बड़वानी जिले के ग्राम उचावद में एक सराहनीय नेत्रदान की घटना सामने आई है। पूरी बाई के निधन के बाद उनके परिवार ने नेत्रदान करने का निर्णय लिया, जिससे दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को नई दृष्टि मिल सकेगी।
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बलकुआँ के जगदीश मुकाती और भगवान परमार ने मृतका के परिजनों से नेत्रदान की सहमति प्राप्त की। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता अजित जैन के माध्यम से डॉ. चक्रेश पहाड़िया को सूचित किया गया। डॉक्टर और अजित जैन आवश्यक उपकरणों के साथ तत्काल ग्राम उचावद पहुंचे।
डॉ. पहाड़िया ने बताया कि नेत्रदान की प्रक्रिया में केवल कॉर्निया को निकाला जाता है, जो मात्र 20 मिनट में पूरी हो जाती है। यह प्रक्रिया रक्तहीन होती है और मृत शरीर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाती। निकाले गए कॉर्निया को एम के इंटरनेशनल आई बैंक इंदौर भेजा गया।
रोटरी क्लब के सचिव ललित जैन ने परिजनों से आवश्यक सहमति पत्र भरवाया। क्लब ने मृतका के पुत्र मोहन हम्मड, मांगीलाल हम्मड, पौत्र प्रकाश हम्मड, दिनेश हम्मड, किरण दुबे और पूरे परिवार का इस मानवीय कार्य के लिए आभार व्यक्त किया।
डॉक्टर पहाड़िया ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि सिर्वी समाज सेवा कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। यह नेत्रदान दो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में प्रकाश लाएगा, जिन्होंने कभी इस दुनिया को नहीं देखा। यह कार्य दुःख की घड़ी में भी मानवता की मिसाल पेश करता है।
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