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नामी पहलवान परिवार में दरार! क्यों अलग-अलग सियासी पार्टियों में पहुंचीं बहनें

Rivalry Among Famous Phogat Sisters: फोगाट बहनों ने हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बलाली गांव को खास मुकाम दिलाया. फोगाट बहनों ने पिछले एक दशक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो सफलता हासिल की है उसकी वजह से उन्हें ‘गोल्डन सिस्टर्स’ कहा जाने लगा. उन्हीं में से एक विनेश फोगाट ने पिछले दिनों पेरिस ओलंपिक में 50 किलो वर्ग के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था. हालांकि फाइनल मुकाबले से ठीक पहले वह ओवरवेट पायी गईं और उन्हें रजत पदक से भी हाथ धोना पड़ा. विनेश के निराशा के उस पल में पूरा देश उनके साथ खड़ा था. 

हरियाणा के कई पहलवानों ने उनके समर्थन में अभियान चलाया. लेकिन ऐसे वक्त में भी विनेश की मशहूर बड़ी बहनें उनके साथ नहीं खड़ी थीं. बल्कि वे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये अपनी चचेरी बहन पर निशाना साध रही थीं. इन घटनाओं ने फोगाट बहनों के बीच पेशेवर प्रतिद्वंद्विता की चर्चाओं को फिर से हवा दे दी. ये भी माना जा रहा है कि परिवार में दरार पड़ने की वजह विनेश को मिली बड़ी सफलताएं या हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं. महावीर फोगाट की दूसरे नंबर की बड़ी बेटी बबीता ने 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. जबकि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद माना जा रहा है कि विनेश के सिर पर कांग्रेस का हाथ है.

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सोशल मीडिया को बनाया हथियार
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर की चार बेटियों में सबसे बड़ी गीता फोगाट की हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने इस प्रतिद्वंद्विता को फिर तूल दे दिया. 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट गीता ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “छल का फल छल, आज नहीं तो कल.” हालांकि इस क्रिप्टिक पोस्ट ने लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया, लेकिन कुछ लोगों ने इसे विनेश पर हमला माना. लेकिन गीता यहीं नहीं रुकीं. गीता ने जल्द ही अपने पति पवन सरोहा की पोस्ट को दोबारा पोस्ट किया. इस बार उन्होंने अपनी मां, पति के समर्थन के योगदान को स्वीकार करते हुए एक पोस्ट में अपने चाचा महावीर का उल्लेख नहीं करने के लिए अपनी चचेरी बहन पर सीधा कटाक्ष किया. उन्होंने लिखा, पवन सरोहा की पोस्ट पढ़ें. “विनेश, तुमने बहुत अच्छा लिखा, लेकिन शायद आज अपने चाचा महावीर को भूल गई. शुद्धबुद्धि (विनेश) मिले.” दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर विनेश के भव्य स्वागत, कई टीवी चैनलों पर लाइव-स्ट्रीम और खाप पंचायतों द्वारा उनके स्वागत कार्यक्रम के दौरान गीता की छोटी बहन और पहलवान से नेता बनी बबीता ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में टिप्पणी की, “सफलता का लक्ष्य दूसरों को अपमानित करना वास्तव में विफलता है.”

परिवार में गहराते मतभेद
जब गीता और बबीता ने विनेश के स्वागत कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया तो यह स्पष्ट हो गया कि गीता ने अपनी पोस्ट में क्या कहना चाह रही थीं. गीता और बबीता की जिंदगी की वास्तविक कहानी पर आमिर खान ने दंगल फिल्म बनाई थी, जो काफी हिट रही थी. हालांकि उनकी तीसरी बहन संगीता के पति बजरंग पुनिया इस कार्यक्रम में सबसे आगे थे. बजरंग पुनिया ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. विनेश को डिस्क्वालिफाई किए जाने के बाद से बजरंग उनके साथ खड़े रहे. विनेश ने जब भारत वापसी के बाद आईजीआई एयरपोर्ट से बलाली तक एक रोडशो किया तो गाड़ी में बजरंग उनके साथ थे. विनेश को डिस्क्वालिफाई घोषित किए जाने के बाद बजरगं की पत्नी संगीता ने भी एक भावुक मैसेज पोस्ट किया था. हालांकि द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता महावीर फोगाट ने विनेश के कार्यक्रम में शिरकत की और अपनी भतीजी को गले लगाया. विनेश ने भी अपने चाचा के पैर छूकर उन्हें पूरा सम्मान दिया.

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पहली बार कब दिखी थी प्रतिद्वंद्विता
फोगाट बहनों के बीच प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत तो तभी हो गई थी जब विनेश ने 2023 में तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. विनेश ने बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला पहलवानों के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन, विपक्ष के समर्थन और महिला पहलवानों पर पुलिस की कार्रवाई की वजह से सत्तारूढ़ भाजपा को शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी. उस समय भी बजरंग पुनिया और संगीता विरोध करने वाले पहलवानों के साथ मजबूती से खड़े थे. जबकि बबीता ने यह कहते हुए दूरी बनाए रखने का फैसला किया कि आंदोलन राजनीति से प्रेरित था. 

राजनीतिक रूप से बंट गया था परिवार
2019 में भाजपा के टिकट पर दादरी से विधानसभा चुनाव लड़ने वाली बबीता ने कहा था कि यह प्रदर्शन हरियाणा कांग्रेस के नेताओं के इशारे पर आयोजित किया गया था. उस समय महावीर फोगाट ने भी  पहलवानों के समर्थन में कुछ नहीं कहा था. तब गीता और उनके पति ने आंदोलन का समर्थन किया था. विनेश, पुनिया और साक्षी मलिक सहित प्रदर्शनकारी पहलवानों पर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के इशारे पर राजनीतिक लाभ के लिए आंदोलन करने का आरोप लगाया गया था. लेकिन उसके बाद एक ही कोच और एक ही गांव से एक साथ अपनी कुश्ती यात्रा शुरू करने के बाद  फोगाट बहनों ने खुद को राजनीतिक रूप से बंटा हुआ पाया.

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हुड्डा की मौजूदगी ने आग में घी का किया काम
विनेश की कांग्रेस के साथ बढ़ती नजदीकी जगजाहिर है. उनकी वापसी पर आईजीआई हवाई अड्डे पर रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुडा की मौजूदगी भी इस बात की गवाह है. महावीर फोगाट और उनकी बेटियां पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा से काफी नाराज हैं. महावीर का मानना है कि हुड्डा ने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने के बाद गीता को उसका वाजिब हक नहीं दिया. महावीर ने विनेश को राज्यसभा सीट देने के भूपिंदर हुड्डा के सुझाव पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ बताया. 

निजी महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़े रिश्ते
हरियाणा के राजनीतिक माहौल में, अब दादरी विधानसभा सीट पर बबीता और विनेश के बीच संभावित चुनावी मुकाबले की अटकलें तेज हो गई हैं. बबीता, पिछली बार चुनाव लड़ चुकी हैं, फिर से पार्टी के टिकट की दौड़ में हैं. विनेश ने अभी तक चुनाव लड़ने के बारे में कुछ नहीं कहा है. अगर हरियाणा में फोगाट बहनों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता है, तो इससे बहनों के बीच प्रतिद्वंद्विता बढ़ने की संभावना है, चाहे परिणाम कुछ भी हो. साथ ही यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि निजी महत्वाकांक्षाओं ने फोगाट बहनों के बीच दरार पैदा कर दी है, जो देश में महिला कुश्ती की मशाल वाहक हैं. 

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