इटारसी की एक संस्था ने मतांतरण के आरोपों को नकारते हुए आरोप लगाने वालों को चुनौती दी। संचालिका सिस्टर क्लारा ने कहा कि अगर कोई प्रमाण है, तो सामने लाए और बड़ा इनाम मिलेगा। संस्था ने 25 वर्षों में 55 हजार बच्चों की देखभाल और शिक्षा दी है। अर्जुन ठाकुर जैसी सफल हस्तियों का पालन-पोषण किया।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Sat, 30 Nov 2024 11:02:11 PM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Nov 2024 11:02:11 PM (IST)
HighLights
- सिस्टर क्लारा ने मतांतरण आरोपों को चुनौती दी
- संस्था का 55 हजार बच्चों की देखभाल का दावा
- आरोपों के प्रमाण देने पर इनाम देने की घोषणा
नईदुनिया प्रतिनिधि, नर्मदापुरम : जिले के इटारसी में निराश्रित बालिकाओं की परवरिश के लिए संचालित एक संस्था ने मतांतरण कराने का आरोप लगाने वालों को चुनौती दी है। संस्था की संचालक सिस्टर क्लारा ने शनिवार को कहा कि उनके यहां से मतांतरण का एक भी केस हुआ हो तो सामने लाएं। वे ऐसा करने वाले को बड़ा इनाम देंगी।
हिंदू बालिकाओं को यौन शोषण
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि मिशनरी संस्था मतांतरण के लिए निराश्रित हिंदू बालिकाओं को ग्रूम (यौन शोषण) कर रही है। इस आरोप के बाद कई हिंदूवादी संगठन संस्था पर मामला दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
बेसहारा बच्चों की देखभाल
इधर आरोपों के जवाब में सिस्टर क्लारा ने कहा कि हम पिछले 25 सालों से संस्था संचालित कर रहे हैं। अब तक करीब 55 हजार बच्चों के पुनर्वास, शिक्षा और पालन-पोषण का काम हमारी संस्था कर चुकी है। रेलवे स्टेशन पर मिलने वाले निराश्रित, घर-परिवार छोड़ने वाले एवं बेसहारा बच्चों की देखभाल एवं उनका पालन-पोषण यहां किया जाता है।
आरोप के प्रमाण पर इनाम की घोषणा
उनके यहां किसी भी धर्म या मान्यता को बढ़ावा देने जैसी गतिविधियां नहीं होती हैं। क्लारा ने चुनौती भरे लहजे में कहा है कि यदि हमारे द्वारा मतांतरण संबंधी कोई भी गतिविधि की गई है तो आरोप लगाने वाले उसके प्रमाण हमारे सामने पेश करें, हम उन्हें बड़ा इनाम देंगे।
एकलव्य अवार्डी अर्जुन ठाकुर भी यहीं पला-बढ़ा क्लारा ने कहा कि हमारे यहां रहने वाला बच्चा अर्जुन ठाकुर शूटिंग का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बना। भारतीय सेना में है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों उसे एकलव्य अवार्ड मिला। उसके अलावा भी सैकड़ो बच्चों ने अच्छी शिक्षा हासिल कर कामयाबी पाई है।
किशोरी को दुष्कर्मी की बहन को सौंपने का विवाद
यह विवाद एक किशोरी द्वारा एक लड़के पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराने से शुरू हुआ। बताया गया कि किशोरी का उसके मोहल्ले में ही रहने वाले हमउम्र लड़के से संपर्क था। परेशान मां-बाप ने बाल अधिकार आयोग से मदद मांगी थी। आयोग के निर्देश पर उक्त किशोरी को 2023 में बालिका गृह लाया गया। इस साल 21 सितंबर की रात वह फरार हो गई।
प्रबंधन ने आयोग के सदस्यों और पुलिस को इसकी सूचना दी। 23 सितंबर को वह किशोरी अस्पताल में मिली। उसने बालिका गृह जाने से इन्कार कर दिया। उसके बाद पंचनामा बनाकर किशोरी को उसकी कथित बहन के संरक्षण में सौंप दिया गया। किशोरी ने जिसे बहन बताया था, वह आरोपित किशोर की बहन थी। चार दिन बाद आरोपित अपनी बहन के यहां से लड़की को ले गया था।
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