्च की गई थी। इस योजना में इस बार मिडिल क्लास, गरीब और कामगारों को प्राथमिकता दी गई है। केंद्र सरकार ने योजना का पूरा ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकारों को भेजा था।

मप्र सरकार ने अब इसकी पूरी प्लानिंग कर ली है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसी महीने ये योजना लॉन्च होगी। इसी के बाद स्कीम के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। पीएम आवास 2.0 में किस वर्ग को क्या फायदा मिलने वाला है? एमपी सरकार इस पर कितना खर्च करने जा रही है? इस साल कितने मकान बनाने की प्लानिंग है, पढ़िए मंडे स्टोरी…

इसी महीने लॉन्चिंग, मार्च तक 70 हजार मकानों का टारगेट

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक पीएम आवास 2.0 योजना को इसी महीने लॉन्च किया जा सकता है। नगरीय प्रशासन विभाग ने केंद्र के ड्राफ्ट के मुताबिक इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसे वित्त विभाग की मंजूरी के लिए भेजा गया है। वित्त विभाग से अनुमति मिलने के बाद ये प्रस्ताव जनवरी के तीसरे हफ्ते में कैबिनेट बैठक में आने की संभावना है।

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 31 मार्च 2025 तक 70 हजार ईडब्ल्यूएस हितग्राहियों के लिए मकान बनाने की योजना है। इस योजना का फायदा शहरों में रहने वाले गरीब वर्ग के साथ मिडिल क्लास परिवारों को भी मिलेगा। सरकार ने तय किया है कि जिन लोगों के पास खुद का प्लाट नहीं है उन्हें जमीन का पट्टा भी दिया जाएगा।

साथ ही चार तरह की कैटेगरी बनाई गई है और सालाना आय के तीन क्राइटेरिया भी तय किए गए हैं।

अलग-अलग कैटेगरी में नई पीएम योजना का फायदा चार तरीके ले सकेंगे..

  1. मकान के लिए आर्थिक मदद मिलेगी
  2. सस्ते मकान बनाकर देगी सरकार
  3. किराए पर मकान मिलेगा
  4. होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी

संकल्प पत्र की लाड़ली बहना आवास योजना भी शामिल

मध्य प्रदेश सरकार ने आवासहीन एवं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए लाड़ली बहना आवास योजना को साल 2023 में मंजूरी दी थी। इस योजना को बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में शामिल किया था। योजना के लिए 29 लाख 59 हजार लाड़ली बहनाओं ने आवेदन किया था। मप्र सरकार 4 लाख 75 हजार की पहली लाभार्थी सूची भी जारी कर चुकी है।

इस योजना में महिलाओं को पक्का मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी। जिन्हें पहली किस्त के रूप में 25 हजार रुपए दिए जाने का प्रस्ताव है। इस हिसाब से 300 करोड़ रुपए महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। इस पूरी योजना के लिए सरकार को 5700 करोड़ रुपए की जरूरत है।

प्रदेश सरकार ने योजना पर आ रहे वित्तीय भार को कम करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 में राज्य की लाड़ली बहना योजना को मर्ज कर लिया जाए। इस मंजूरी के बाद ही प्रदेश सरकार ने इस योजना को इसमें शामिल कर लिया है।

अब जानिए, पीएम आवास 2.0 के क्या है कंपोनेंट

किराए के लिए मकानों का पूल तैयार किया जाएगा

अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग के लिए मकानों का पूल तैयार किया जाएगा। ये एग्रीगेटर के माध्यम से होगा। इसमें सार्वजनिक या निजी संस्थाएं शामिल होंगी। राज्य सरकारें एग्रीगेटर के साथ समझौता करेगी। किराया संबंधित के वेतन, शुल्क या पारिश्रमिक से काट सकती हैं।

इस योजना में नई तकनीक का इस्तेमाल करने वाले प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र की तरफ से 3 हजार रु. प्रति वर्ग मीटर का तो राज्य सरकार की तरफ से 2 हजार रु. प्रति वर्ग मीटर का टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रांट दिया जाएगा। राज्य सरकारें इसे दो मॉडल के जरिए लागू कर सकती है। पहला- मौजूदा सरकारी धन के उपयोग से बने खाली घरों का इस्तेमाल करना। दूसरा- नए आवासीय भवनों का निर्माण करना।

5 साल में योजना पर खर्च होंगे 23 हजार 275 करोड़ रुपए

पांच साल में सरकार का टारगेट 10 लाख मकान बनाने का है। इस पर 23 हजार 275 करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार प्रोजेक्ट के लिए 15 हजार 795 करोड़ रुपए देगी वहीं राज्य का अंश 7 हजार 480 करोड़ रुपए होगा।

योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य और जिला स्तर पर दो कमेटियां बनेंगी। राज्य स्तर की टेक्निकल कमेटी तय करेगी कि किस शहर में कौन से एरिया में मकान बनेंगे। इसके सारे तकनीकी पहलू यही कमेटी देखेगी। कलेक्टर्स की अध्यक्षता में जो जिला कमेटी बनेगी वो हितग्राहियों की संख्या और प्रोजेक्ट के लिए जमीन की उपलब्धता देखेगी।

पीएम आवास 2.0 के लिए कैसे कर सकेंगे आवेदन

  • ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन किया जा सकता है।
  • ऑफलाइन आवेदन के लिए इस योजना के लिए जो भी संबंधित ऐजेंसी (राज्य सरकार एजेंसी तय करेगी) उसके दफ्तर में जाकर आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज सबमिट करना होंगे।
  • ऑनलाइन आवेदन के लिए पीएम आवास योजना शहरी की ऑफिशियल वेबसाइट https://pmay-urban.gov.in/ पर जाना होगा। मध्यप्रदेश में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया योजना को कैबिनेट से मंजूरी के बाद शुरू होगी।

पीएम आवास में रजिस्टर्ड मकानों के लिए स्टाम्प ड्यूटी नाम मात्र की होगी

पीएम आवास योजना 2.0 को राज्यों में लागू करने के लिए राज्य और केंद्र के बीच MoA साइन हुआ है। राज्यों को 31 दिसंबर 2024 तक शहरी सुधार का पहला चरण और 30 जून 2025 तक अन्य प्रमुख सुधार करना पड़ेंगे।

  • दिसंबर 2024 तक पीएम आवास योजना 2.0 के तहत रजिस्टर्ड मकान (60 वर्ग मीटर तक) के लिए नाममात्र (1% से कम) स्टांप शुल्क/पंजीकरण शुल्क।
  • जून 2025 तक किफायती आवास के लिए भूमि/क्षेत्र का आरक्षण
  • सिंगल विंडो स्थापित करना जिसमें 60 दिनों के भीतर भवन योजनाओं की स्वीकृति देना।
  • विकास शुल्क, जांच शुल्क, लेआउट जमा और अन्य संबंधित शुल्क/फीस जैसे सभी वैधानिक शुल्कों से छूट का प्रावधान।
  • किराये के आवास को बढ़ावा देने के लिए नए राज्य कानून को लागू कर या मौजूदा किरायेदारी कानून में संशोधन करके मॉडल किरायेदारी अधिनियम को लागू करना। इसका ड्रॉफ्ट केंद्र सरकार राज्यों को भेज चुका है।
  • किफायती आवास बनाने के लिएभूमिहीनों को भूमि अधिकार/पट्टा देना।
  • किफायती आवास के निर्माण के लिए साझेदारी में किफायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराना।
  • अपने अधिकार क्षेत्र में मौजूद जमीन का लैंड बैंक बनाना

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