0

नितिन गडकरी बोले- एडिबल ऑइल का प्रोडक्शन देश में हो: इंदौर के सोया इंटरनेशनल कॉन्क्लेव में वर्चुअली जुड़े केंद्रीय मंत्री – Indore News

Share

प्रधानमंत्री का सपना है कि भारत दुनिया की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बने। इस साल हमने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने का लक्ष्य साधा है। यह लक्ष्य हासिल करने के लिए हमें अपने देश में से इम्पोर्ट को कम और एक्सपोर्ट को बढ़ाना होगा। एग्रीकल्चर और ए

.

यह बात केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को इंदौर में आयोजित SOPA इंटरनेशनल कॉन्क्लेव में वर्चुअली जुड़कर कही। उन्होंने कहा कि एडिबल ऑइल का जितना भी उपयोग किया जाता है, उसका उत्पादन देश में ही हो। इस उद्देश्य के साथ किसानों के हितों का ध्यान रखना होगा। हम सॉल्वेंट प्लांट को फायदा पहुंचाकर आत्मनिर्भर भारत बनाने में कामगार साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि देश में मलेशिया से जो पाम ऑइल आता है, उसकी वजह से किसानों को उचित मुआवजा मिलने में अड़चन आती है। पूरी इंडस्ट्री को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसका सामना हमें ऑइल इम्पोर्ट करते समय करना पड़ता है। हमें इस बात का मूल्यांकन करना है कि वर्ल्ड मार्केट में सोया केक का मूल्य क्या चल रहा है। देश में काफी संशोधन के बाद सोया केक को इम्पोर्ट किया जाता है। बीज की उत्पादकता को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। अभी मौजूदा प्लांट्स की पूरी क्षमता से उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इम्पोर्ट की वजह से एक्सपेंडिचर काफी बढ़ जाते हैं। इसी वजह से अभी हम कहीं न कहीं पीछे हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ

डॉ. आर. के. माथुर, डायरेक्टर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑइल सीड्स रिसर्च (IIOR) ने कहा कि प्रोटीन की कमी को दूर करने में सोया प्रोडक्ट्स काफी सहायक हैं। इसका प्रॉडक्शन बनाने के लिए कीमत को किफायती बनाना होगा। किसी एक फसल के बजाए एक से ज्यादा फसलों की वैराय​​​​​​टी पर ध्यान देना होगा। यह प्रॉफिट बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।

एक से अधिक फसलों पर ध्यान देगा होगा

डॉ. आर. के. माथुर, डायरेक्टर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑइल सीड्स रिसर्च (IIOR) ने कहा कि किसी एक फसल की वैरायटी के बजाय के बजाए एक से अधिक पर ध्यान देना होगा। यह प्रॉफिट रेश्यो बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है। एफपीओ को शामिल किया जाना भी बहुत जरुरी है। इससे न सिर्फ वैल्यू चैन मजबूत होगी बल्कि बेहतर सिस्टम भी स्थापित हो सकेगा। साथ ही विभिन्न व्यवसायियों के बीच प्रतिस्पर्धा कम होगी और रिसर्चर्स को भी बढ़ावा मिलेगा।

दूसरे नंबर पर आना चिंताजनक

डॉ. के. एच. सिंह डायरेक्टर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सोयाबीन रिसर्च (IISR) ने कहा कि सोयाबीन देश में एक दशक से भी अधिक समय से ऑइल सीड्स में नंबर 1 बना हुआ है। इस वर्ष में दूसरे स्थान पर दर्ज किया गया जो चिंता का विषय है। इस पर काम किया जाना बहुत जरुरी है। प्रोडक्शन की मात्रा बढ़ाने पर इसकी कीमत को किफायती बनाया जा सकेगा।

प्रोटीन की कमी को दूर करने में सोया प्रोडक्ट्स काफी सहायक

डॉ. रतन शर्मा ने कहा सोयाबीन के स्टोरेज के मामले में ह्यूमिडिटी की भूमिका बेहद मायने रखती है। यदि स्टोरेज उचित नहीं होगा, तो इसकी गुणवत्ता भी उचित नहीं होगी। जी. चंद्रशेखर, ने कहा सोयाबीन फूड है, फीड है, फ्यूल है। प्रोटीन की कमी को दूर करने में सोया प्रोडक्ट्स काफी सहायक है।

किसान और प्रोसेसर्स बना सकते हैं आत्मनिर्भर

कॉन्फ्रेंस को डॉ. देविश जैन, नरेश गोयनका, डिप्टी चेयरमैन, सोपा और गिरीश मतलानी, सेक्रेटरी ने होस्ट किया।डॉ. देविश जैन (चेयरमैन, सोपा) ने कहा की किसानों और प्रोसेसर्स को न्याय दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष किया है। आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने के लिए सोपा के प्रयास अंततः सफल रहे हैं। यह हमारे तेल और तिलहन क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश खाद्य तेल आयात पर हर साल 1.50 लाख करोड़ रुपए विदेशी मुद्रा में खर्च करता है। यह एक बड़ा आर्थिक बोझ है भारत के किसान और प्रोसेसर्स मिलकर देश को आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

फ्यूचर्स ट्रेडिंग पर पैनल चर्चा में मॉडरेटर डी. एन. पाठक के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण सेशन आयोजित हुआ। पैनल में अजय केडिया, बदरुद्दीन (एमसीएक्स), श्रीअमित जैन (एबिस एक्सपोर्ट्स) और मनोज अग्रवाल (एमओईएल) ने भाग लिया। इस सत्र में फ्यूचर्स ट्रेडिंग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव और विचार साझा किए।

#नतन #गडकर #बल #एडबल #ऑइल #क #परडकशन #दश #म #ह #इदर #क #सय #इटरनशनल #कनकलव #म #वरचअल #जड़ #कदरय #मतर #Indore #News
#नतन #गडकर #बल #एडबल #ऑइल #क #परडकशन #दश #म #ह #इदर #क #सय #इटरनशनल #कनकलव #म #वरचअल #जड़ #कदरय #मतर #Indore #News

Source link